07 सितम्बर को जींद में होने वाले परिचय सम्मेलन को लेकर पूरे उत्तर भारत में बिग नेटवर्क तैयार, 450 से ज्यादा स्थानों पर बनाए गए है रजिस्ट्रेशन सेंटर, अग्रवाल समाज के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने दी जानकारी, हरियाणा में तो हर जिले, हर विधानसभा क्षेत्र और हर मंडी व कस्बे में रजिस्ट्रेशन की सुविधा कराई गई है उपलब्ध
जींद/22 जुलाई/अटल हिन्द ब्यूरो
अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा द्वारा आगामी 07 सितम्बर को जींद के महाराजा अग्रसेन स्कूल में उत्तर भारत का ऐतिहासिक विवाह योग्य अग्रवाल युवक युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष एवं समारोह के आयोजक डा. राजकुमार गोयल ने बताया कि इस ऐतिहासिक परिचय सम्मेलन को लेकर पूरे उत्तर भारत में बिग नेटवर्क तैयार किया गया है। उत्तर भारत में कुल 450 से ज्यादा स्थानों पर रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए गए है। इस अवसर पर रामधन जैन, सावर गर्ग, पवन बंसल, दीपक गर्ग, मनीष गर्ग, रजत सिंगला, गोपाल जिंदल, राजेश गोयल, बजरंग लाल सिंगला, जयभगवान सिंगला, सतीश कुमार, सुनील गोयल, सुभाष डाहौला, नरेश अग्रवाल, सुशील सिंगला इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। परिचय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विवाह योग्य अग्रवाल युवक-युवतियों का परिचय करवाना, समाज में रिश्तों के संजाल को मजबूत करना, सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना और नई पीढ़ी को एक मजबूत वैवाहिक मंच उपलब्ध करवाना है।
गोयल ने बताया कि सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए पूरे उत्तर भारत में एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया गया है। जहां हरियाणा में करीबन 300 स्थानों पर रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए गए हैं वही उतर भारत के अन्य राज्यों में 150 से ज्यादा स्थानों पर ये सेंटर बनाए गए हैं। इस प्रकार पूरे उत्तर भारत में कुल 450 से ज्यादा स्थानों पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। हरियाणा में तो हर जिले, हर विधानसभा क्षेत्र और हर मंडी व कस्बे में रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है। गोयल ने बताया की यह सम्मेलन आज तक का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा। सम्मेलन में हजारों अग्र बंधुओं की उपस्थिति में सैकड़ो विवाह योग्य प्रत्याशी अपने जीवन साथी का चयन करेंगे। इस सम्मेलन में देश-प्रदेश के दर्जनों राष्ट्रीय अग्रवाल नेता मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि परिचय सम्मेलन आज के समय की जरूरत बन कर रह गया है। यह न केवल जीवन साथी चयन की प्रक्रिया को सरल, गरिमापूर्ण और पारदर्शी बनाता है बल्कि समाज को संगठित भी करता है।
इस अवसर पर रामधन जैन व सावर गर्ग ने कहा कि आज हमारे समाज में बहनो की उम्र 30-30, 35-35 साल से पार हो गई है लेकिन उनके हाथों में अभी तक मेहंदी नहीं लगी है। ऐसी बहनें के रिश्ते समय पर हो जाने चाहिए थे, लेकिन बिचौलिये पन की भूमिका नगारा होने के कारण उन बहनों के रिश्ते नहीं हो पाए। यही स्थिति हमारे भाईयों के साथ भी है। ऐसे हालात में परिचय सम्मेलन समाज की जरूरत बन गया है। सम्मेलन से जहां मनपसंद रिश्ता मिलने में आसानी हो जाती है वहीं दहेज प्रथा जैसी बीमारी को रोकने में भी आसानी होती है। इस सम्मेलन में भाग लेकर लड़का लड़की ढूंढने से लेकर देखा दिखाई तक बहुत सारी परेशानियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा जिन घरों में शादी के कुछ साल बाद पति या पत्नी की आकस्मिक मौत हो जाती है या फिर अवांछित कारणों से तलाक की घटना घट जाती है ऐसे में दोबारा विवाह का स्थायी समाधान भी परिचय सम्मेलन ही है। इन सभी आवश्यकताओं के मद्देनजर जीन्द में यह विशाल परिचय सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया है।
पूर्व युगों में भी होता था परिचय सम्मेलन :
युवा नेता पवन बंसल और सोनू जैन ने बताया कि परिचय सम्मेलन की शुरुआत सिर्फ कलयुग में ही शुरू हुई ऐसा नहीं है। प्राचीन युगों में भी परिचय सम्मेलन का उदाहरण सामने आता है। त्रेता व द्वापर युग में भी परिचय सम्मेलन होने का जिक्र मिलता है। इन युगों में परिचय सम्मेलन को स्वयंवर के नाम से जाना जाता रहा है। भगवान श्रीराम द्वारा शिव धनुष तोड़ कर सीता का चयन करना परिचय सम्मेलन का ही एक सशक्त उदाहरण रहा है। ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि परिचय सम्मेलन स्वयंवर का ही एक आधुनिक रूप है।
25 सालो से करवाए जा रहे है परिचय सम्मेलन :
मनीष गर्ग और रजत सिंगला ने बताया कि संस्था द्वारा 2001 में जीन्द में परिचय सम्मेलनों की नींव रखी गई थी। अब तक 25 सालों में पूरे हरियाणा में दर्जनों परिचय सम्मेलनों के माध्यम से सैकड़ों रिश्ते हो चूके है। अकेले जींद में ही 2001, 2005, 2009, 2013 व 2018 में उत्तर भारत स्तर के परिचय सम्मेलन आयोजित किए जा चूके है। इन सम्मेलनों में मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, अरविंद केजरीवाल मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत कर चूके है।
विदेशों तक से आते है रिश्ते :
प्रधान राजकुमार गोयल ने बताया कि इन विवाह योग्य परिचय सम्मेलनों में हर तरह के रिश्ते आते हैं। डॉक्टर, इंजीनियर, सफल बिजनेसमैन से लेकर तलाकशुदा युवाओं का भी पंजीकरण होता है। एक ही मंच पर पसंद करने के लिए कई ऑप्शन मिल जाते हैं। विदेशों तक से पढे लिखे युवक युवतियां अपने जीवन साथी की तलाश में परिचय सम्मेलनों में भाग लेते है। इन परिचय सम्मेलनों से काफी रिश्ते मैच्योर होते है इसलिए आज कल अभिभावक अपने विवाह योग्य संतानों के उचित रिश्तों के लिए इन परिचय सम्मेलनों में काफी रुचि दिखाने लगे है।
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