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छात्रों व ग्रामीणों ने की तालाबंदी   ,मनोहर सरकार की सरकारी स्कूलों को आपस में मर्ज करने का  साइड इफेक्ट आना शुरू 

छात्रों व ग्रामीणों ने की तालाबंदी   ,मनोहर सरकार की सरकारी स्कूलों को आपस में मर्ज करने का  साइड इफेक्ट आना शुरू
पटौदी के लोकरी में ग्रामीणों ने लगाया सरकारी स्कूल पर ताला
स्कूल के गेट पर ताला लगाकर बाहर छात्रों सहित बैठे ग्रामीण
पिछले काफी समय से स्कूल में विभिन्न विषय के टीचरों की कमी
पटौदी के चौथे सरकारी स्कूल में टीचरों की कमी पर लगा ताला

अटल हिन्द ब्यूरो /फतह सिंह उजाला
पटौदी। हरियाणा में गठबंधन सरकार के द्वारा सरकारी स्कूलों को आपस में मर्ज करने के साइड इफेक्ट तेजी से आने आरंभ हो चुके हैं । प्रतिदिन प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी के मामले को लेकर तालाबंदी की खबरें सुर्खियां बन रही है ।
इसी कड़ी में हरियाणा राज्य को स्वर्गीय राव वीरेंद्र सिंह के रूप में मुख्यमंत्री देने वाले पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव लोकरी के गवर्नमेंट हाई स्कूल में गुरुवार को गुस्साए अभिभावकों और ग्रामीणों के द्वारा तालाबंदी कर दी गई । ढांचागत विकास जितना जरूरी है , उससे कहीं अधिक आवश्यक है बच्चों को सस्ती और बेहतर शिक्षा उपलब्ध हो सके । हालांकि मौजूदा एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के कार्यकाल में 1 वर्ष के दौरान पटौदी क्षेत्र में ही लगभग एक दर्जन विभिन्न सरकारी स्कूलों का अपग्रेडेशन किया जाना भी हरियाणा की राजनीति में एक इतिहास की बात है। दूसरी ओर अफसोस जनक बात यह भी है कि बीते लगभग एक पखवाड़े के दौरान पटौदी विधानसभा क्षेत्र के ही विभिन्न सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के टोटे को लेकर अभिभावकों के द्वारा अपने अपने बच्चों की पढ़ाई सहित भविष्य की चिंता को लेकर तालाबंदी का सिलसिला बना हुआ है ।
गुरुवार को गांव लोकरी में यह चौथा मामला रहा, जब सरकारी स्कूल पर ग्रामीणों – अभिभावकों के द्वारा अनिश्चित काल के लिए तालाबंदी कर दी गई। जैसे ही इस तालाबंदी की सूचना पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार और खंड शिक्षा अधिकारी डॉक्टर धर्मपाल के संज्ञान में आई , वह मामले को सुलझाने के लिए और अभिभावकों को समझाने के लिए मौके पर पहुंचे । इसके साथ ही दोनों अधिकारियों के द्वारा अभिभावकों और ग्रामीणों की समस्याओं को भी गंभीरता के साथ में सुना गया। दूसरी ओर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं सहित अभिभावक और ग्रामीण सरपंच कुलदीप, मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन ईश्वर मऊ, सुखराम, सेवकराम, प्रीतम सिंह, धर्मपाल, विक्रम यादव , भीम सिंह, मोहन सिंह , मामचंद , दलिप सिंह, नाहर सिंह, जुगति राम, उमेद हवलदार, ओमवीर , राजवीर ,हवा सिंह, लीलू राम इत्यादि का तर्क है कि सरकार के द्वारा और शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के द्वारा बिना होमवर्क किए स्कूलों को आपस में मर्ज किया जा रहा है । इससे पहले जो स्कूल अपग्रेड किए गए, उनके आसपास जो स्कूल मौजूद हैं और गांव हैं , वहां के लोगों की राय मूसारी भी लेना जरूरी नहीं समझा गया ।
स्कूल के बाहर ही धरने पर बैठे ग्रामीणों के द्वारा सीधे-सीधे आरोप लगाया गया कि एक योजना के तहत गवर्नमेंट हाई स्कूल मऊ लोकरी की छात्र संख्या को घटाकर पड़ोसी गांव में सीनियर सेकेंडरी स्कूल में छात्र संख्या बढ़ाने का खेल खेला जा रहा है । जिससे कि आने वाले समय में यह स्कूल पूरी तरह से बंद हो जाएगा। इसी मामले में मौके पर पहुंची छात्र-छात्राओं की माताओं के द्वारा साफ साफ शब्दों में शासन प्रशासन शिक्षा विभाग और सरकार को चेतावनी दी गई है कि जब तक स्कूल में सभी अध्यापकों की नियुक्ति नहीं हो जाती, स्कूल के गेट पर लगाया गया ताला किसी कीमत पर नहीं खोला जाएगा । इतना ही नहीं स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की माताओं के द्वारा यहां तक चेतावनी दे दी गई है कि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया तो पास में ही मौजूद दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे को भी जाम किया जाएगा । इसके लिए पूरी तरह से हरियाणा सरकार और शिक्षा निदेशालय की जिम्मेदारी होगी । स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के मुताबिक स्कूल में गणित, अंग्रेजी, हिंदी , सोशल साइंस , ड्राइंग , कंप्यूटर टीचर , मुख्य अध्यापक के पद खाली पड़े हैं। यह पद लगभग बीते 1 महीने से खाली हैं , संबंधित विषयों के अध्यापक नहीं होने के कारण उनकी पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हो चुकी है । इसी महीने अंतिम सप्ताह में एग्जाम होने हैं, इन एग्जाम में जो नंबर मिलेंगे उसके बाद ही बोर्ड एग्जाम में बैठने छात्रों को मौका मिलेगा। छात्रों ने भी सवाल किया कि जब अध्यापक ही नहीं है तो पढ़ाई कैसे करें और जब पड़ेंगे नहीं तो बिना नंबर के बोर्ड के एग्जाम देना और पास करना संभव ही नहीं रह जाएगा । छात्र-छात्राओं ने बेहद भारी मन के साथ में कहा एक तरफ तो देश के पीएम और हमारे प्रदेश के सीएम बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा दे रहे हैं , दूसरी ओर आज हालात यह बन गए हैं कि बेटा-बेटियां अध्यापकों के बिना सकूल में ताले लगने की वजह से अपने अपने घर में बैठने को मजबूर हो गए ह। मौजूदा समय में गवर्नमेंट हाई स्कूल मऊ लोकरी मैं लगभग 402 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं । यहां पढ़ने वाले छात्र आसपास के गांव के ही निवासी हैं । स्कूल में गुरुवार को तालाबंदी की वजह से यहां जो भी अध्यापक वर्ग कार्यरत है, वह भी स्कूल के बाहर से ही लौटने के लिए मजबूर हो गए। क्योंकि जब स्कूल के गेट पर ताला लगाकर ग्रामीण धरना देकर बैठ गए ऐसे में स्कूल में जाना संभव ही नहीं रहा।

