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कन्हैया लाल दर्जी  का  हत्यारा रियाज अटारी  भाजपा नेताओं के साथ 

कन्हैया लाल दर्जी  का  हत्यारा रियाज अटारी  भाजपा नेताओं के साथ

उदयपुर हत्या के आरोपी की तस्वीर सामने आई, पार्टी बचाव में लगी

(फोटो —बाएं से दाएं: मोहम्मद ताहिर, इरशाद चेनवाला, (दोनों क्रमश: राजस्थान राज्य भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सदस्य), गुलाब चंद कटारिया (राजस्थान विधानसभा में भाजपा के नेता), दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के दो आरोपियों में से एक रियाज अटारी (कैप और जैकेट पहने) के साथ. (तस्वीर भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सदस्य मोहम्मद ताहिर के फेसबुक पेज पर 29 नवंबर, 2018 को पोस्ट की गई थी.)
नई दिल्ली/जयपुर/उदयपुर: पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान का बदला लेने के लिए बीते 28 जून को राजस्थान के उदयपुर शहर में कन्हैया लाल नाम के एक दर्जी की बेरहमी से हत्या और इस घटना का वीडियो बनाने के आरोपियों में से एक रियाज अटारी को भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक स्थानीय नेता ने दो साल से भी कम समय पहले एक फेसबुक पोस्ट में ‘भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता’ के रूप में वर्णित किया था.

भाजपा के कुछ नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर इस आरोपी की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने जहां भाजपा पर हमला शुरू कर दिया है, वहीं भाजपा अपना बचाव करने में लगी हुई है.

इरशाद चेनवाला और मोहम्मद ताहिर राजस्थान राज्य भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा और आरएसएस द्वारा प्रचारित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रभावशाली सदस्य हैं और उनकी फेसबुक टाइमलाइन में रियाज अटारी की कई तस्वीरें हैं, जिसमें वह राजस्थान विधानसभा में भाजपा के नेता गुलाब चंद कटारिया (ऊपर तस्वीर देखें) और उदयपुर के वरिष्ठ भाजपा नेता रवींद्र श्रीमाली (नीचे तस्वीर देखें) के साथ नजर आ रहा है. अन्य पोस्ट में रियाज को भाजपा के कार्यक्रमों में पार्टी का गमछा पहने और चेनवाला और ताहिर द्वारा माला पहनाते हुए देखा जा सकता है.

(फोटो—2
3 फरवरी, 2019 को मोहम्मद ताहिर की फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट. सबसे बाईं ओर रियाज अटारी और उदयपुर में भाजपा के प्रमुख रवींद्र श्रीमाली को इरशाद चेनवाला का अभिनंदन करते हुए दिखाया गया है.)
इनमें से कुछ पोस्ट में भाजपा के इन दो नेताओं (इरशाद चेनवाला और मोहम्मद ताहिर) द्वारा रियाज अटारी, जिसे आसानी से पहचाना जा सकता है, को पार्टी के एक कार्यकर्ता के रूप में वर्णित किया गया है.

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हत्या के आरोपियों के साथ भाजपा नेताओं के बीच संबंध की खबर समाचार चैनल ‘इंडिया टुडे’ द्वारा शुक्रवार शाम हेडलाइन (Udaipur assailants may have plotted to infiltrate Rajasthan BJP यानी राजस्थान भाजपा में घुसपैठ की साजिश उदयपुर के हमलावरों ने की हो सकती है) के साथ प्रकाशित की गई थी.

कन्हैया लाल की हत्या के इन दोनों आरोपियों (रियाज अटारी और गौस मोहम्मद) के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी और राजस्थान पुलिस द्वारा आतंकवादी अपराधों का आरोप लगाया गया है.

इंडिया टुडे के मुताबिक, इरशाद चेनवाला ने अटारी का भाजपा से कोई संबंध न होने का प्रयास किया. हालांकि उन्होंने कहा कि ‘वह पार्टी के साथ काम करना चाहता था. निजी तौर पर रियाज भाजपा के कड़ा आलोचक था.’

