कैथल के हरविंदर सिंह ने टोक्यो पैरा ओलंपिक में विश्व में किया प्रदेश का नाम रोशन: एसडीएम
एसडीएम नवीन कुमार पहुंचे हरविन्दर सिंह के निवास पर, परिजनों को दी बधाई और एसडीएम ने पिता परमजीत सिंह व परिजनों को खिलाई मिठाई, पिता परमजीत सिंह हुए भावुक, हरियाणा सरकार की ओर से खेल नीति के तहत हरविंदर सिंह को 2.5 करोड़ रुपये व सरकारी नौकरी समेत मिलेगी सभी सुविधाएं
कैथल, 4 सितंबर ( atal hind)गुहला के एसडीएम नवीन कुमार ने कहा कि टोक्यो पैरा ओलंपिक में जिला के गांव अजीत नगर हरविंदर सिंह ने तीरंदाजी में देश को कांस्य पदक जिताकर कैथल जिले, हरियाणा प्रदेश व पूरे देश का विश्व में नाम रोशन किया है। इस टोक्यो पैरा ओलंपिक से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी, जिससे युवा खिलाड़ी और मेहनत करके देश के लिए पदक जीतने का काम करेंगे। हरियाणा सरकार की ओर से खेल नीति के तहत हरविंदर सिंह को अढ़ाई करोड़ रुपये व सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट कर हरविंदर सिंह व स्वजनों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। हरियाणा के खेलमंत्री संदीप सिंह, विधायक ईश्वर सिंह और उपायुक्त प्रदीप दहिया ने पैरालंपिक में आर्चरी में पहला पदक जीतने पर हरविंदर सिंह के परिजनों को बधाई संदेश दिया।
टोक्यो पैरा ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर तीरंदाज हरविंदर सिंह के घर पहुंच कर उनके पिता परमजीत सिंह व परिजनों को मिठाई खिलाकर एसडीएम नवीन कुमार ने बधाई दी। अजीत नगर गांव में हरविंदर सिंह के परिजनों से मुलाकात कर एसडीएम ने कहा कि हरविंदर ने अपने गांव, जिले व देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान बढ़ाया है। एसडीएम ने हरविंदर सिंह को वीडियो कॉल के माध्यम से भी बधाई दी और उनका हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि हरविंदर सिंह के घर पहुंचने पर होगा स्वागत कार्यक्रम।
बॉक्स : बेटे की कामयाबी पर उनके पिता हुए भावुक
कांस्य पदक विजेता हरविन्द्र सिंह की कामयाबी से जहां पूरा परिवार उनकी इस उपलब्धि पर खुश दिखाई दे रहा था, वहीं जीवन भर कड़ी मेहनत और कम संसाधन होने के बावजूद अपने इस होनहार बेटे को कामयाबी का रास्ता दिखाने वाले उनके पिता के आंखों में भी खुशी के आंसु छलक पड़े। पिता ने कहा कि महज डेढ़ साल की उम्र में मेरे बेटे हरविन्द्र सिंह को बीमारी की वजह से दिव्यांगता आई, लेकिन इस मजबूत बच्चे ने अपनी इस कमजोरी को ताकत बनाकर आगे बढ़ना शुरू कर दिया। हरविन्द्र सिंह न केवल पढ़ाई लिखाई में मेधावी रहा है, बल्कि एकलव्य की तरह अपने लक्ष्य पर तीरंदाजी से निशाना साधने की ललक ने इनको एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बना दिया। नतीजा आप सबके सामने है पहले एशियाई खेल 2018 और अब टोक्यो पैरा ओलंपिक में बेशक कांस्य पदक हासिल किया है, लेकिन ये उपलब्धि उनके लिए ही नहीं, बल्कि सब देशवासियों के लिए और विशेषकर कैथल जिला और गुहला क्षेत्र के लिए स्वर्णिम से कम नहीं है। हमारे बच्चे ने हमें गौरवान्वित करते हुए पूरे देश का गौरव बढ़ाया है, जिससे हम सब खुशी से फूले नहीं समा रहे है।
