हाउस का हंगामा
सवालों के जवाब से सदन में नहीं बचा जा सकता ?
पटौदी जाटोली मंडी परिषद की बैठक में हंगामा लोगों में बना चर्चा
सवाल-परेशानियां पार्षदों की व्यक्तिगत नहीं यह मतदाताओं के ही सवाल
जिनकी जिम्मेदारी जवाबदेही की सवालों के जवाब सदन में सार्वजनिक करें
सबसे बड़ा सवाल और जिज्ञासा 5 महीने में परिषद क्षेत्र में क्या नया कार्य
फतह सिंह उजाला
पटौदी। पटौदी जाटोली मंडी परिषद गठन के बाद पहली सामान्य बैठक ही आम लोगों के बीच सदन में हुए हंगामा को लेकर चर्चा का विषय बन गई लोगों के द्वारा भी उनकी प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। लाख टके का सवाल यह है कि सदन में सवाल पूछना या पार्षदों के द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को सदन में अध्यक्ष के सामने नहीं रखा जाना चाहिए ? यह विषय भी अलग हो सकता है कि समस्याएं रखने वाला या सवाल पूछने वाला जनप्रतिनिधि है या फिर हाउस में सदस्यों के द्वारा चुना गया चेयरमैन या फिर वाइस चेयरमैन है ? इसके अतिरिक्त जो भी कमेटी बनाई जाती हैं , उस कमेटी का कोई पदाधिकारी भी सवाल पूछ सकता है, समस्याएं रख सकता है। किसी भी सदस्य की व्यक्तिगत मांग या समस्या को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया जाना चाहिए, इस बात पर किसी को भी ऐतराज नहीं होगा।
केंद्र में भाजपा की सरकार, क्षेत्र के सांसद भाजपा के सांसद और केंद्र में मंत्री, पटौदी क्षेत्र की विधायक भाजपा की विधायक, पटौदी जाटोली मंडी परिषद के चेयरमैन भी भाजपा की टिकट पर ही चुने गए चेयरमैन ही है । पटौदी जाटोली मंडी परिषद से ऊपर हाउस की बात की जाए तो गुरुग्राम नगर निगम मेयर भी भाजपा के ही हैं । इसलिए समीकरण को देखा जाए तो आम लोगों की शिकायतें समस्याएं युद्ध स्तर पर सुनते हुए उनका समाधान होना चाहिए। पार्षदों के ही मुताबिक नियम अनुसार 3 महीने में हाउस की बैठक होना चाहिए। सवाल यह है कि हाउस की बैठक के लिए किसके आदेश मान्य होंगे ? इसका जवाब पटौदी जाटोली मंडी परिषद के कार्यकारी अधिकारी या फिर जनता के चुने हुए जन प्रतिनिधि ही बेहतर तरीके से देने में सक्षम है?
पटौदी जाटोली मंडी परिषद हाउस की बैठक में सबसे महत्वपूर्ण बात अथवा सवाल यही पूछा गया की 23 मार्च के बाद से बैठक होने के दिन तक जितना भी खर्चा हुआ है ? उसका हिसाब किताब सदन में सार्वजनिक किया जाए। करीब 5 महीने पहले जो फाइनेंस कमेटी बनाई गई थी, उसके द्वारा किए गए काम की भी जानकारी सदन में सभी के समक्ष रखी जाए। नगर परिषद के विभिन्न 22 वार्ड में
क्या-क्या विकास के कार्य किए गए हैं ? यह जानकारी भी बैठक में ही मांगी गई । इसी कड़ी में सवाल किया गया परिषद सीमा क्षेत्र में सभी सामुदायिक भवन में जो साफ सफाई के कार्य का क्या प्रावधान है तथा इसका क्या खर्चा है ?
हैरानी की बात यही है कि इस प्रकार की सामान्य जानकारी और जनता के सवाल के जवाब हाउस में क्यों नहीं दिए जा सके ? यही सवाल अपने आप में सवाल बन गए । डी प्लान के अन्तर्गत कोई भी कार्य है ,उसके बारे में पार्षद से पता किया जाए । वर्तमान में नगरपरिषद में कितने सफाई कर्मचारी है , उनकी लिस्ट दी जाए और सफाई कर्मचारियों की कमेटी बनाई जाए। नगरपरिषद में कितनी लाईट है और किस पार्षद की कितनी लाईट अलाट हुई है, उसके प्रस्ताव के बारे में बताया जाए। गौवंश (नन्दी) को उठवाने का जो ठेका हुआ है, उसके बारे में बताया जाए। यह बेहद सामान्य सवाल जिनका जवाब निश्चित रूप से सरकार की पारदर्शिता नीति को जनता के चुने हुए जन प्रतिनिधियों के साथ आम जनता तक भी सरकार नीति और नियत को बताने के लिए पर्याप्त रहता । लेकिन चर्चा सबसे अधिक हाउस में हंगामा को लेकर ही लोगों के बीच बनी हुई है।
यह कार्य भी होने चाहिए इसीलिए ध्यान दिलवाया
मीटिंग हाल में तथा पूरे नगरपरिषद कार्यालय में फुल एचडी सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाने चाहिए । सरकार की भी पॉलिसी यही है, सभी सरकारी विभागों कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे अवश्य लगाएं जाएं। परिषद सीमा क्षेत्र में शामिल गांव छावन से बंध तक जाटौली मण्डी में स्ट्रीट लाईट लगवाई जानी चाहिए। परिषद के ही विभिन्न वार्ड की बात की जाए तो वार्ड नं 19 वार्ड नं0 13 चार्ड नं0 21 तथा बार्ड नं 5 में कुछ लोग कई सालों से रह रहे है, उनकी रजिस्टरी नहीं है ? उसके बारे में सदन में जानकारी देते हुए लोगों की परेशानी को दूर किया जाना चाहिए। परिषद की बैठक में जवाब की तलाश में यह सवाल है, जयदेव कालौनी पार्ट 2 वार्ड नं 21 बंध के पास कार्य का टेंडर लगा हुआ है, इसका काम क्यों नहीं हो रहा है।
रामपुर रोड़ टोडापुर में नगरपरिषद द्वारा बेची गई 8 दुकानों के पीछे 3-3 गज खाली जगह पड़ी है । जिसमे आने जाने का रास्ता भी नही है तथा दुकानदारों की दुकानों की दीवार में पानी जाता है। सभी दुकानदार नगरपरिषद की इस जगह में अपना सामान डालकर या एसी लगाकर प्रयोग कर रहे है। दुकानदार इस जमीन के छोटे छोटे टुकड़े को नगरपरिषद द्वारा तय किए रेट पर खरीदने के लिए तैयार है । इस जगह को दुकानदारों को दिया जाए।
नगरपरिषद क्षेत्र में रेनवाटर हारवेस्टिंग लगवाई जाए। जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधियों और परिषद हाउस में परिषद अधिकारियों सहित अध्यक्ष को बिना किसी भेदभाव के जनता की जिज्ञासाओं को शांत करना चाहिए। अब जिज्ञासा इसी बात को लेकर बनी हुई है कि आगामी बैठक कब बुलाई जाएगी ? उस बैठक से पहले पिछली बैठक में पारित किए गए प्रस्ताव की गुरुग्राम में रुकी हुई फाइलें क्या चंडीगढ़ मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने क्या काम कर लिया जाएगा ?
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