“पेंशन घोटाले में हरियाणा पुलिस ने की बेपरवाह और अपर्याप्त जांच।
सिर्फ एक सेवादार और क्लर्क के फसाकर पार्षदों और अधिकारियों को बचाया गया” CBI की हाई कोर्ट में रिपोर्ट
चंडीगढ़ (राजकुमार अग्रवाल )
बीते वर्ष 2017 में याचिकर्ता राकेश बैंस और सुखविंदर सिंह ने अपने वकील प्रदीप रापड़िया के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि पूरे हरियाणा में मृत व्यक्तियों को पेंशन बांटी हुई दिखाकर बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। मामले में CBI जांच की मांग की गई थी।
CBI में अहम खुलासे:
1. पेंशन घोटाले में मुख्यत म्युनिसिपल कमेटी के प्रेजिडेंट, पार्षद, सेक्रेटरी और जिला समाज कल्याण अधिकारी शामिल।
2. CBI जांच में खुलासा हुआ कि मृत लाभार्थियों के परिवारों से पेंशन की रिकवरी दिखाई गई लेकिन जब CBI ने इन परिवारों से संपर्क किया तो उन्होंने ब्यान दिया कि न तो उन्होंने कोई पैसा जमा करवाया और न ही उनको कभी पेंशन मिली।
3. जांच के दौरान 17094 पेंशन लाभार्थी गायब हैं और 50312 की मृत्यु हो चुकी है।
4. पेंशन घोटाले में हरियाणा पुलिस ने की बेपरवाह और अपर्याप्त जांच। सिर्फ एक सेवादार और क्लर्क के फसाकर पार्षदों और अधिकारियों को बचाया गया”
CBI की सिफारिशें:
1. हर जिले में FIR दर्ज होनी चाहिए और जिन अधिकारियों की मिलीभगत से घोटाला हुआ उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलना चाहिए।
2. मृत व्यक्तियों की पहचान करके उनके नाम पर पेंशन को डकारने वाले पार्षदों और सरपंचों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।
3. जांच में ACB और Economic Cell की मदद लेनी चाहिए।
4. सभी दोषी समाज कल्याण अधिकारियों के खिलाफ ड्यूटी में कोताही बरतने के लिए आपराधिक और विभागीय जांच होनी चाहिए।
CBI रिपोर्ट साथ संलग्न है।
मामले की अगली सुनवाई 24/1/2025 को होगी।