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पुण्डरी बीजेपी विधायक रणधीर गोलान के कहने  पर पुंडरी थाने से कुछ पुलिसकर्मियों का तबादला नूंह किया गया था-डीआईजी

पुण्डरी बीजेपी विधायक रणधीर गोलान के कहने  पर पुंडरी थाने से कुछ पुलिसकर्मियों का तबादला नूंह किया गया था-डीआईजी

चंडीगढ़ (अटल हिन्द ब्यूरो )हरियाणा पुलिस ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष स्वीकार किया है कि पुलिसकर्मियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण में जनप्रतिनिधियों/विधायकों की सिफारिशों पर विचार किया जाता है। पुलिस विभाग ने यह भी माना है पुंडरी के विधायक और हरियाणा पर्यटन निगम के अध्यक्ष रणधीर सिंह गोलान की सिफारिश पर पुंडरी थाने से कुछ पुलिसकर्मियों का तबादला नूंह किया गया था।

 

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हरियाणा पुलिस के डीआईजी (प्रशासन) ओमप्रकाश द्वारा हाई कोर्ट में दिए गए हलफनामे में कहा गया कि पुलिसकर्मियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए जनप्रतिनिधियों से सिफारिशें प्राप्त होती हैं। यदि सिफारिशें प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुरूप पाई जाती हैं, तो कर्मचारियों को स्थानांतरित किया जा सकता है। इस मामले में रणधीर सिंह गोलान, विधायक पुंडरी द्वारा किए गए कुछ अन्य अधिकारियों के साथ याचिकाकर्ताओं के स्थानांतरण की सिफारिश हुई थी।

डीआइजी ने यह जवाब कुछ पुलिस कर्मियों द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में दायर किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्हें पुंडरी एमएलए की सिफारिश पर कैथल से नूंह जिले में स्थानांतरित किया गया था। हलफनामे में यह भी बताया गया कि किसी भी कर्मचारी का एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण सेवा की घटना है और पुलिस कर्मियों को राज्य में किसी भी स्थान पर हरियाणा में और यहां तक कि राज्य के बाहर भी स्थानांतरित किया जा सकता है।

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याचिकाकर्ताओं को पुंडरी से नूंह स्थानांतरित किए जाने के संबंध में पुलिस विभाग ने कहा है कि इन पुलिसकर्मियों के कैडर में कोई बदलाव नहीं किया गया है और न ही इस आदेश से उनकी वरिष्ठता किसी भी तरह से प्रभावित होगी। यह कर्मी ज्यादातर समय कैथल जिले में तैनात रहे है । याचिकाकर्ताओं सहित कोई भी पुलिसकर्मी एक स्थान विशेष पर तैनात होने का दावा नहीं कर सकता है। यह तबादला किसी भी तरह से दंडात्मक रवैये से नही किया गया। तबादलों की प्रक्रिया को स्पष्ट करते कोर्ट को बताया गया कि कि सिफारिशों पर विचार करने के बाद, प्रत्येक मामले में एक स्थानांतरण निर्णय पत्र तैयार किया जाता है ताकि यह तय किया जा सके कि मामला स्थानांतरण के लिए उपयुक्त है या नहीं। हाई कोर्ट अब इस मामले में 16 अगस्त को सभी पक्षों की बहस सुनेगा

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