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इस संबंध में द वायर ने रवींद्र श्रीमाली से बात की, जिन्होंने आरोपी रियाज अटारी से मिलने या उन्हें जानने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि भीड़ में लोगों को ट्रैक करना मुश्किल है. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि अटारी का भाजपा से कोई संबंध है, लेकिन उन्होंने कहा, ‘बेशक, मैं किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं.’

गुलाब चंद कटारिया से संपर्क करने की कोशिश की तो वह उपलब्ध नहीं हो सके, लेकिन समाचार चैनल न्यूज़24 ने उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया कि उनका रियाज अटारी से कोई संबंध नहीं है और कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम में आ सकता है.

कांग्रेस का आरोप- उदयपुर की घटना का एक आरोपी भाजपा का सदस्य
इस खबर के सामने आने के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोल दिया है. कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि उदयपुर में एक दर्जी की निर्मम हत्या के दो आरोपियों में से एक ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सदस्य’ है.
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने यह सवाल भी किया कि क्या एक आरोपी के ‘भाजपा का सदस्य’ होने के कारण ही केंद्र सरकार ने आनन-फानन में इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का फैसला किया?

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उधर, कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी के इसी तरह के आरोप को खारिज करते हुए भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह ‘फर्जी खबर’ है.

खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले की जांच एनआईए को हस्तांतरित किए जाने का स्वागत किया है, लेकिन नए तथ्य सामने आने पर यह सवाल उठ रहा है कि क्या केंद्र की भाजपा सरकार ने इन्हीं कारणों से इस घटना की जांच को जल्दबाजी में एनआईए को सौंपने का फैसला किया है?’

खेड़ा ने यह भी पूछा, ‘क्या भाजपा अपने प्रवक्ताओं एवं नेताओं के जरिये पूरे देश में आग लगाकर ध्रुवीकरण कर चुनावी फायदा उठाने की कोशिश कर रही है?
उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ी कुछ तस्वीरें साझा करते हुए कहा, ‘भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के दो नेताओं ने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि उदयपुर की घटना का एक आरोपी रियाजी अटारी भाजपा का कार्यकर्ता है. रियाज अटारी भाजपा के नेता गुलाब चंद्र कटारिया के कार्यक्रमों में लगातार शामिल होता आया है. उदयपुर के स्थानीय नेता अपने फेसबुक पोस्ट में उसे ‘हमारे कार्यकर्ता रियाज भाई’ कहकर संबोधित करते हैं.’

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खेड़ा ने आरोप लगाया, ‘हम समझ सकते हैं कि फेसबुक पर साझा की गईं तस्वीरें सामाजिक कार्यक्रमों की भी हो सकती हैं. लेकिन यह फेसबुक पोस्ट स्पष्ट कर रहा है कि कन्हैया लाल का हत्यारा रियाज अटारी भाजपा का सक्रिय सदस्य है.
इंडिया टुडे के मुताबिक, खेड़ा ने दावा किया कि मुख्य आरोपी रियाज अटारी की भाजपा राजस्थान की अल्पसंख्यक इकाई की बैठकों में शामिल होने की तस्वीरें भी सामने आई हैं और सभी के देखने के लिए उपलब्ध हैं.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा नेता इरशाद चेनवाला के 30 नवंबर, 2018 के फेसबुक पोस्ट और मोहम्मद ताहिर के 3 फरवरी, 2019, 27 अक्टूबर, 2019, 10 अगस्त, 2021, 28 नवंबर, 2019 समेत और अन्य पोस्ट देखने से यह स्पष्ट हो जाता है कि रियाज वह न केवल भाजपा नेताओं का करीबी था, बल्कि भाजपा का सक्रिय सदस्य भी था.’

तस्वीरों का जिक्र करते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता पूरे देश में धार्मिक उन्माद का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

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उन्होंने सवाल किया, ‘क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह अब भी बीजेपी नेताओं के धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिशों पर चुप रहेंगे.’