बॉक्स : कोरोना काल में खेतों में टारगेट लगा के की प्रैक्टिस
अर्शदीप ने अपने भाई की स्वर्णिम सफलता पर जहां प्रसन्नता व्यक्त की, वहां ये भी कहा कि लक्ष्य को पाने का जुनून ही कामयाबी की सीढ़ी है और यही कुछ हमें हरविन्द्र में उनके आर्चरी के अभ्यास के दौरान दिखाई दिया। कोविड की वजह से पिछले दिनों जब समूचा देश लॉकडाउन की स्थिति में था और पंजाबी यूनिवर्सिटी में भी तीरंदाजी के अभ्यास की कोई व्यवस्था नहीं रही थी तो इस जनूनी लड़के ने कोरोना काल में खेतों में टारगेट लगा के तीर अंदाज़ी से निशाना साधना शुरू किया और वह निशाना सीधे अपने लक्ष्य पर जाकर लगा और पैरा ओलंपिक का कांस्य पदक हरविन्द्र की झोली में आ गिरा। इस जीत ने पूरे परिवार ही नहीं पूरे देश को खुशी मनाने का मौका दिया और आज हम सब भरपूर खुशियों से सराबोर है।
बाक्स : शादी होने पर भी इतनी खुशी नहीं हुई, जितने भाई के मेडल जीतने पर हुई
हरविन्द्र सिंह की बहन संदीप कौर ने कहा कि भाई हरविन्द्र सिंह ने देश के लिए कांस्य पदक जीतकर देश का नाम उंचा कर दिया है। इस जीत और मैडल हासिल करने पर इतनी खुशी हुई है, जितनी खुशी उन्हें अपनी शादी के समय भी नहीं हुई थी। आज उनके भाई ने उनकी इच्छा को पूरा कर दिया है।
बॉक्स : ये हैं हरविन्द्र सिंह की उपलब्धियां
बता दें कि हरविंद्र सिंह 2011 में पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में बीएससी कर रहे थे। उस समय हरविंद्र सिंह ने 2011 में टीवी में चल रहे पैरा ओलंपिक गेम्स देखकर ही उन्होंने खेलने की शुरुआत की। इसके बाद धीरे-धीरे जैसे ही उनका निशाना फिट बैठता गया वह अच्छी रैंकिंग हासिल करते चले गए। हरविंद्र सिंह देश के पहले तीरंदाज हैं, जिन्होंने 2018 में इंडोनेशिया में हुई एशियन पैरा गेम्स में भारत के लिए रिकर्व इवेंट में गोल्ड मेडल हासिल किया था। वे 6 बार देश का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। ऐशियन पैरा चैंपियनशिप 2019 में कांस्य पदक हासिल किया था। जून 2019 में नीदरलैंड में आयोजित विश्व पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में पैरा ओलंपिक 2020 के लिए कोटा हासिल किया था। इसके अलावा बीजिंग में 2017 में हुई विश्व पैरा आर्चर में 7वां स्थान, थाईलैंड में 2019 में हुई तीसरी एशियन पैरा आर्चरी के टीम इवेंट में कांस्य पदक, रोहतक में 2016 में हुई पहली पैरा आर्चरी नेशनल प्रतियोगिता में कांस्य पदक, तेलंगाना में 2017 में दूसरी पैरा आर्चरी नेशनल प्रतियोगिता में रजत पदक, रोहतक में 2019 में तीसरी पैरा आचर्री नैशनल प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल किया था।
इस दौरान तहसीलदार प्रदीप कुमार, जिला खेल अधिकारी सतविन्द्र गिल, कोच सचिन, गुरमीत सिंह, विजय कुमार, राजेश कुमार, गोपाल कम्बोज, पवन पटवारी सहित हरविंदर सिंह के पिता परमजीत सिंह को शुभकामनाएं एवं बधाई दी। हरविन्द्र सिंह के पिता परमजीत सिंह व परिजनों को बधाईयां देने वालों का तांता लगा हुआ है तथा गांव व परिवार की महिलाएं ने नाचकर अपनी खुशियों का इजहार किया।