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भारत में कोविड  की भयानक स्थिति,सभी के लिए चेतावनी की घंटी =UNICEF

भारत में कोविड  की भयानक स्थिति,सभी के लिए चेतावनी की घंटी =UNICEF
UNICEF ने भारत में कोविड की स्थिति को बताया ‘भयानक’, कहा- ये हम सभी के लिए चेतावनी की घंटी होनी चाहिए
UNICEF on India’s COVID Situation: संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) ने भारत में कोविड-19 महामारी की वर्तमान स्थिति को चिंताजनक बताया है. एजेंसी ने कहा है कि भारत में कोविड-19 की ‘भयानक’ स्थिति ‘हम सभी के लिए’ चेतावनी होनी चाहिए और इसकी प्रतिध्वनि वायरस संबंधी मौतों, वायरस में बदलाव और आपूर्ति में देरी के संदर्भ में क्षेत्र और विश्व में तबतक सुनाई देगी, जबतक दुनिया इस देश की मदद के लिए कदम नहीं उठाएगी. संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी के प्रमुख ने यह बात कही है.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) ने भारत को 20 लाख फेसशील्ड और दो लाख मास्क सहित अहम जीवनरक्षक सामान की अतिरिक्त की आपूर्ति की है (India Coronavirus Update). एजेंसी की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोर ने मंगलवार को कहा, ‘भारत की भयानक स्थिति ने हम सभी के लिए चेतावनी की घंटी बजा दी है.’ उन्होंने कहा, ‘जबतक दुनिया भारत की मदद के लिए कदम नहीं उठाती, तबतक वायरस संबंधी मौतों, वायरस में बदलाव और आपूर्ति में देरी सबंधी प्रतिध्वनि क्षेत्र एवं पूरी दुनिया में सुनाई देगी.’
तीन लाख से अधिक मामले आ रहे
भारत इस समय कोरोना वायरस की दूसरी घातक लहर का सामना कर रहा है और यहां रोजाना तीन लाख से अधिक नए मामले और 3 हजार से अधिक मौत दर्ज की जा रही हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार, भारत में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 20.6 मिलियन है और यहां 226,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. संगठन का कहना है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र के अन्य देशों में भी मामले बढ़ रहे हैं लेकिन यहां के कुल मामलों और मौत के आंकड़ों में भारत की भागीदारी 90 फीसदी की है.

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भारत में ऑक्सीजन की कमी
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि बीते हफ्ते वैश्विक स्तर पर सामने आए नए मामलों और मौत की संख्या में क्रमश: 46 फीसदी और 25 फीसदी भारत से थे (India Coronavirus Stats). यूनिसेफ का कहना है कि दक्षिण एशिया में जो कुछ देखा जा रहा है, वैसा कहीं नहीं देखा गया. एजेंसी ने कहा, ‘मरीजों के परिवार वाले मदद मांग रहे हैं क्योंकि वहां मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन की कमी हो गई है. वहां के स्वास्थ्यकर्मी परेशान हैं. जिससे स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव है. इसके कारण कई जानें जा रही हैं.’

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