निर्मला सीतारमण ने सरकार का ‘विदाई बजट’ पेश किया: विपक्ष दल
—इस बजट में गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं कहा। इन्होंने किसानों, गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग, शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया।….इस बजट में कुछ भी नहीं है।—-
वित्तमंत्री द्वारा पेश अंतरिम बजट पर टिप्पणी करते हुए विपक्षी दलों ने कहा कि इस बजट में महंगाई और बेरोजगारी जैसे बुनियादी मुद्दे गायब हैं। जनहित में कुछ भी नहीं है। उन्होंने बजट को निराशाजनक तथा ‘विदाई बजट’ बताया।(Nirmala Sitharaman presented the government’s ‘farewell budget‘: Opposition parties)
बकौल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण उन्होंने इस अंतरिम बजट में लोकलुभावन घोषणओं से परहेज किया है तथा ये सुधारों का आगे बढ़ाने वाला बजट है।
उन्होंने कुल 47.66 लाख करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया गया है जिसमें राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत कर दिया है। आर्थिक वृद्धि को गति देते हुए पूंजीगत व्यय 11 प्रतिशत बढ़ा कर 11.11 लाख करोड़ करने का प्रस्ताव किया है।
अंतरिम बजट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “इस बजट में गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं कहा।..पिछले 10 साल में सरकार ने जितने वादे किए थे उसकी जानकारी इन्होंने नहीं दिया। मैं पूछना चाहता हूं कि उन्होंने जो वादे किए थे वो कहां तक पहुंचा?…इन्होंने किसानों, गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग, शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया।….इस बजट में कुछ भी नहीं है।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा, ‘‘बजट भाषण बहुत छोटा और निराशाजनक था। बहुत अधिक बयानबाजी थी। कई मुद्दों को छुआ नहीं गया। बेरोजगारी जैसे मुद्दे का उल्लेख ही नहीं किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार अपनी विफलता को भी सफलता के रूप में पेश करेगी। आम भारतीय मतदाता से पूछिए कि सरकार की नीतियों से उसकी जेब को क्या मिला तो इसका जवाब मिल जाएगा कि देश का आम आदमी क्या सोचता है।’’
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वित्त मंत्री को बताना चाहिए कि आखिर अच्छे दिन किसके लिये आए हैं? आंकड़ों के अनुसार शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण पर वित्त मंत्री द्वारा आवंटित राशि से कम पैसा खर्च किया गया।’’
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘विदाई बजट’ करार दिया।
यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर की गई टिप्पणी में कहा, “कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वह व्यर्थ है।”
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेन्द्र मोदी सरकार का ‘‘आखिरी’’ बजट पेश किया है।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नेता हरसिमरत कौर बादल ने दावा किया कि इस बजट में कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की बातों में कई अपवाद है। सरकार ने अपनी पीठ थपथपाई है, लेकिन यह बजट जमीनी वास्तविकताओं से दूर है। अगर 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देना पड़ रहा है तो करोड़ों लोग गरीबी रेखा से ऊपर कैसे आए?’’
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