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मल्लिकार्जुन खड़गे से हाथापाई संसद और दलित अस्मिता से खिलवाड़ 

मल्लिकार्जुन खड़गे से हाथापाई संसद और दलित अस्मिता से खिलवाड़

गृहमंत्री अमित शाह क्षमायाचना करके अविलंब अपना त्यागपत्र दें

देश और दुनिया के सबसे सुरक्षित भवन संसद में कांग्रेस अध्यक्ष भी सुरक्षित नही

बाबा साहब पर केंद्रीय गृहमंत्री की दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी अवांछित

पीएम नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली सरकार संसद के सफल संचालन पर पूर्णतया विफल

फतह सिंह उजाला

पटौदी। गुरुवार को दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की सबसे बड़ी पंचायत संसद भवन परिसर में जो कुछ भी हुआ । उसकी शायद ही किसी ने कल्पना की होगी । आजाद भारत के इतिहास में ने तो ऐसा पहले कभी हुआ और शायद ने कभी भविष्य में ऐसा होगा। इसी बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुखबीर तंवर ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में भारतीय संविधान के शिल्पकार भारत रत्न  बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर पर अवांछित टिप्पणी को लोकतंत्र के मंदिर संसद के इतिहास की अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया है । उनके द्वारा मांग की गई है की अमित शाह राष्ट्र से क्षमा याचना करते हुए अविलंब अपने पद से त्यागपत्र दे।

इससे भी अधिक पीड़ा दायक घटना गुरुवार को संसद भवन परिसर में ही देखने के लिए मिली । संसद के मकर द्वार पर भारतीय जनता पार्टी के सांसदों द्वारा हाथ में डंडे लेकर हाथापाई की गई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ की गई हाथापाई लोकतंत्र के पवित्र स्थल संसद और दलित अस्मिता के साथ खिलवाड़ है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की दुर्भावनापूर्ण अवांछित टिप्पणी से राष्ट्र ही नहीं समस्त विश्व में फैले हुये अंबेडकरवादियों में आक्रोश है। अमित शाह को आत्म विश्लेषण करते हुये गल्ती पर पर्दा डालने का प्रयास करने की बजाय क्षमायाचना करते हुये अविलम्ब अपने पद से त्यागपत्र देना चाहिये।

गुरुवार को संसद के मकर द्वार पर भारतीय जनता पार्टी के सांसदों द्वारा हाथ में डंडे लेकर हाथापाई करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष एवं राष्ट्र के सबसे बड़े वयोवृद्ध दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ की गई हाथापाई लोकतंत्र के पवित्र स्थल संसद और दलित अस्मिता के साथ खिलवाड़ है और अत्यंत निंदनीय कृत्य है। नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार संसद के सफल संचालन पर पूर्णतया विफल हो चुकी है। अपनी विफलता छिपाने के लिये सरकार संसद के अंदर और संसद के बाहर अवांछित ब्यानबाजी और कृत्यों से राष्ट्र का सामाजिक और राजनीतिक सौहार्द बिगाड़ रही है।

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