पटवारी तक आने के लिए मजबूत टांग और फेफड़े होना बहुत जरूरी
पटौदी लघु सचिवालय में लिफ्ट नहीं होने से परेशानी ही परेशानी
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दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए सेकंड फ्लोर तक जाना और आना चुनौती
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पटवारी से कभी ना कभी तो प्रत्येक व्यक्ति को पड़ता है काम
फर्स्ट फ्लोर पर भी विभिन्न विभागों और अधिकारियों के कार्यालय
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अटल हिन्द ब्यूरो /फतह सिंह उजाला
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पटौदी । पटवारी के पास अपने किसी भी काम के लिए आने जाने के वास्ते मजबूत टांग और फेफड़ों का होना बहुत जरूरी है। प्रत्येक व्यक्ति को पटवारी से कोई ना कोई काम के लिए मिलना और उसके ऑफिस तक पहुंचाना भी जरूरी है। ऐसे में यदि किसी बीमार या फिर बुजुर्ग व्यक्ति को एक ही दिन में अपने किसी बहुत जरूरी काम के लिए पटवारी के पास दो बार आना जाना पड़ जाए, तो उसकी क्या हालत बनेगी ? यह यह तो भगत भोगी ही जानता है। बात की जा रही है पटौदी सब डिवीजन परिसर और भवन की । पटौदी सबडिवीजन बिल्डिंग में लिफ्ट नहीं होने के कारण लोगों को विशेष रूप से बीमार, दिव्यांग और बुजुर्ग को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । इस बात से इनकार नहीं की आम आदमी ही परेशान हो , । लघु सचिवालय के सेकंड फ्लोर पर विभिन्न ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी भी ऐसी ही परेशानी को झेलते हुए चाह कर भी नहीं बोल पा रहे होंगे।
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पटौदी सबडिवीजन बिल्डिंग का केंद्र और हरियाणा में पहली बार बनी डबल इंजन सरकार के कार्यकाल में हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के द्वारा लगभग एक दशक पहले किया गया। उद्घाटन के बाद यहां पर धीरे-धीरे विभिन्न कार्यालय का स्थानांतरण कर अधिकारियों का बैठना सुनिश्चित किया गया। ग्राउंड फ्लोर पर एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय और सरकार के विभिन्न कार्य ऑनलाइन किए जाने वाले काउंटर मौजूद है । फर्स्ट फ्लोर पर एसीपी ऑफिस, खंड शिक्षा अधिकारी, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग कार्यालय, फायर ब्रिगेड ऑफिस सहित अन्य विभागों के कार्यालय भी मौजूद है ।
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सबडिवीजन के सेकंड फ्लोर पर पटौदी क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न पटवारी के बैठने की व्यवस्था की गई है । ऐसे में विभिन्न प्रकार के कार्य के लिए सेकंड फ्लोर पर पटवारी तक आवागमन के लिए 50 सीढियां चढ़ना प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है। फर्स्ट फ्लोर पर भी बिना सीढियो की सुविधा लिए आवागमन संभव ही नहीं है। इसके अलावा फर्स्ट फ्लोर हो या फिर सेकंड फ्लोर हो, किसी भी दिव्यांग या फिर अत्याधिक बीमार व्यक्ति के लिए वहील चेयर से जाना भी संभव ही नहीं है ।
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पटौदी सबडिवीजन बिल्डिंग में लिफ्ट कि सुविधा नहीं होने की तरफ संबंधित विभाग और अधिकारियों सहित शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया जा चुका है । इतना ही नहीं जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के सामने भी पटौदी सब डिवीजन बिल्डिंग में लिफ्ट का मुद्दा उठाते हुए ध्यान आकर्षित किया जा चुका है । लेकिन हैरानी इस बात को लेकर है इस समस्या के समाधान या फिर सुविधा उपलब्ध करवाने की तरफ गंभीरता से ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है ।
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सूत्रों के मुताबिक जब पटौदी सबडिवीजन बिल्डिंग बनाई गई इस समय ही यहां पर इसको बनाने वाली एजेंसी या फिर विभाग के द्वारा आपस में ताल मेल कर लिफ्ट भी अवश्य लगा देनी चाहिए थी। आज भी पटौदी सब डिवीजन में जहां-जहां लिफ्ट लगाई जानी है, वह स्थान अस्थाई रूप से बंद कर छोड़ दिए गए हैं या फिर खुला हुआ भी देखा जा सकता है । अब देखना यह है कि विकास के घोड़े पर सवार सरकार पटौदी सबडिवीजन बिल्डिंग में आम जनता विशेष रूप से बीमार दिव्यांग और बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए यहां लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध करवा सकेगी।
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