फ़क़ीर भिखारी की मौज ही मौज ना खाऊंगा ना खाने दूंगा
भिखारी ने भिखारियों की चावल थाली ही छीन ली
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गरीबों के लिए शुरू की गई ‘भारत राइस योजना’(Bharat Rice Yojana’) के तहत वितरण और विक्रय में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में पंजाब और हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की है. ईडी ने रविवार को बताया कि उसके जालंधर जोनल ऑफिस ने 23 मई को यह कार्रवाई की. छापेमारी में कुल 2.02 करोड़ रुपए की नकदी और लगभग 1.12 करोड़ रुपए का सोना बरामद हुआ है. इसके अलावा कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, कागजात और रिकॉर्ड भी बरामद और जब्त किए गए हैं.जालंधर स्थित प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने 23 मई को हरियाणा और पंजाब के कई आवासीय और व्यापारिक परिसरों पर बड़ी छापेमारी की. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में की गई, जो भारत राइस योजना के तहत गरीबों को वितरित किए जाने वाले चावल में हुए धोखाधड़ी से जुड़ी हुई है.
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate)ने 23 मई को दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद और मुंबई में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कई स्थानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया. यह कार्रवाई जयप्रकाश ग्रुप की कंपनियों, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (JIL), जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL)—और इनसे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ जारी जांच के तहत की गई.
केंद्र सरकार ने गरीबों को सस्ते दाम पर जरूरी खाद्य वस्तुएं मुहैया कराने के लिए भारत ब्रांड की शुरुआत की है. इसके तहत चावल, आटा और अन्य जरूरी खाद्य पदार्थ सस्ती दरों पर मुहैया कराए जा रहे हैं, जिसके लिए सरकार सब्सिडी देती है.
केंद्रीय एजेंसी ने बताया कि उसने शिव शक्ति राइस मिल के मालिक गोपाल गोयल, जय जितेंद्र राइस मिल, हर्ष कुमार बंसल और अन्य के खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी.
जांच में पाया गया कि इन व्यक्तियों/कंपनियों ने ‘भारत राइस योजना’ के तहत गरीबों को किफायती दरों पर चावल उपलब्ध कराने के लिए संबंधित सरकारी एजेंसियों से सस्ता चावल खरीदा. इस चावल को आम लोगों को बेचने से पहले प्रोसेस करने, उसकी सफाई और पांच तथा 10 किलोग्राम के बैग में पैकिंग की जिम्मेदारी इन आरोपियों की थी.
जांच में पाया गया कि आरोपियों ने योजना के लिए सस्ती दर पर सरकार से प्राप्त चावल को दूसरी मिलों को ऊंची कीमतों पर बेच दिया या योजना से इतर अन्य व्यापारिक उद्देश्यों के लिए बेच दिया. ईडी की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मामले की आगे की जांच जारी है.
भारत आटा और भारत राइस: कौन उठा सकता है लाभ और कैसे करें आवेदन?
भारत सरकार ने हाल ही में भारत आटा और भारत राइस जैसी स्कीम्स की शुरुआत की है, जो गरीब और ज़रूरतमंद परिवारों को सस्ते और पौष्टिक अनाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लाई गई है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य है हर परिवार को उचित मूल्य पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। आइए इस ब्लॉग में समझते हैं कि कौन इस स्कीम का लाभ उठा सकता है और इसके लिए पहचान पत्र की ज़रूरत है या नहीं।
भारत आटा और भारत राइस क्या है?
भारत आटा और भारत राइस सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं हैं, जिनके तहत उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से कम कीमत पर आटा और चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। यह योजना विशेष रूप से उन परिवारों के लिए है, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं या जिनके पास राशन कार्ड है।
इन योजनाओं का उद्देश्य है कि आम जनता को पौष्टिक आहार आसानी से और सस्ते में मिले। इसके तहत जो आटा और चावल दिया जा रहा है, वह उच्च गुणवत्ता वाला है और इसे हर परिवार की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
कौन लोग लाभ उठा सकते हैं?
भारत आटा और भारत राइस स्कीम का लाभ निम्नलिखित लोग उठा सकते हैं:
गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार (BPL): जिनके पास गरीबी रेखा के नीचे (BPL) राशन कार्ड है, वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
राशन कार्ड धारक: चाहे आपके पास बीपीएल कार्ड हो या अंत्योदय अन्न योजना का कार्ड, इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए राशन कार्ड अनिवार्य है।
अल्प आय वर्ग: जिनकी मासिक आय कम है और जो अन्य सरकारी खाद्य योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।
क्या पहचान पत्र की ज़रूरत है?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए पहचान पत्र और राशन कार्ड दोनों आवश्यक हैं।
राशन कार्ड: यह इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। राशन कार्ड के बिना इस योजना का लाभ नहीं उठाया जा सकता।
आधार कार्ड: कुछ राज्यों में राशन कार्ड के साथ आधार कार्ड को लिंक करना अनिवार्य है। इससे पारदर्शिता बनी रहती है और लाभ सही लोगों तक पहुंचता है।
स्थानीय पहचान पत्र: यदि आपका नाम स्थानीय सरकारी रिकॉर्ड में है, तो यह भी योजना के लिए मान्य हो सकता है।
लाभ उठाने की प्रक्रिया
स्थानीय उचित मूल्य की दुकान पर जाएं: अपने नजदीकी राशन की दुकान पर जाकर इस योजना के तहत आटा और चावल खरीदें।
दस्तावेज़ दिखाएं: राशन कार्ड और पहचान पत्र प्रस्तुत करें।
पंजीकरण की प्रक्रिया: यदि आपका राशन कार्ड पहले से पंजीकृत है, तो आपको कोई अतिरिक्त प्रक्रिया नहीं करनी होगी।
इस योजना के फायदे
सस्ता और पौष्टिक आहार: गरीब परिवारों को कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाला आटा और चावल मिल रहा है।
भूखमरी में कमी: यह योजना भूखमरी और कुपोषण जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद कर रही है।
सभी के लिए उपलब्ध: यह योजना हर जाति, धर्म और वर्ग के गरीब परिवारों के लिए है।
पारदर्शिता: आधार और राशन कार्ड को लिंक करने से योजना में गड़बड़ी की संभावना कम हो गई है।
भारत आटा और भारत राइस योजना सरकार की एक बेहतरीन पहल है, जो गरीब और ज़रूरतमंद परिवारों को सस्ता और पौष्टिक अनाज उपलब्ध कराती है। यह योजना न केवल लोगों की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करती है, बल्कि समाज में समानता और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभाती है।
यदि आप भी इस योजना के पात्र हैं, तो तुरंत अपने नजदीकी राशन की दुकान पर जाएं और इसका लाभ उठाएं। यह कदम न केवल आपके परिवार के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि देश में भूखमरी और कुपोषण को खत्म करने में भी योगदान देगा।