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हरियाणा सरकार की हेराफेरी,चालबाजी ना जी ना ,ये सिर्फ आंकड़ें है बेशक कितने ही झूठे क्यों ना हो ,बीजेपी और झूठ ऐसा कैसे हो सकता है ?

हरियाणा सरकार की हेराफेरी,चालबाजी ना जी ना ,ये सिर्फ आंकड़ें है बेशक कितने ही झूठे क्यों ना हो ,बीजेपी और झूठ ऐसा कैसे हो सकता है ?

मनोहर सरकार भी अजीब है ,अम्बाला जिले 470 गांव ,हेल्‍थ चेकअप 486 गांवों में 16 गाँव कब और किसने बसाये सीएम साहब

हरियाणा सरकार की हेराफेरी,अंबाला जिले में 470 गांव, सरकार कह रही है 486 गांवों में हेल्‍थ चेकअप हो गया, पलवल जिले में 280 गांव, सरकार का दावा-381 गांव कवर कर लिए

======धीरेंद्र अवस्थी====

Manohar Sarkar is also strange, Ambala district 470 villages, health checkup, 16 villages in 486 villages, when and who settled CM Sahab
Haryana government’s manipulation, 470 villages in Ambala district, government is saying health checkup has been done in 486 villages, 280 villages in Palwal district, government claims 381 villages covered