प्राइवेट टीचर का प्रस्ताव
स्कूल में तालाबंदी की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी से संपर्क कर स्कूल में बने हालात और यह के अध्यापकों की कमी के विषय में चर्चा की। इसके उपरांत खंड शिक्षा अधिकारी डॉ धर्मपाल के द्वारा ग्रामीणों के सामने प्रस्ताव रखा गया कि ग्रामीण चाहे तो जिन विषयों के अध्यापक नहीं है , उन विषयों के अध्यापक अपने स्तर पर स्कूल स्कूल में छात्रों की पढ़ाई के लिए रख सकते हैं । इन अध्यापकों का वेतन विभाग के उच्च अधिकारियों से बात कर एनजीओ या फिर सीएसआर के माध्यम से भुगतान करवा दिया जाएगा । लेकिन ग्रामीणों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया ।
जल्द से जल्द होगा समस्या का समाधान
इस मामले में अपने निर्वाचन क्षेत्र पटौदी से बाहर गए हुए एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा कहा गया है कि चंडीगढ़ में शिक्षा विभाग के और शिक्षा निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मामले की गंभीरता और छात्र वर्ग के एग्जाम को प्राथमिकता देते हुए जल्द से जल्द स्कूल में अध्यापक को की नियुक्ति के प्रयास किए जाएंगे । उन्होंने कहा पढ़ाई जीवन में सभी के लिए बहुत जरूरी है , हरियाणा सरकार की नीतियां भी शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए बनी हुई है । एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा कहा गया है कि स्कूल में तालाबंदी का मामला उनके संज्ञान में आने के बाद स्कूल में संबंधित विषयों के अध्यापकों की कमी की जानकारी लेकर इस बात के गंभीरता और तत्परता से प्रयास किए जा रहे हैं कि जल्द से जल्द यहां अध्यापकों की नियुक्ति हो । जिससे कि युवा छात्र वर्ग अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए एग्जाम में बेहतर से बेहतर अंक प्राप्त कर अपने सपनों को साकार कर सके।

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शुक्रवार को फिर से होगी पंचायत
गुरुवार को लोकरी गांव में गवर्नमेंट हाई स्कूल मऊ लोकरी में तालाबंदी के बाद देर शाम तक ग्रामीणों के द्वारा ताला नहीं खोला गया । इस बात की ग्रामीणों के द्वारा स्कूल में ताला लगाते समय ही घोषणा कर दी गई थी कि जब तक स्कूल में पर्याप्त संख्या में अध्यापक नहीं आ जाएंगे , तब तक ताला नहीं खोला जाएगा। आगे की रणनीति क्या हो और किस प्रकार से बच्चों की पढ़ाई को जल्द से जल्द रूटीन में लाया जा सके ? इन सब मुद्दों को लेकर शुक्रवार को गांव मऊ और गांव लोकरी के ग्रामीणों की सांझा पंचायत बुलाई गई है । अब इस पंचायत पर ही सभी की नजरें लगी हुई हैं की पंचायत में क्या कुछ फैसला सभी की राय मूसारी के बाद लिया जा सकेगा । लेकिन जो हालात बने हैं ऐसे में इस बात से इंकार नहीं की आने वाले दो-तीन दिन तक स्कूल का ताला खुल सकेगा। जिस प्रकार से ग्रामीणों के द्वारा अल्टीमेटम दिया गया है ग्रामीण अपने बच्चों और बोर्ड एग्जाम को लेकर बच्चे अपने भविष्य को लेकर बेहद चिंतित दिखाई दे रहे है।ं
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