पूजा शर्मा ने गंवाई उपाध्यक्ष की कुर्सी , अविश्वास प्रस्ताव पास
गुहला-चीका (अटल हिन्द ब्यूरो )
नगरपालिका चीका की उपाध्यक्ष पूजा शर्मा (Vice president of Nagar Palika Chikka Pooja Sharma)को गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव के बाद अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। 15 दिन पहले 12 पार्षदों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। नगरपालिका की 17 सदस्यीय समिति में से अध्यक्ष रेखा रानी सहित पांच पार्षदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। शेष 12 पार्षदों ने मतदान किया, जिसमें सभी 12 वोट अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े, जबकि विरोध में एक भी वोट नहीं मिला। इसके चलते करीब तीन साल तक उपाध्यक्ष रहीं पूजा शर्मा को पद छोड़ना पड़ा। नगरपालिका उपाध्यक्ष को हटाने के लिए 18 में से कम से कम 12 पार्षदों का समर्थन आवश्यक होता है, जो इस मामले में पूरा हुआ।जिला पालिका आयुक्त कैथल सुशील कुमार की निगरानी में वोटिंग प्रक्रिया पूरी हुई।
गौरतलब है की नगर पालिका चीका में जारी सियासी घमासान ने उस समय नाटकीय मोड़ ले लिया जब वार्ड नंबर-14 के पार्षद जितेंद्र कुमार, जिन्हें सोमवार को निलंबित किया गया , उनके निलंबन आदेश पर महज 24 घंटे में रोक लग गई है। अब वे वीरवार 3 जुलाई को उपाध्यक्ष पूजा शर्मा के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कर सकेंगे।
डायरेक्टर ने किया निलंबन, कमिश्नर ने दी राहत ः 1 जुलाई को शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक पंकज कुमार ने हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 की धारा 14-ए (1) के तहत पार्षद जितेंद्र कुमार को निलंबित किया था। इसके खिलाफ पार्षद ने धारा 14-ए (3) के अंतर्गत अपील दायर की। विभाग के सचिव एवं आयुक्त विकास गुप्ता ने 2 जुलाई को उनके निलंबन आदेश पर आगामी निर्णय तक स्थगन (स्टे) दे दिया।
आदेश में कहा गया कि पार्षद को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया था और जिस एफआईआर के आधार पर यह कार्रवाई हुई, वह अभी जांचाधीन है। इसलिए निलंबन आदेशों को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है और जितेंद्र कुमार पार्षद पद पर बहाल रहेंगे। अब सवालों के जवाब वीरवार को मिल जाएंगे।
पार्षद जितेंद्र कुमार पर 50 लाख रुपये रिश्वत मांगने का है आरोप
पार्षद जितेंद्र कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव से दूरी बनाने की एवज में 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता विजय उर्फ मिंकु सिंगला ने इस संबंध में एक रिकॉर्डिंग एंटी करप्शन ब्यूरो अंबाला को सौंपी थी, जिसके आधार पर 20 जून को एफआईआर दर्ज की गई थी। दो अन्य पार्षद भी जांच के दायरे में हैं। इसी एफआईआर के चलते निलंबन की कार्रवाई की गई थी।
अविश्वास प्रस्ताव पर लगीं सबकी निगाहें
नगर पालिका चीका में कुल 17 पार्षद हैं। उपाध्यक्ष को हटाने के लिए कम से कम 12 वोट जरूरी हैं। जितेंद्र कुमार की वापसी के बाद विपक्ष के पास फिलहाल 12 पार्षदों का समर्थन दिखाई दे रहा है। यदि बुधवार रात तक कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो वीरवार को अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने की प्रबल संभावना मानी जा रही है।
सत्ता पक्ष की बढ़ी चिंता
अब तक आत्मविश्वास से भरा सत्ता पक्ष बुधवार को नए सिरे से रणनीति बनाने में जुटा नजर आया। विपक्ष गुट की सक्रियता और जितेंद्र की वापसी ने उपाध्यक्ष पूजा शर्मा की कुर्सी पर एक बार फिर संकट गहरा दिया है। अब सबकी निगाहें 3 जुलाई वीरवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक पर टिकी हुई हैं।