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राजनीतिक दलों की अज्ञात स्रोतों से आय बढ़कर 72% हो गई बीते  चार साल में 

राजनीतिक दलों की अज्ञात स्रोतों से आय बढ़कर 72% हो गई बीते  चार साल में
Income of political parties from unknown sources increased by 72% in last four years
in a year
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए आंकड़े दर्शाते हैं कि साल 2018 से 2022 के बीच 20,000 रुपये से कम के चंदे से राजनीतिक दलों की ‘अज्ञात आय’ में ‘कमी नहीं देखी गई’ है.जस्टिस संजीव खन्ना द्वारा दिए गए फैसले में कहा गया है, ‘कुल अज्ञात आय – यानी 20,000 रुपये से कम की दानराशि, कूपन की बिक्री आदि – में कमी नहीं देखी गई है. 2014-2015 से 2016-2017 के दौरान यह 2,550 करोड़ रुपये थी, जो 2018-19 से 2021-2022 के दौरान बढ़कर 8,489 करोड़ रुपये हो गई.’रिपोर्ट के मुताबिक, फैसले में कहा गया है कि ‘राष्ट्रीय दलों के लिए अज्ञात स्रोतों से आय का हिस्सा 2014-2015 से 2016-2017 के दौरान 66% था, जो 2018-2019 से 2021-2022 के दौरान बढ़कर 72% हो गया. वर्ष 2019-2020 और 2021-2022 के बीच चुनावी बॉन्ड से आय राष्ट्रीय दलों की कुल अज्ञात आय का 81% रही है.’
Income of political parties from unknown sources increased by 72% in last four years
in a year अदालत ने कहा, ‘अन्य ज्ञात स्रोतों के बिना राष्ट्रीय दलों की कुल आय… 2014-2015 से 2016-2017 के दौरान 3,864 करोड़ रुपये थी, जो 2018-2019 से 2021-2022 के दौरान बढ़कर 11,829 करोड़ रुपये हो गई. 2018-2019 और 2021-2022 के बीच चुनावी बॉन्ड से आय राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की कुल आय का 58 प्रतिशत है.’
फैसले में चुनावी बॉन्ड से मिले चंदे पर 2017-2018 से 2022-2023 तक राजनीतिक दलों की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया. आंकड़े दिखाते हैं कि 2018-2019 से 2022-2023 तक भाजपा को 6,566.1249 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को 1,123.3155 करोड़ रुपये और तृणमूल कांग्रेस को 1,092.9875 करोड़ रुपये मिले.अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत मार्च 2018 से जुलाई 2023 तक 27 चरणों में बेचे गए विभिन्न मूल्यवर्ग के चुनावी बॉन्ड का डेटा दिखाता है कि ‘संख्या में 50 फीसदी से अधिक बॉन्ड और मूल्य के संदर्भ में 94 फीसदी बॉन्ड 1 करोड़ रुपये मूल्यवर्ग के थे.’
इस अवधि के दौरान बेचे गए कुल 13,791.8979 करोड़ रुपये के बॉन्ड में से 1 करोड़ रुपये मूल्यवर्ग के बॉन्ड की हिस्सेदारी 12,999 करोड़ रुपये थी. इस अवधि के दौरान 10 लाख रुपये मूल्यवर्ग के कुल 761.80 करोड़ रुपये के बॉन्ड और 1 लाख रुपये मूल्यवर्ग के 30.88 करोड़ रुपये के बॉन्ड भी बेचे गए.
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