उन्होंने आगे सवाल किया कि क्या भारतीय जनता पार्टी अपने प्रवक्ताओं और नेताओं के माध्यम से पूरे देश का ध्रुवीकरण करके स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.

खेड़ा ने कहा, ‘पुलवामा में सवाल उठा कि 350 किलोग्राम आरडीएक्स कहां से आया? जवाब नहीं मिला.’

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उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि आज सूर्यास्त तक तथाकथित राष्ट्रवादी पार्टी भाजपा उदयपुर की घटना से जुड़े इन सवालों के जवाब देगी.’

खेड़ा ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी सिर्फ नूपुर शर्मा के लिए नहीं है. यह टिप्पणी भाजपा के लिए है. भाजपा और उसके नेता ध्रुवीकरण का माहौल बनाते हैं.’ उन्होंने सवाल किया, ‘क्या अब भी प्रधानमंत्री और गृह मंत्री चुप रहेंगे?’
इससे पहले, कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने ट्विटर पर कुछ खबरों के स्क्रीन-शॉट साझा करते हुए आरोप लगाया था कि उदयपुर की घटना का एक आरोपी भाजपा का सदस्य है.

इस पर अमित मालवीय ने कहा, ‘मैं हैरान नहीं हूं कि आप फर्जी खबर फैला रही हैं. उदयपुर की घटना से जुड़े हत्यारे भाजपा के सदस्य नहीं थे. उन्होंने उसी तरह से भाजपा में घुसपैठ करने की कोशिश की, जैसे लिट्टे के हत्यारों ने राजीव गांधी की हत्या के लिए कांग्रेस में शामिल होने का प्रयास किया था.’
मालवीय ने कहा, ‘कांग्रेस को आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर लोगों को मूर्ख बनाना बंद करना चाहिए.’
कन्हैया लाल की हत्या का आरोपी भाजपा का सदस्य नहीं: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने शनिवार को इस आरोप का खंडन किया कि उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी भाजपा का सदस्य है.

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भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सादिक खान ने रियाज की कुछ स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ एक तस्वीर सामने आने के बाद शनिवार को कहा कि तस्वीर इस बात का सबूत नहीं है कि आरोपी भाजपा का सदस्य है.

सादिक ने संवाददाताओं से कहा, ‘कोई भी व्यक्ति किसी नेता के साथ तस्वीर ले सकता है. इसका मतलब यह नहीं है कि वह भाजपा का सदस्य है.’

उन्होंने कहा कि आरोपी पार्टी के किसी कार्यक्रम में गया होगा और स्थानीय नेताओं के साथ तस्वीरें ली होंगी.

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सादिक ने कहा, ‘चूंकि फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर नेताओं या मशहूर हस्तियों के साथ तस्वीरें अपलोड करना एक सामान्य चलन है, तो हो सकता है कि उसने इसलिए तस्वीर अपलोड की हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आरोपी भाजपा का सदस्य है.’

उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य सरकार की नाकामी है, क्योंकि कन्हैया लाल को स्पष्ट धमकी मिलने के बावजूद उसे सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई.

भाजपा नेता ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं करने वाली मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार की विफलता से जनता का ध्यान हटाने के लिये कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगा रही है.

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कन्हैयालाल की हत्या के मामले में दो और लोग गिरफ्तार
उदयपुर के नृशंस हत्याकांड के मामले में 30 जून की देर रात दो बजे दो व्यक्ति और गिरफ्तार किए गए. इससे पूर्व दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने दोनों आरोपियों को एक दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया है.

अतिरिक्त महानिदेशक (एटीएस) अशोक राठौर ने बताया कि इन दो व्यक्तियों को रेकी एवं आपराधिक षड्यंत्र के मामले में बृहस्पतिवार (30 जून) रात को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया और 14 दिन की रिमांड पर लिया गया.