चंडीगढ़। हरियाणा में हर स्‍तर पर आंकड़ों का खेल हो रहा है! गांवों में कोरोना विस्‍फोट के बाद 15 मई से ग्रामीण क्षेत्रों में आरंभ की गई हेल्‍थ चेकअप स्‍कीम में एक नया खेल सामने आया है। सरकार के दावों और असलियत में फर्क गंभीर खामी की तरफ इशारा कर रहा है। मसलन, अंबाला जिले में 470 गांव हैं और सरकार कह रही है कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीमों ने 28 मई तक जिले के 486 गांव कवर कर लिए हैं। 16 नए गांव पैदा कर दिए गए हैं। यही हाल फतेहाबाद, हिसार और कुरुक्षेत्र का भी है। पलवल में तो सरकार के दावे और मौजूद गांवों की संख्‍या में अंतर 100 से अधिक का है। यह कैसे संभव है?
हरियाणा में बीजेपी की गठबंधन सरकार की संजीदगी का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल 18 मई को फरमान जारी करते हैं कि गांवों में किसी भी हालत में कोरोना को नहीं फैलने देना है। यह वह वक्‍त था जब गांवों में मातम पसरा था। कोरोना कहर बरपा चुका था, लेकिन प्रदेश के मुखिया इससे अनजान थे या सब कुछ जानते हुए भी छवि सुधारने की कसरत कर रहे थे।
मुख्‍यमंत्री मई के तीसरे हफ्ते में प्रशासन को इस चुनौती से निबटने के लिए सभी संसाधन जुटाने के निर्देश देते हैं। 15 मई से गांवों में कथित तौर पर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीमें उतार दी जाती हैं। अब सब कुछ लुट जाने के बाद सीएम की इस सक्रियता पर सरकार के आंकड़े ही भारी पड़ रहे हैं। 15 से 28 मई तक अंबाला जिले की 627576 ग्रामीण आबादी में से महज 7092 लोगों का टेस्‍ट किया गया है। गुरुग्राम जिले की 472179 ग्रामीण आबादी में से सिर्फ 2714 लोगों का टेस्‍ट किया गया है। वहीं, फरीदाबाद की 370878 की ग्रामीण आबादी में से महज 7035 लोगों का कोरोना टेस्‍ट किया जा सका है। कमोबेश यही हालत हर जिले की है।
पंचकूला की 248063 ग्रामीण आबादी में से 4199 का, यमुनानगर की 741376 आबादी में से 6031 का, कुरुक्षेत्र की 685430 आबादी में से 641 लोगों का, कैथल की 838293 आबादी में से 462 का, करनाल की 1050514 आबादी में से 7382 का, पानीपत की 650352 आबादी में से 1568 लोगों का, सोनीपत की 996637 आबादी में से 10592 का, रोहतक की 615040 आबादी में से 6849 का, झज्‍जर की 715066 आबादी में से 1275 का, पलवल की 806164 आबादी में से 3731 का, नूंह की 965157 आबादी में से 3546 का, रेवाड़ी की 666902 आबादी में से 3668 का, महेंद्रगढ़ की 789233 आबादी में से 2505 का, भिवानी की 1313123 आबादी में से 6777 का, जींद की 1028569 आबादी में से 4595 का, हिसार की 1190443 आबादी में से 8676 का, फतेहाबाद की 762423 आबादी में से 1928 का और सिरसा जिले की 975941 की ग्रामीण आबादी में से महज 5331 लोगों का ही कोरोना टेस्‍ट हो पाया है।
मतलब 15 मई से आरंभ हुए इस अभियान में 14 दिनों में हरियाणा के 6841 गांवों में रहने वाली 16509359 आबादी में से महज 99,098 लोगों का टेस्‍ट किया गया। यह सभी आंकड़े रैपिड एंटीजन टेस्‍ट के हैं। वहीं, राज्‍य में 28 मई तक 1825 आइसोलेशन सेंटर ही बनाए जा सके हैं। सबसे आश्‍चर्य की बात यह है कि 2011 की जनगणना के मुताबिक अंबाला जिले में 470 गांव हैं और सरकार कह रही है कि उसकी हेल्‍थ चेकअप टीमों ने जिले के 486 गांव कवर कर लिए हैं। मतलब 16 नए गांव पैदा कर दिए गए हैं। यही हाल फतेहाबाद का है। यहां मौजूद 245 गांवों के मुकाबले सरकार का दावा है कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीमों ने जिले के 260 गांव कवर कर लिए हैं। हिसार जिले में स्थित 269 गांवों के मुकाबले सरकार के आंकड़े कह रहे हैं कि उसकी टीमों ने 303 गांव कवर कर लिए हैं।
कुरुक्षेत्र जिले में 415 गांव हैं, जबकि सरकार का दावा है कि उसने 420 गांव कवर कर लिए हैं। पलवल जिले में तो सरकार के दावे व मौजूद गांवों की संख्‍या में अंतर 100 से ज्‍यादा है। यहां 2011 की जनगणना के मुताबिक 280 गांव हैं, जबकि सरकार कह रही है कि स्‍वास्‍थ्‍य टीमों ने 381 गांव कवर कर लिए हैं। समझ से परे है कि यह नए गांव सरकार ने कहां से पैदा कर दिए हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक हमारे आंकड़े में वह गांव भी शामिल हैं, जो निर्जन हैं और गैर आबादी वाले गांव हैं।
सोनीपत के गोहाना से कांग्रेस विधायक जगबीर सिंह मलिक का कहना है कि 2011 के बाद से नई ग्राम पंचायतों का गठन जरूर हुआ है, लेकिन कोई नया गांव नहीं बसा है। सरकार आंकड़े ज्‍यादा कैसे दिखा रही है, यह समझ में आने वाली बात नहीं है। मलिक का कहना है कि सरकार को चाहिए कि बोगस गांवों की संख्‍या दिखाने से ज्‍यादा जरूरी है कि वह गांवों में कोरोना से मरे लोगों की सही संख्‍या पता लगाए, जिससे जो बच्‍चे अनाथ हो गए हैं या जिन परिवारों को मदद की दरकार है, उन्‍हें सहायता पहुंचाई जा सके।
वहीं, सरकार के उपलब्‍ध करवाए गए आंकड़ों के मुताबिक भिवानी के 444 में से 267 गांव, फरीदाबाद जिले के 149 गांवों में से 127, गुरुग्राम के 242 गांवों में से 164, झज्‍जर के 260 में 257, जींद के 306 में से 299, कैथल के 269 में से 264, करनाल के 434 में से 230, महेंद्रगढ़ के 370 में से 272, नूंह के 439 में से 205, पंचकूला के 219 में से 116, पानीपत के 186 में से 135, रेवाड़ी के 403 में से 374, रोहतक के 143 में से 129, सिरसा के 330 में से 329, सोनीपत के 332 में से 160 और यमुनानगर जिले के 636 गांवों में से 139 गांव अब तक स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीमों ने कवर कर लिए हैं। इस तरह सरकार के दावे पर यकीन करें तो स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीमों ने प्रदेश के 5494 गांवों में 28 मई तक लोगों का हेल्‍थ चेकअप कर लिया है। लेकिन लोगों का सवाल है कि हर स्‍तर पर सच्‍चाई को दबा रही सरकार के इन दावों पर कितना यकीन किया जा सकता है।
नवजीवन से साभार

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