हेल्थ मिनिस्टर एक्सपेरिमेंट नहीं अपॉइंटमेंट करें –
पर्ल चौधरी
पटौदी की दोनों गायनोलॉजिस्ट का रोटेशन ट्रांसफर का मुद्दा
गर्भवती महिलाओं और परिजनों को झेलनी पड़ेगी गंभीर परेशानियां
रेवाड़ी और गुरुग्राम के बीच में एकमात्र पटौदी नागरिक अस्पताल
हेल्थ मिनिस्टर के फैसले में सामाजिक और पॉलीटिकल मेच्योरिटी नहीं
फतह सिंह उजाला
पटौदी । गुरुग्राम संसदीय क्षेत्र के जिला गुरुग्राम से एक साथ आठ गाइनेकोलॉजिस्ट का रोटेशन ट्रांसफर विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है। गुरुग्राम के सेक्टर 10 नागरिक अस्पताल से आधा दर्जन और पटौदी के नागरिक अस्पताल से दो गायनोलॉजिस्ट का ट्रांसफर हरियाणा की हेल्थ मिनिस्टर और अटेली से विधायक आरती सिंह राव के निर्देश पर निदेशालय स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के द्वारा नारनौल के जिला नागरिक अस्पताल के लिए किए गए हैं। इस विषय में पटौदी से विधानसभा चुनाव लड़ने वाली हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी एससी सेल की प्रदेश महासचिव श्रीमती पर्ल चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि हरियाणा की हेल्थ मिनिस्टर को इस प्रकार के एक्सपेरिमेंट करने से बचना चाहिए। जहां-जहां भी महिला रोग विशेषज्ञ अथवा गाइनेकोलॉजिस्ट की कमी है, वहां स्थाई रूप से गाइनेकोलॉजिस्ट की अपॉइंटमेंट करवाने चाहिए या फिर इस विषय में निर्देश देने चाहिए । इस प्रकार के एक्सपेरिमेंट किए जाने से संबंधित गाइनेकोलॉजिस्ट पर गर्भवती महिलाओं के उपचार सहित उनके प्रसव के लिए भी अतिरिक्त दबाव बना निश्चित है।
गौर तलब है कि पटौदी के नागरिक अस्पताल में दो गाइनेकोलॉजिस्ट कार्यरत हैं । उपलब्ध जानकारी के मुताबिक इनमें से एक गायनोलॉजिस्ट के द्वारा 17 नवंबर से अवकाश के लिए आवेदन किया गया है। इसी कड़ी में दूसरे गाइनेकोलॉजिस्ट को स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य निदेशालय के निर्देशानुसार 25 नवंबर को नारनौल नागरिक अस्पताल में अपना कार्यभार 14 दिन के लिए संभालना होगा। ऐसी भी जानकारी मिली है कि इन दोनों में से एक गाइनेकोलॉजिस्ट गर्भवती है तथा उसके द्वारा मैटरनिटी लीव पर जाना भी निश्चित है । इन हालात में संपूर्ण पटौदी विधानसभा क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में कोई भी महिला रोग विशेषज्ञ अथवा गाइनेकोलॉजिस्ट के नहीं रहने के स्थिति में गर्भवती महिलाओं को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना किया जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। पटौदी नागरिक अस्पताल के अलावा फरुखनगर में भी नागरिक अस्पताल है । इसके साथ ही क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला, मंदपुरा, हेली मंडी सरकारी अस्पतालों में कोई भी महिला रोग विशेषज्ञ अथवा गाइनेकोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं है।
कांग्रेस नेत्री श्रीमती पर्ल चौधरी ने सवाल उठाते हुए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा का ध्यान आकर्षित करते कहा है कि पटौदी क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं जिनका की निकट भविष्य में प्रसव भी होना है । उनके सुविधाजनक और सुरक्षित प्रसव की क्या अतिरिक्त व्यवस्था की गई है ? या फिर इन सबको प्राइवेट अस्पतालों के भरोसे पर ही छोड़ दिया गया है । मातृत्व सुख को प्राप्त करने वाली गर्भवती महिलाएं जो कि पटौदी नागरिक अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ अथवा गाइनेकोलॉजिस्ट से नियमित अपनी जांच करवा रही है, पूरी केस हिस्ट्री और किस गर्भवती महिला के साथ क्या समस्याएं प्रसव काल में हो सकती है ? इसका पूरा हिसाब किताब अथवा जानकारी संबंधित डॉक्टर या गाइनेकोलॉजिस्ट के पास पहले से उपलब्ध है । इस बात से भी इनकार नहीं की गर्भवती महिलाओं के सामान्य प्रसव के अतिरिक्त सिजेरियन ऑपरेशन की भी जरूरत पड़ सकती है। इस स्थिति में यदि पटौदी नागरिक अस्पताल में कोई भी महिला रोग विशेषज्ञ या फिर गाइनेकोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं रहेगा, तो गंभीर स्थिति करने से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता। आपात स्थिति में गर्भवती महिला को रेवाड़ी या फिर गुरुग्राम के लिए ही रेफर करना एकमात्र विकल्प बचेगा । दूसरी तरफ मुंह मांगे दम पर प्राइवेट अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए जाना मजबूरी हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट और कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कहा है कि अटेली की विधायक और हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव को इस पूरे प्रकरण में दिए गए अपने निर्देश अथवा आदेश की एक बार फिर से समीक्षा करते हुए गर्भवती महिलाओं गर्भवती शिशु के हित को प्राथमिकता देते हुए पुनर्विचार करना चाहिए । उन्होंने कहा जिला गुरुग्राम के अतिरिक्त नारनौल के आसपास जहां कहीं भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र अथवा अस्पताल हैं। वहां पर उपलब्ध महिला रोग विशेषज्ञ या फिर गाइनेकोलॉजिस्ट को नारनौल जिला नागरिक अस्पताल में रोटेशन पर ट्रांसफर की अविलंब समीक्षा करते हुए नए सिरे से आदेश करने चाहिए।
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