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हरियाणा बीजेपी की मनोहर सरकार से परेशान हुए व्यापारी

हरियाणा बीजेपी की मनोहर सरकार से परेशान हुए व्यापारी
बोले आढ़तियों की मांगे मानो वरना अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ साथ  विधायकों व  मुख्यमंत्री के निवास का भी घेराव किया जायेगा

कैथल, 17 सितम्बर(अटल हिन्द ब्यूरो /कृष्ण गर्ग)
हरियाणा का व्यापारी वर्ग भी अब हरियाणा की मनोहर सरकार से परेशान नजर आने लगा है जिसके चलते व्यापारियों ने हरियाणा बीजेपी की मनोहर सरकार  को चेताते हुए कहा है की प्रदेश के आढ़तियों की मांगें नहीं मानी गई तो आढ़ती अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान प्रदेश भर में विधायकों के साथ- साथ मुख्यमंत्री के निवास का भी घेराव किया जायेगा । उक्त घोषणा कैथल के लक्ष्मी नारायण मंदिर में आढ़तियों की एक बैठक में लिये गया। आढ़तियों ने किसानों से भी अपील की वे भी आढ़तियों की हड़ताल में साथ दे और इसके साथ ही मंडियों में परेशानी से बचने के लिये अपनी फसल लेकर ने आये। बैठक की अध्यक्षता जिला मंडी प्रधान अश्वनी शोरेवाला तथा नई अनाज मंडी प्रधान श्याम लाल गर्ग नोच ने की। इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किसानों की फसल अम्बानी,अडानी को बेचने की योजना फेल हुई तो सरकार ने अपने कानून वापस लेते हुए दोबारा से चोर दरवाजे से इन कंपनियों को बेचने का निर्णय लिया है।उन्होंने बताया कि किसान की फसल मंडी में आने पर सीधे तौर पर नहीं बिकेगी,अपितु किसान की ढेरी को ऑनलाइन ई नेम पोर्टल पर यानी कंप्यूटर में डाला जायेगा। जिसको देख भारत में रहने वाला कहीं से भी उस ढेरी को खरीद करेगा।ऐसे में यदि कैथल की मंडी में आई फसल की ढेरी मुंबई के किसी व्यापारी ने खरीद लिया तो वह उसको कैसे, किसकी मार्फत तुलाई करवाया जाएगा और किसान को उसकी अदायगी कौन देगा। सरकार बीच में होने पर सारी फसल मंडियों में व्यापारियों को नीलामी के माध्यम से ने बेच कर अम्बानी अडानी को ई नेम के माध्यम से बेची जायेगी। बैठक में उन्होंने बताया कि हमने अपनी निम्न लिखत मांगो  को पहले भी  कई बार सरकार के समक्ष रखी हैं, परन्तु सरकार हमारी मांगे नहीं मान रही है।  इसीलिए हरियाणा के आढ़ती 10 सितंबर को गोहाना में एक बड़ी रैली के रूप में इक्क्ठे   हुए और जहां सभी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती तो 19 सितंबर से हरियाणा की सभी मंडियां बंद कर दी जाएगी अर्थात आढ़ती अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेगें।  प्रदेश भर में  19 तारीख से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल को  कामयाब  करने की तैयारियों के लिए आज
कैथल मंडी में बैठक में रूपरेखा तैयार की गई।
रूपरेखा निम्न प्रकार से होगी:-
1. 19 सितंबर से हड़ताल के समय सभी आढ़ती मंडी में एक जगह इकट्ठे  होकर दो-तीन घंटे के लिए सरकार की नीतियों के विरोध प्रदर्शन करेंगे ।
2. हड़ताल के दूसरे दिन यानी मंगलवार 20 सितंबर को सभी मंडियों के आढ़ती इकट्ठे   होकर 11 बजे से 1 बजे तक सरकार के विधायक,मंत्री या अन्य पदाधिकारी के निवास पर प्रदर्शन करेंगे और ज्ञापन देगे।
3. *अगर सरकार फिर भी नहीं मानी तो हड़ताल के तीसरे दिन यानी बुधवार 21 सितंबर को हरियाणा के ज्यादा से ज्यादा आढ़ती मुख्यमंत्री आवास करनाल में प्रदर्शन करके सी एम निवास का घेराव किया जायेगा। इस दौरान ज्ञापन भी दिया जायेगा। ज्ञापन देने के लिए आढ़ती पहले नई अनाज मंडी करनाल के शेड नंबर 3( स्टेज वाला सैड)  में सुबह 10..30 बजे इकट्ठा  होंगे । अनिश्चितकालीन हड़ताल की आगे की रणनीति बुधवार 21 सितंबर  को करनाल में हीे बनाई जाएगी ।