एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) का फर्जी चीफ बनकर एक प्रॉपर्टी डीलर को मामले में फंसाने का डर दिखाकर 50 लाख की फिरौती मांगने
वाले 8 आरोपियों को काबू
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पुलिस ने बीएनएस की धारा 319(2), 318(4), 61 (2), 308(2) व 62 के तहत मामला दर्ज
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रोहित गुप्ता
जीरकपुर 20,जुलाई
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जीरकपुर पुलिस ने नकली एनआईए बनकर लोगों को अपने जाल में फंसाकर फिर लूटपाट की वारदातों को अंजाम देने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के 8 सदस्यों को पकड़ने में सफलता हासिल की, जिनके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके आगामीं जांच शुरू कर दी है। एसपी देहाती मनप्रीत सिंह द्वारा इसको लेकर शनिवार प्रैसवार्ता की गई, जिन्होंने गिरोह के सदस्यों से पूछताछ दौरान बड़े खुलासे होने की संभावना जताई है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान ज्योति निवासी दिल्ली, नीलम निवासी गीता कालोनी नई दिल्ली, दलविंदर सिंह निवासी मलोया चंडीगढ़, राधे श्याम निवासी श्री आनंदपुर साहिब, राज कुमार निवासी चाणक्यपुरी, नई दिल्ली, नितेश निवासी गांव रानियां, सिरसा हरियाणा और सुशील निवासी झज्जर हरियाणा के रूप में हुई है। इनको अदालत द्वारा 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
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जानकारी देते हुए एसपी देहाती मनप्रीत सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ के सैक्टर-39 का रहने वाला वीरपाल खेतीबाड़ी के साथ प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त का काम करता है, जिसको बीती 17 जुलाईआरोपी सुशील ने फोन किया और कहा कि दिल्ली में करोड़ों रुपए का गबन हुआ है। जबकि इस गबन में वीरपाल का नाम भी शामिल है और अगर वह इस केस से अपना नाम बाहर निकालना चाहता है तो उसे सिंघपुरा चौक आकर मिल लें। फोन काटने के बाद उक्त शख्स से मिलने चला गया, जहां अपने साथियों के साथ 2 से 3 गाडियों में आरोपी सुशील पहुंचा, जिसके हुलिये को देख वीरपाल घबरा गया और बातचीत करते हुए सुशील ने वीरपाल से कहा कि वह एनआईए का चीफ है।
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जबकि दिल्ली में हुए करोड़ों के गबन का केस का इंचार्ज हैं, जिसमें वीरपाल अपना नाम बाहर निकालना चाहता है तो उसे 50 लाख रुपए देने पड़ेंगे, जिनकी बातों से डरकर वीरपाल ने 50 की जगह 10 लाख रुपए देने की बात मान ली। इसके बाद वीरपाल ने मामले की शिकायत जीरकपुर थाने में अधिकारियों को दर्ज करवाई और प्लानिंग के मुताबिक वीरपाल ने नकली एनआईए के इंचार्ज सुशील को काका ढाबा पर बुलाया और जहां वीरपाल ने पैसों से भरा बैग आरोपियों को देने लगा तो पुलिस ने सुशील को काबू कर लिया। इसके बाद सुशील के साथ काम करने वाले एक के बाद एक अन्य साथी को पकड़कर पुलिस थाने ले आई, जिनसे हुई पूछताछ दौरान सुशील ने बताया कि बीती 16 जुलाई को गिरोह ने महेश गुप्ता नामक व्यक्ति के घर में घुसकर एटीएम ले गए, जिसमें से 1 लाख 35 हजार रुपए निकाल लिए। जबकि आरोपियों के कब्जे से पुलिस को 5 खाकी पैंट, 5 सफेद कमीज, 5 काले जूतों के सैट, पुलिस वर्दी की बैल्ट, पुलिस की खाकी जुराबें, 3 फर्जी आधार कार्ड और नैशनल क्राइम रिसर्च इंटेलिजैंस ब्यूरो का आईडी कार्ड बरामद हुआ, जिस संबंधी आरोपियों से पूछताछ चल रही है।
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