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आधा अधूरा बिलासपुर फ्लाईओवर चुनावी मुद्दा बनेगा !

यहां के हालात ऐसे बने हुए हैं जैसे 9 दिन चले लेकिन ढाई कोस

लोकसभा चुनाव में भी बिलासपुर फ्लाईओवर  का मुद्दा हो चुका गरम

25 मई  के बाद से काम हुआ  ठप और निर्माण एजेंसी हो गई लापता

क्षेत्र के गांवों  की 25 को महापंचायत में लिया जाएगा कोई बड़ा फैसला

फतह सिंह उजाला

बिलासपुर / पटौदी । दिल्ली- जयपुर नेशनल हाईवे पर मानेसर और धारूहेड़ा के बीच बिलासपुर चौराहा सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण चौराहा है। यहां पर पिछले काफी वर्षों से ऊपरगामी पुल बनाए जाने की मांग के बाद, यहां पर फ्लाईओवर निर्माण का कार्य आरंभ किया गया। लेकिन अचानक ही  फ्लाईओवर निर्माता एजेंसी भी लापता हो गई। लोकसभा चुनाव में भी यह मुद्दा भाजपा के उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के संज्ञान में लाया जाने पर उन्होंने कहा था कि जल्द ही निर्माण एजेंसी इसका काम आरंभ कर देगी। लेकिन 25 मई  के बाद से निर्माता एजेंसी लापता बताई गई है । आधा अधूरा बिलासपुर फ्लाईओवर लोगों के जी का जंजाल बनने के साथ ही अब विधानसभा चुनाव में भी चुनावी मुद्दा बनने से इनकार नहीं किया जा सकता।

आधे अधूरे बिलासपुर फ्लाईओवर के मुद्दे को लेकर आगामी 25 अगस्त संडे को क्षेत्र के ग्रामीणों के द्वारा महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इस महापंचायत में विभिन्न वक्ताओं के द्वारा अपनी अपनी समस्याओं को उठाने के साथ ही कोई ना कोई बड़ा फैसला भी किया जा सकता है। इस बात से भी इनकार नहीं की महापंचायत के द्वारा विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का भी ऐलान किया जा सकता है ? इसी मुद्दे को लेकर क्षेत्र में दो बार अलग-अलग पंचायत का आयोजन किया जा चुका है । दोनों ही पंचायत में यह फैसला किया गया कि महापंचायत का आयोजन कर निर्णायक फैसला किया जाए। जिससे कि आधे अधूरे फ्लाईओवर को लेकर आम जनमानस को हो रही परेशानी का समाधान निकाला जा सके । महापंचायत में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी के लिए आसपास के गांव में भी संपर्क किया जा रहा है।

आधे अधूरे फ्लावर और खस्ताहाल सर्विस लाइन सहित बिलासपुर चौराहे पर सड़क में बने हुए गड्ढे वाहन चालकों के लिए जी का जंजाल बने हुए हैं। बिलासपुर चौक पर आवागमन की सुविधा नहीं होने के कारण लोगों को काफी दूरी तक चक्कर काटते हुए अपने-अपने तक आवागमन करना पड़ रहा है। सबसे गंभीर समस्या फ्लाईओवर निर्माण साइट को लेकर यहां पर लगने वाला लंबा जाम है। कई कई किलोमीटर तक वाहनों की लाइन लग जाती है। अभी तक जिस प्रकार से दो बार पंचायत होने के साथ ही आगामी 25 अगस्त संडे को बुलाई गई महापंचायत की जानकारी खुफिया तंत्र के द्वारा सिस्टम पहुंचने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। दूसरी तरफ यदि महापंचायत में लिए गए किसी कठोर फैसले के बाद फ्लावर का निर्माण कार्य आरंभ होता है, तो इस बात से भी इनकार नहीं की सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच भी इसका श्रेय लेने की दावेदारी की जा सकती है। बहरहाल जो भी हो बिलासपुर चौक पर हाईवे के साथ लगने अनेक गांवों के ग्रामीण और यहां से गुजरने वाले क्षेत्र के वाहन चालकों को केवल और केवल आवागमन की सुविधा की जरूरत बनी हुई है। इसके साथ ही महत्वपूर्ण यह है कि इस आधे अधूरे बिलासपुर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जल्द से जल्द फिर से आरंभ होना चाहिए  ।

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