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सीढ़ियां बेहद जर्जर हालत में आम जनमानस की जान का बनी दुश्मन

हेलीमंडी आर ओ बी की सीढ़ियां जर्जर और जान की दुश्मन बनी

रेलवे लाइन के दोनों तरफ आर ओ बी पर चढ़ने और उतरने के लिए 72 सीढ़ियां

11 अगस्त 2009 को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने किया आर ओ बी का उद्घाटन

उतरने चढ़ने में आधा दर्जन मोड और यहां टाइलें हो चुकी है गायब

प्रतिदिन कोई ना कोई आर ओ बी पर चढ़ते उतरते हो रहा हादसे का शिकार

उद्घाटन के बाद 15 वर्ष बीतने पर एक बार भी मरम्मत नहीं की गई

फतह सिंह उजाला

पटौदी । डबल इंजन वाली भाजपा की हरियाणा प्रदेश में हैट्रिक से तीसरी बार सरकार बनी है। लगातार दावे किए जा रहे हैं समस्याओं के समाधान और लोगों की सुविधाओं के लिए । इस मामले में विभिन्न विभाग और विभागों के अधिकारी कितनी गंभीरता से और संवेदनशीलता के साथ काम कर रहे हैं ? यह देखना है तो एक बार पटौदी से कुलाना के बीच हेली मंडी रेलवे ओवर ब्रिज पर चढ़ने और उतरने वाली सीढ़ियो पर आवागमन के बिना अनुभव अधूरा ही रहेगा।

दिल्ली रेवाड़ी रेल खंड पर रेलवे लाइन के ऊपर हेली मंडी और जाटोली के बीच में लगभग 8 करोड रुपए की लागत से ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के तहत तैयार किए गए इस आर ओ बी का उद्घाटन पूर्व सीएम कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के द्वारा 11 अगस्त 2009 को किया गया। इसके बाद में सत्ता परिवर्तन हुआ और 2024 में तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की हैट्रिक वाली सरकार बन गई । समय बीतने के साथ-साथ इस आर ओ बी पर विभिन्न प्रकार की समस्याएं भी जी का जंजाल बनने के साथ समाधान के साथ समाप्त होती चली गई । लेकिन सबसे गंभीर समस्या इस रेलवे ओवर ब्रिज के ऊपर आवागमन के लिए बनाई गई सीढ़ियां बनी हुई है। मौजूदा समय में इस आर ओ बी के हेली मंडी और जाटोली दोनों तरफ सीढ़ियां बेहद जर्जर हालत में आम जनमानस की जान का दुश्मन बनती चली आ रही है।

आसपास के दर्जनों गांव से पटौदी रेलवे स्टेशन के लिए आवागमन करने वाले और रोजी-रोटी के लिए रेल में सफर करने वाले लोग आर ओ बी से आने जाने के लिए सीढ़ियो का ही इस्तेमाल करते आ रहे हैं । मौजूदा समय में यहां पर आवागमन के लिए कुल 72 सीढ़ियां हैं और नीचे से ऊपर तक आधा दर्जन कट अथवा मोड भी बने हुए हैं। सीढ़ियो की हालत इतनी जर्जर और खस्ता हाल हो चुकी है, प्रतिदिन यहां पर कोई ना कोई व्यक्ति सीढ़ियो पर फिसल कर हादसे का शिकार हो रहा है । सबसे गंभीर समस्या दिन ढले हो जाती है ,जब दिन ढलने के बाद रेवाड़ी और दिल्ली की तरफ से आने वाली ट्रेन से उतरकर आसपास के गांव में जाने वाले लोग सीढ़ियो से आर ओ बी के ऊपर वाहन पकड़ने के लिए पहुंचते हैं । स्कूली बच्चों से लेकर बुजुर्ग महिलाएं पुरुष सभी का आवागमन हो रहा है। सीढ़ियो की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है, लगाई गई टाइल गायब है, मजबूती प्रदान करने के लिए लोहे के एंगल भी आर ओ बी की इन 72 सीढ़ियो में से अधिकांश के गायब हो चुके हैं । इस बात से इनकार नहीं की विभागीय लापरवाही और अधिकारियों की अनदेखी के कारण लोहे के एंगल वाली सपोर्ट को चोरी किया जा चुका है।

रेलवे लाइन के इस तरफ और रेलवे लाइन के उस तरफ कुल मिला करके इस आरोही पर 174 सीढ़ियां हैं। इसके साथ ही एक दर्जन कट अथवा मोड से घूमते हुए ही नीचे से ऊपर आवागमन संभव है । सीढ़ियां इतनी असमतल हो चुकी है की कितनी ही सावधानी से आवागमन किया जाए, दिन भर में कई लोगों का फिसल कर गिरना और चोट लगा सामान्य बात हो चुकी है । कई बार तो बुजुर्ग महिलाएं और पुरुष भी यहां पर सीढ़ियो से फिसल कर  हादसे का शिकार हो चुके । आसपास के गांव से रेलवे और ब्रिज के ऊपर उतर कर पटोदी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के लिए आवागमन करने वाले सुंदर सिंह, प्रीतम, धनराज, सविता, प्रेम सिंह, शिव कुमार ,चंद्रभान, बबलू ,राजकुमार सहित स्थानीय आसपास के दुकानदारों का कहना है कि स्थानीय विभाग और संबंधित अधिकारी निश्चित रुप से किसी न किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं । संबंधित विभाग और अधिकारियों को बिना देर किए रेलवे लाइन के दोनों तरफ  हेलीमंडी और जाटोली साइड में सीढ़ियों की तत्काल मरम्मत करते हुए रेलिंग को भी आन जनता की सुविधा के लिए सुधार किया जाना चाहिए।

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