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एक अधिकारी ने शुक्रवार सुबह कहा, ‘बृहस्पतिवार रात को गिरफ्तार किए गए दो व्यक्ति दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के सह-साजिशकर्ता थे और उनसे पूछताछ की जा रही है.’

दोनों की पहचान मोहसिन और आसिफ के रूप में की गई है.

राठौर ने बताया कि मुख्य आरोपी रियाज अटारी और गौस मोहम्मद को उदयपुर की एक अदालत द्वारा शिनाख्त परेड के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद अजमेर की उच्च सुरक्षा अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है.

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इस बीच, उदयपुर में जिला अदालत ने राजस्थान पुलिस को मामले से संबंधित पत्रावली एनआईए को सुपुर्द करने का निर्देश दिया. मामले को अपने हाथ में लेने की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद एनआईए इसकी जांच करेगा.

लोक अभियोजक कपित टोडावत ने कहा कि मामले को अब एनआईए को सौंपने के लिए औपचारिकताएं पूरी की जाएगी.

अतिरिक्त महानिदेशक एटीएस अशोक राठौर ने बताया कि 28 जून को हुई घटना के दिन ही गिरफ्तार किए गए 2 आरोपियों- अटारी एवं गौस मोहम्मद की शिनाख्त परेड के लिए उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लेकर अजमेर की उच्च सुरक्षा वाली जेल भेजा गया है.

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हत्या के बाद आरोपियों ने भागने के लिए खास नंबर की मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया, उसकी पंजीकरण संख्या 2611 थी. इस नंबर का संभावित संदर्भ मुंबई के आतंकी हमले की तारीख से जुड़ा हुआ है. मुंबई में 26 नवंबर 2008 में हुए सिलसिलेवार आतंकी हमलों को सामान्य तौर पर 26/11 के रूप में जाना जाता है.

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की कि मार्च 2013 में खरीदी गई मोटर साइकिल के लिए आरोपी रियाज अटारी ने अपनी पसंद का नंबर 2611 प्राप्त करने के लिए एक हजार रुपये का शुल्क दिया था.

इसी बीच, जैन समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते शुक्रवार को उदयपुर जिलाधीश को ज्ञापन देकर उदयपुर के सेक्टर 11 में रहने वाले एक व्यक्ति के परिवार को ‘कट्टरपंथी तत्वों’ से उचित सुरक्षा दिलाने की मांग की.

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आरोपी रियाज अटारी ने 17 जून को बनाए एक वीडियो में कहा था कि सेक्टर 11 में ऐसे सदस्य हैं, जिनका सिर कलम किया जाना चाहिए.

हत्याकांड के बाद वायरल हुए वीडियो के सामने आने के बाद सेक्टर 11 में रहने वाले नितिन जैन सदमे में आ गए, क्योंकि उनके खिलाफ एक मुस्लिम व्यक्ति ने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने के लिये शिकायत भी दर्ज करवाई थी.

उदयपुर पुलिस ने सेक्टर 11 स्थित नितिन जैन के घर के बाहर दो पुलिसकर्मियों को तैनात किया है. जैन समाज ने मामले को गंभीरता से लेने का अनुरोध किया है ताकि उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो.

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उदयपुर के कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में चार घंटे की ढील
कन्हैया लाल की हत्या के बाद उदयपुर के कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में शनिवार को चार घंटे की ढील दी गई. हत्या के बाद तनाव के चलते सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था.

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, ‘शनिवार दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है. स्थिति की समीक्षा के बाद निर्णय लिया गया है.’

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चूंकि कल जगन्नाथ रथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई थी. इस यात्रा में हजारों लोगों ने भाग लिया था इसलिये शनिवार को कर्फ्यू में ढील देने का फैसला किया गया है.

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उदयपुर के सात थाना क्षेत्रों धानमंडी, घंटाघर, हाथीपोल, अंबा माता, सूरज पाले, भूपाल पुरा और सवीना थाना क्षेत्रों में मंगलवार को कर्फ्यू लगा दिया गया था.

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