AtalHind
शिक्षाहरियाणा

अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों का एक अप्रैल के बाद क्या होगा ?

अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों का एक अप्रैल के बाद क्या होगा ?
अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों को 31 मार्च तक ही संचालित करने के आदेश
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी गुरुग्राम ने खंड शिक्षा कार्यालय से सूची मांगी
Advertisement
फर्रूखनगर में अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों के संचालकों में बना असमंजस

फतह सिंह उजाला
पटौदी। अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों को शिक्षा विभाग की ओर से मार्च माह तक ही संचालित करने के आदेश है। इसके बाद विभाग की ओर से इनके बंद करने को कहा गया है। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी गुरुग्राम ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से इस प्रकार के स्कूलों की सूची मांगी है। साथ ही यह भी हिदायत दी गई है कि इस प्रकार के स्कूलों में नये सत्र के लिए बच्चों का दाखिला ना हो। वहीं शहरी व ग्रामीण क्षेत्र फरुखनगर में शिक्षा के नाम पर निजी स्कूलों की बाढ़ सी आ गई है।
यहां शहरी क्षेत्र और देहात के गांवों समेत सरकार से मान्यता प्राप्त उंगलियों पर गिनने लायक ही स्कूलों के बावजूद यहां पर शिक्षा विभाग व स्थानीय प्रशासन की बरती जा रही लापरवाही व अनदेखी के चलते सैकड़ों गैर मान्यता प्राप्त स्कूल भी बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर धडल्ले से चल रहे हैं। इतना ही नहीं इन स्कूलों के संचालक अभी से आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते अभिभावकों को लुभाने के लिए नए नए हथकंडे अपनाने के अलावा आपसी ताल्लुकात के सहारे और बिजली के पोल, पोस्टरों, बैनरों तथा डिश एंटीना के माध्यम से प्रचार के साथ-साथ अब घर-घर जाकर अभिभावकों के सामने अपने स्कूलों की तारीफों के पुल और दूसरे स्कूलों के गुण-दोष गिनवाते हुए बच्चों को उनके यानि अपने ही स्कूलों में दाखिला करवाने के अनुनय विनय में जुटे हैं।
Advertisement
फरुखनगर शहर के साथ-साथ गांवों में भी निजी स्कूलों की भरमार का अंदाजा इसी बात से बखूबी लगाया जा सकता है कि बीते कई दिनों से यहां लोगों को प्रातरू वक्त उठने पर किसी ना किसी निजी नए स्कूल के खुलने का पोस्टर अथवा उपलब्धि के नाम पर अपनी ही पीठ स्वयं थपथपाने वाले पंपलेट देखने को मिल रहे है। बताते चले कि शहर में चाहे कोई शिक्षा का सरकारी संस्थान हो अथवा सरकारी महकमे का दफ्तर, चाहे धार्मिक स्थल हो अथवा निजी दुकान, मकान आदि की दीवारों पर बिना अनुमति प्राप्त किए ही रात में चोरों की भांति दीवारों पर स्कूलों के पोस्टर चिपकाए जाने से आम जनता में रोष है कि उनकी दीवारों की सफेदी तथा बेशकीमती पेंट निजी स्कूल वाले खराब करने में लगे हैं। क्षेत्र के जागरूक लोगों का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी फरुखनगर व जिला शिक्षा अधिकारी को बिना मान्यता प्राप्त शहर फरुखनगर व देहात के गांवों में धडल्लेपूर्वक चल रहे ऐसे स्कूलों पर प्रभावी तरीके से लगाम लगानी चाहिए।
खंड शिक्षा अधिकारी रणधीर सिंह का कहना है कि अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों को 31 मार्च तक ही संचालन के आदेश है। उच्चाधिकारियों द्वारा इन स्कूलों की सूची मांगी गई है। साथ ही इन स्कूलों में बच्चों के दाखिले पर भी विभाग की ओर से रोक लगाई गई है। उन्होंने बताया कि हमारे ब्लॉक में 54 गांव लगते हैं जिनमें कुल 42 मान्यता प्राप्त स्कूल है। गैर मान्यता प्राप्त एवं अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए ब्लॉक को 13कलस्टर मे विभाजित किया गया है। विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य को कलस्टर प्रमुख बनाया गया है। कलस्टर प्रमुख को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच पुरी होने पर इन स्कूलों को नोटिस जारी किया जाएगा।
Advertisement
Advertisement

Related posts

पीके दास ने  14 शिकायतों में से 11 शिकायतों का किया निपटारा किया 

admin

ना हरयाणा सरकार ना 112 काम आया ,जीन्द विकास संगठन मौके पर पहुंचा,यात्रियों को बाहर निकाला,खाने पीने का सामान दिलाया

admin

हरियाणा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में देश में पहले नंबर पर

editor

Leave a Comment

URL