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किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देने वाला सरकारी तालिबानी कमांडर: राकेश टिकैत

किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देने वाला सरकारी तालिबानी कमांडर: राकेश टिकैत

आफिसर को नक्सली या कश्मीर इलाके में 5 वर्ष डेपुटेशन पर भेजे सरकार,तीन काले कानून का मामला नहीं है, बल्कि देश को बचाने का मामला,मेवात पहुंच राकेश टिकैत ने दिया 5 को मुजफ्फरनगर आने का न्यौता

by-atal hind

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नूंह / मेवात  ।     किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देने वाला सरकारी तालिबानी कमांडर ही हो सकता है। ऐसे तालिबानी सोच के अधिकारी भी हरियाणा में अब सामने आते दिखाई दे रहे हैं। अभी तो किसानों के लिए सिर फोेड़ने के आदेेश दिये, कल को किसी भी पार्टी के नेता के लिए भी ऐसे फरमान दिये जा सकते हैं। क्यों कि आंदोलन, विरोध प्रदर्शन आम जनता से लेकर सभी राजनीतिक पार्टी करती है। कभी कोई पार्टी सरकार बनाती हैै तो कभी किसी और पार्टी की सरकार बनती है।

ऐसे कब किसका नंबर आ जाये ! नूंह मेवात की नई अनाज मंडी में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में आगामी 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश में होने वाली पंचायत में ज्यादा से ज्यादा किसानों को आने का न्यौता देने के लिए किसान नेेता राकेश टिकैत पहुंचे और महापंचायत को संबोधित भी किया। इस महापंचायत में किसान मोर्चा के राकेश टिकैत सहित बड़े-बड़े किसान नेता मौजूद रहे इस पंचायत में मेवात से हज़ारों की संख्या में किसान मौजूद रहे।

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उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा का मुख्य उद्देश्य तीन काले कानून का मामला नहीं है, बल्कि देश को बचाने का मामला है। आने वाले समय में देश के अंदर जल्द ही कई राज्यों में चुनावी बिगुल बजने वाला है। हत्याओं के ढेर पर राजनीति करने वाले यह सत्ता के लालची जो सत्ता में बैठे हैं, आगे किसी की भी हत्या करवा कर अपना चुनावी माहौल बनाने की साजिश में बैठे हैं,और यह किसी की भी हत्या करवा सकते हैं।

इसीलिए हम सबको बड़ी सूझबूझ के साथ शांतिपूर्वक तरीके से इस आंदोलन को चलाना होगा, ताकि हम अपने मकसद में कामयाब हो सके । जब सरकार किसान आंदोलन पर बैठे मुसलमानों को पाकिस्तानी और आंदोलनकारी सरदारों को खालिस्तानी कह सकती है तो, किसान भी ऐसे अफसर को तालिबानी सरकारी अफसर ही मान रहे हैं। ऐसे अफसर को जल्द से जल्द बर्खास्त किया जाए, जिसने निहत्थे किसानों के सिरो पर लाठी मारने का आदेश देकर किसानों के सिर फोड़ने का काम किया है।

इसी मौके पर किसान नेता राकेश टिकैत ने हरियाणा के करनाल में आईएएस अधिकारी द्वारा किसानों के हाथ पैर तोड़ने के बयान पर कहा कि यह सरकारी तालिबानी कमांडर है । इसे सस्पेंड कर 5 साल के लिए जम्मू-कश्मीर या नक्सलवाद क्षेत्रों में भेज देना चाहिए । राकेश टिकैत ने कहा कि चाय बागानों की तरह हिमाचल प्रदेश में पूंजीपति सेब के बागों पर कब्जा करने जा रहे हैं। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड को किसान के लिए टैक्स सर्टिफिकेट करार दिया । उन्होंने कहा यह किसान क्रेडिट कार्ड कार्ड किसानों की जमीनें हड़पने का काम करेगा।

