किसकी मंजूरी से किया जाता है नगर कौंसिल द्वारा जप्त किया हुआ समान वापिस ?
इसका जिम्मेवार कौन?
शहर से उठाया गया सामान बिना चालान काटे क्यों किया जाता है वापिस ?
रोहित गुप्ता
जीरकपुर 26,सितम्बर
शहर में लगातार हो रहे अवैध निर्माण के कारण शहर की तस्वीर धुंधली होती जा रही है। नगर परिषद द्वारा अवैध निर्माणकर्ताओं को रोकने के लिए एंक्रोचमेंट विंग की एक टीम बनाई हुई है जो लगातार चेकिंग करके अवैध निर्माण करने वालों का सामान उठाकर उनका काम बंद करवा देती है। अवैध निर्माण के इलावा शहर में रेडी फड़ी वाले भी सड़कों किनारे एंक्रोचमेंट करते हैं तो उनका सामान भी टीम द्वारा जप्त कर लिया जाता है। यदि नियमों की बात करें तो यह जप्त किया हुआ सारा सामान एक स्टोर में रखा जाना चाहिए और इसका रिकार्ड दर्ज करने के बाद उसकी लिस्ट सुपरिंटेंडेंट दे दी जाती है,
लेकिन यहां सब कुछ इसके उलट हो रहा है। यहां जितना भी सामान जप्त किया जाता है उसकी सारी जिम्मेवारी नगर परिषद टीम में शामिल कच्चे कर्मचारियों के हाथ में ही है। जो अपनी मन मर्जी से किसी भी समय उठाया हुआ सामान स्टोर में रख देते हैं और अपनी ही मर्जी से उठाकर वापिस दे देते हैं। मिली जानकारी अनुसार इस स्टोर का चार्ज नगर परिषद के सुपरिंटेंडेंट के पास होता है और कोई भी सामान टीम द्वारा जपत किया जाता है तो उसकी पूरी की पूरी जानकारी व जिम्मेवारी सुपरिंटेंडेंट को के पास होती है। जिसके बाद जप्त सामान सुप्रीडेंट द्वारा चालान काटा जाता है उसके बाद जुर्माना लगाकर समान छोड़ा जाता है और उसकी रसीद काटी जाती है। जिसकी सारा रिकार्ड उनके पास मौजूद होता है और इसके बाद उसकी सारी डिटेल नगर परिषद के अकाउंट्स विभाग के पास भी दर्ज होनी चाहिए।
बॉक्स
बिना रिकार्ड दर्ज किए व सामान की रसीद के बिना दे दिया जाता है सामान
अगर नगर परिषद जीरकपुर में मौजूदा स्थिति की बात करें तो यहां पर एंक्रोचमेंट टीम द्वारा सामान उठाकर लाया जाता है और जिसका का कोई रिकार्ड या रशीद नही काटी जाती, बल्कि किसी की सिफारिश आते ही 15 मिनट बाद सामान छोड़ दिया जाता है। जिम सामान की ना ही कोई एंट्री होती है, ना ही सुपरिंटेंडेंट के पास कोई जानकारी होती है और ना ही कोई चालान काटा जाता है। जबकि सामान उठाने से लेकर, शहर में चक्कर काटने, गाड़ी का तेल, टीम के कर्मचारियों की तन्खवाह से लेकर अन्य खर्चे भी किए जा रहे हैं। जिसका सारा खर्च नगर परिषद के राजस्व पर भारी पड़ रहा है। जिसका कोई फायदा नही हो रहा है।
जानकारी के अनुसार दो दिन पहले ढकोली क्षेत्र से भी एंक्रोचमेंट टीम द्वारा ऐसे ही अवैध निर्माण के चलते सामान उठाया गया था। जिसका का मालिक रसूखदार होने के चलते सामान वापिस कर दिया गया था, जो यहां सवाल उठाता है कि या तो इसमें भ्रष्टाचार हो रहा है या फिर अधिकारियों पर कोई उच्च स्तरीय दबाव है। जिसकी जांच होनी चाहिए।
कोट्स
शहर से जप्त किया हुआ सामान रखने के लिए हम एक अलग से स्टोर बना रहे हैं और उसका रिकॉर्ड भी रखा जाएगा जिसकी चाबी संबंधित अधिकारी के पास ही होगी। इसके लिए हम कल एक सुपरडेंट भी तैनात कर देंगे।
अशोक पथरिया, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद जीरकपुर।
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