आयुष्मान के तहत निजी अस्पतालों में बंद हुए पित्त, किडनी की पथरी, रसौली, मोतियाबिंद व बच्चेदानी के ऑपरेशन
अब नागरिक अस्पताल के चार सर्जन पर होगा ऑपरेशन का भार
प्रतिदिन इन बीमारियों के जिले के निजी अस्पतालों में होते थे 50 से अधिक ऑपरेशन
नागरिक अस्पताल में नही है दूरबीन से ऑपरेशन की सुविधा
अब अस्पताल में ऑपरेशन के लिए मरीजों को होगी परेशान
जींद /12 जून /अटल हिन्द ब्यूरो
सरकार द्वारा आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana)के तहत निजी अस्पतालों में होने वाले पित्त की पथरी, किडनी की पथरी, रसौली, मोतियाबिंद और बच्चेदानी का ऑपरेशन बंद कर दिए गए हैं। निजी अस्पतालों में इस तरह के प्रतिदिन लगभग 50 ऑपरेशन होते थे। अब नागरिक अस्पताल में इन ऑपरेशन के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल(Civil Hospital) में दूरबीन से ऑपरेशन की सुविधा नहीं है। इसके चलते नागरिक अस्पताल में इन बीमारियों में ऑपरेशन करवाने के लिए आने वाले मरीजों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दूरबीन से ऑपरेशन आसानी से हो जाते हैं लेकिन नागरिक अस्पताल में यह ऑपरेशन चीरा के साथ होने से ज्यादा दिनों तक मरीज को आराम की स्थिति में रहना होगा।
जिले में सात लाख 56 हजार मरीज आयुष्मान योजना के तहत कवर होते हैं। जिले में आयुष्मान योजना के तहत 18 अस्पतालों का सरकार के साथ अनुबंध था। इनमें इन बीमारियों के 50 से ज्यादा मरीजों का ऑपरेशन होता था। जिले के सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद व बच्चेदानी का ऑपरेशन पहले से ही नहीं हो रहा था। इसके लिए पीजीआई रेफर किया जाता था। अब निजी अस्पतालों में इन बीमारियों के ऑपरेशन बंद होने से नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ेगी और मरीजों को वेटिंग में रह कर इलाज करवाना पड़ेगा। इससे पहले इस योजना से उल्टी, दस्त और दमा जैसे सांस संबंधी रोगों का इलाज भी हटा दिया गया था। पहले यह ऑपरेशन आयुष्मान कार्ड पर निजी अस्पतालों (Private Hospitals)में हो जाते थे।
आयुष्मान योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में दूरबीन से होने वाली मोतियाबिंद, बच्चेदानी, पित्त और किडनी की सर्जरी की सुविधा भी बंद हो गई है। पहले इन ऑपरेशनों का पूरा खर्च योजना से कवर होता था। अब मरीजों को 30 से 50 हजार रुपये तक जेब से खर्च करना पड़ सकता है। जिले की आबादी लगभग साढ़े 14 लाख है। इसके बावजूद सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद, बच्चेदानी और आंख की पुतली की सर्जरी की सुविधा नहीं है। इससे जरूरतमंद मरीजों को या तो निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराना पड़ रहा है। नागरिक अस्पताल में महीने में औसतन 15 तक मरीज बच्चेदानी के ऑपरेशन तो मोतियाबिंद के 10 तक मरीज पहुंच रहे हैं।
सीएमओ डा. सुमन कोहली ने बताया कि मरीजों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। ऑपरेशन की सुविधा उचाना के नागरिक अस्पताल में भी शुरू हो चुकी है। जींद नागरिक अस्पताल में चार सर्जन कार्यरत हैं। प्रतिदिन अस्पताल में ऑपरेशन होते हैं। आयुष्मान योजना के तहत जिन बीमारियों के ऑपरेशन बंद हुए हैं। उन बीमारियों के ऑपरेशन अब नागरिक अस्पताल में करवाए जा सकते हैं।
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