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कैथल में बच्चों की जिंदगी दांव पर लगा कर सरकारी अधिकारियों के सामने बिना नम्बर के घूमती है स्कूली बसें।

कैथल में बच्चों की जिंदगी दांव पर लगा कर सरकारी अधिकारियों के सामने बिना नम्बर के घूमती है स्कूली बसें।


कैथल, अटल हिन्द /कृष्ण गर्ग

प्राइवेट स्कूल मासूम बच्चों की जिंदगी से कैसे खिलवाड़ करते है, उसका परिणाम शनिवार को उस समय देखने को मिली जब स्कूली बच्चों की एक बस भाना गांव के पास गहरे गड्ढे में पलट गई। गनीमत यह रही कि बस पलटने से कोई बच्चा गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ। इस दुर्घटना पर बस ड्राइवर व स्कूली अध्यापक मीडिया से बचते नजर आये और कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। कुछ बच्चों ने बताया कि वे भिवानी के प्राइवेट स्कूल में पढ़ते है और स्कूल का ओर से वे टूर पर गये थे। उनके साथ पांच- छ: स्कूली अध्यापक भी है। बस में लगभग 50 बच्चे सवार थे।

 बच्चों के अनुसार वे दो सितम्बर को वाघा बॉर्डर पर भ्रमण करने के उपरांत वापस भिवानी के लिए चले थे। रात होने के कारण वे कुरुक्षेत्र में ठहर गये थे और आज सुबह कुरुक्षेत्र से चले और जैसे ही वे भाना गांव के पास पहुंचे तो तेज गति के चलते  ड्राइवर का संतुलन बिगड़ गया। जिससे बस गहरे गड्ढे में पलट गई। इस पर ड्राइवर व अध्यापकों ने जे सी बी बुलाकर बस को बाहर निकलवाया। बस पलटने की जैसे ही लोगों को पता चली तो बस के पास आकर जिला प्रशासन को सूचना देने लगे तो उन्होंने सूचना देने से रोक दिया। पत्रकारों को भी जब कुछ भी बताने से इंकार कर दिया तो जब बच्चे बता रहे थे तो उनको भी आगे स्कूल का नाम आदि बताने से रोक दिया। इतना ही नहीं जब उस बस का नम्बर पत्रकारों ने देखना चाहा तो उसके आगे पीछे किसी भी नम्बर की नम्बर प्लेट नही थी। यह भी सोचने की बात है कि बिना नम्बर प्लेट के यह बस बाघा बॉर्डर यानी पाकिस्तान के बॉर्डर तक धूम आई और कही भी रोकने का प्रयास नहीं किया गया।

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