बैठक में लिये गये इस फैसले का आढ़तियों ने सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इसके साथ बैठक के बाद जिला कैथल की सभी मंडियों के प्रधानों ने बैठक कर यह भी निर्णय लिया गया कि किसान नेता भी अपनी फसल को अम्बानी, अडानी आदि के हाथों में जोन से बचाये और आढ़तियों का पुरे जोर से साथ दे। इसके साथ यह निर्णय भी लिया गया है कि हड़ताल के दौरान किसान भाइयों की सुविधा के लिए उनकी उपज को मंडी में उतारा जाएगा, परंतु भराई, तुलाई, सिलाई या बेची नहीं जाएगी । बैठक में जिला मंडी प्रधान अश्वनी शोरेवाला, नई मंडी प्रधान श्याम लाला नौच, पुरानी मंडी प्रधान श्याम बहादुर, विस्तार मंडी प्रधान रघुवीर सिंह, राम कुमार गर्ग, रतन लाल खुरानियां, राम नारायण जाखौली,राम कुमार खऱानियां, बीरभान जैन आदि अनेक आढ़ती उपस्थित थेू।
 *सरकार से हमारी प्रमुख मांगे निम्नानुसार है*
  1.  *फसलों की खरीद व पूरी आढ़त*
किसानों की सभी फसलें सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आढ़तियों के माध्यम से ही खरीदी जाए  और आढ़त पूरी 2..5 प्रतिशत मिलनी चाहिए जो की पिछले दो सीजन से गेहूं पर रुपये 46 प्रति क्विंटल और धान पर 45.80 दी गई है। जोकि सरासर गलत है जिसकी मांग बारे आपसे बार बार आग्रह किया गया है कि हमें पूरी आढ़त दिलाई जाए ।
2. *डायरेक्ट पेमेंट*
पिछले वर्ष से ही एम एस पी वाली फसल का भुगतान सीधे किसानों को दिया जाने लगा है, इस से आढ़तियों के साथ-साथ किसानों में बहुत रोष है अत: आपसे निवेदन है कि  सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली सभी फसलों का भुगतान किसान की इच्छा अनुसार आढ़ती  या किसान के स्वयं के खाते में अदा किया जाना चाहिए ।3. *ई-नेम* अभी कुछ दिन हुए मार्केटिंग बोर्ड ने द्बारा ई-नेम लागू करने के लिए आदेश जारी किया ।  इस विषय पर हम पहले भी बहुत बार चर्चा हो चुकी है की प्राइवेट बिकने वाली फसलों पर यह प्रक्रिया लागू नहीं हो सकती।  ई ट्रेडिंग फिनिश्ड गुड्स की हो सकती है, जबकि हमारी मंडियों में आने वाली फसलें एक तरह से कच्चा माल है। इसलिए यह प्रक्रिया हमारी मंडियों में
लागू नहीं की जाए ।
4. *सीमांत किसानों की फसले*
सीमांत किसानों को ई खरीद पोर्टल पर  रजिस्टर्ड करने के बाद भी सरकार ने उनकी फसलें नहीं खरीदी है, जबकि यह सभी सीमांत किसान बहुत वर्षों से हरियाणा की मंडियों से ही जुड़े हुए हैं और उनमें से  बहुत से किसान हरियाणा के ही रहने वाले है।  इस धान सीजन में सरकार के द्वारा उनका धान  नहीं खरीदने के कारण किसानों और आढ़तियों को बहुत नुकसान हुआ है इस से इनमें भारी रोष है। अत: सरकार आगामी सीजन में सभी सीमांत किसानों की फसलों की खरीद जरूर करें
5.  *धान पर मार्केट  फीस कम किया जाये।*
सन 2020 में आपने धान पर मार्केट व एचआरडीएफ फीस 4 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दी थी परंतु अभी फिर से विभाग ने यह फीस 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दी है।  जबकि पड़ोसी राज्यों में यह टैक्स हमारे हरियाणा से बहुत कम है व  दूसरे प्रदेशों में टैक्स कम होने के कारण व्यापारी हरियाणा की बजाय दूसरे प्रदेशों से धान खरीद रहे हैं। इससे हरियाणा के किसानों को धान के दाम कम मिल रहे हैं। अत: सरकार इसे दोबारा 4 की बजाय 1प्रतिशत कर दिया जाए।
6. *सरकार द्वारा धान की खरीद*
परमल धान की सरकारी खरीद 15 सितंबर से शुरू होनी चाहिए क्योंकि आजकल जो धान की किस्में आ रही है वो लगभग 90 दिन मे तयार होने वाली है और किसान 15 जून से अपनी धान की फसल लगा देता है, जो 15 सितंबर से आनी शुरू हो जाती है ।  इसलिए धान की सरकारी खरीद 15 सितंबर से शुरू हो जानी चाहिए । आजकल धान की जो उन्नत किस्में आ रही है उनकी इल्ड 40 कुंतल प्रति एकड़  तक पहुंच जाती है । अत: सरकार से मांग है कि किसान की पूरी फसल एम एस पी पर खरीदी जाए ।
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