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राकेश टिकैत ने कहा प्रधानमंत्री ने 2022 में आमदनी दुगनी होने का वादा किया था , तो किसान आगामी 1 जनवरी 2022 को अपनी फसल सरकार को दुगने दामो में बेचेंगे। आज खेत बिक रहे हैं ,जमीन बिक रही है, अनाज मंडी में खाली पड़ी जमीन बिक रही हैं ,रेलवे बिक रही है, एलआईसी बिक रही है, ट्रेन में बिक रही हैं और हाल ही में सरकार ने 6 लाख करोड रुपए की सरकारी संपत्ति का ब्यौरा तैयार कर उसे बेचने का भी निर्णय ले लिया है।

राकेश टिकैत ने कहा कि आज देश की सत्ता पर बैठी सरकार किसी पार्टी की सरकार नहीं है बल्कि मोदी सरकार है। जो कंपनियों के भरोसे चल रही है और उसे कंपनियां चला रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह बिहार के अंदर चाय के बागानों पर अंडानी ने और अंबानी ने कब्जा कर लिया है ,उसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी सेब के गोदामों पर इन्होंने अपना कब्जा कर लिया हैं।

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जिससे सस्ते दामों में सेब को खरीद कर और उसे अपने गोदामों में स्टॉक कर बाद में महंगे दामों में बेचने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि इसी तरह यह सरकार अनाज को भी किसानों से सस्ते दामों में लेकर और गरीबों को बाद में महंगे दामों में बेचने के इस कानून को पास कर देश के किसानों को भुखमरी के कगार पर लाना चाह रही है। राकेश टिकैत ने कहा कि अब तक किसान आंदोलन में लगभग साडे 650 किसान शहीद हो चुके हैं और शनिवार को हुए किसानों पर लाठीचार्ज हमले में भी एक किसान सुशील काजल शहीद हो गए हैं । उन्होंने कहा कि किसानों का बलिदान खाली नहीं जाएगा और किसान इन काले कानूनों को वापस करा कर ही घर लौटेगा।

योगेंद्र बोले मेवात क्रांतिकारियों की धरती
मेवात के योद्धाओं ने भारत छोड़ो आंदोलन में भी अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि इस किसान आंदोलन को करीब 9 महीने पूरे हो गए हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह तीनों कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है और जब तक इन्हें तीनों काले कानूनों को सरकार वापस नहीं ले लेगी तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि करनाल में जो किसानों के ऊपर प्रशासन द्वारा हमला किया गया है ऐसे हमलों से हम डरने वाले नहीं हैं और हमारी लड़ाई सरकार से आरपार की होगी।

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मोदी को किसानों की कोई चिंता नहीं
किसान आंदोलन के बड़े नेता सरदार जोगिंदर सिंह ने कहा कि 9 माह से किसान अपने हकों की लड़ाई बॉर्डर पर लड़ रहा है किसान आंदोलन में शांतिपूर्वक तरीके से बैठ, किसान देश की इस सरकार से अपने हकों को मांग रहा है। लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की कोई चिंता नहीं है। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चंद साथी और बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिकों को देश की संपत्तियों को बेचने का काम कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि देश का किसान जब तक पीछे नहीं हटेगा, जब तक इन काले कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाएगा। किसान महा पंचायत  में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चो राकेश टिकैत, जय किसान आंदोलन के संस्थापक प्रो योगेंद्र यादव, सरदार बलबीर सिंह राजेवल,सरदार जोगेंद्र सिंह उग्राहा,डॉ दर्शन पाल् सिंह, आल इंडिया किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कॉमरेड अमराराम, रवि आजाद ,निगार उड़ीसा, ज्योति सिन्हा, रतन सिंह सौरोत, सरदार जोगिंदर सिंह कामरेड अमरा राम, रफीक आजाद, दीन मोहम्मद मामलीका, रमजान चौधरी ,असलम चादनहुला समाजसेवी ,इब्राहिम इंजीनियर, उमर पाड़ला, हाजी अब्बास, जबकि सरपंच सलंबा सहित सैकड़ो किसान नेता और हज़ारो किसान शमिल रहे।

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