भारतीय जेलों में मौत की सजा सुनाए गए कैदियों की संख्या 561 : रिपोर्ट
नई दिल्ली: एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस साल मौत की सजा सुनाए गए कैदियों की संख्या 561 है, जो 20 सालों में सबसे अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार, 2015 के बाद से मौत की सजा सुनाए गए गए कैदियों की आबादी में 45.71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.Number of death row prisoners in Indian jails reaches 561: Report
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प्रोजेक्ट 39ए’ द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट ‘भारत में मृत्युदंड: वार्षिक सांख्यिकी रिपोर्ट’ में कहा गया है, ‘2023 में देश भर में ट्रायल कोर्ट द्वारा 120 मौत की सजा दी गईं और साल के अंत में 561 कैदी ऐसे थे, जिन्हें मौत की सजा पर थे.’रिपोर्ट में कहा गया है, ‘
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उत्तर प्रदेश में 119 कैदियों के साथ मौत की सजा पाने वाली सबसे बड़ी आबादी है. 2023 में निचली अदालतों में सबसे अधिक मौत की सजा यौन अपराधों से जुड़े हत्या के मामलों में दी गई, जो 120 मौत की सजाओं में से 64 (53.33%) है. 2016 में हमारी पहली वार्षिक सांख्यिकी रिपोर्ट के बाद से ट्रायल कोर्ट में यह प्रवृत्ति बढ़ रही है.’
Number of death row prisoners in Indian jails reaches 561: Report रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत के राष्ट्रपति ने 2008 के एक नाबालिग के अपहरण, बलात्कार और हत्या के मामले में मार्च 2023 में एक दया याचिका खारिज कर दी थी. इसमें कहा गया है कि कुल 488 मौत की सजा पाए कैदी उच्च न्यायालयों के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
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रिपोर्ट के अनुसार, 2022 और 2021 के अंत में क्रमश: 541 और 490 कैदी मौत की सजा पर थे और 2022 तथा 2021 में क्रमश: 167 और 146 मौत की सजा सुनाई गई थीं. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में मौत की सजा पाने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो 2023 में सबसे अधिक है.
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