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जला  दिया बीजेपी नरेंद्र मोदी सरकार के अग्निपथ ने भारत को : ‘सांसदों-विधायकों के पेंशन बिल बढ़ रहे हैं पर सरकार सैनिकों को पेंशन देना नहीं चाहती’

जला  दिया बीजेपी नरेंद्र मोदी सरकार के अग्निपथ ने भारत को : ‘सांसदों-विधायकों के पेंशन बिल बढ़ रहे हैं पर सरकार सैनिकों को पेंशन देना नहीं चाहती’

नई दिल्ली/पटना/लखनऊ/भुवनेश्वर: केंद्र सरकार की 4 साल के अनुबंध वाली सेना भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ के विरोध की आग थमने का नाम नहीं ले रही है, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक विरोध देखे जाने के बाद सेना भर्ती के लिए योग्यता आयु में केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को छूट देने के बावजूद भी को देश भर में प्रदर्शन की उग्रता में इजाफा हुआ है.

बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के बाद अब जम्मू कश्मीर, तेलंगाना, ओडिशा और बंगाल जैसे राज्यों में योजना के खिलाफ प्रदर्शन देखे गए.

हिंसक हो चुके आंदोलन में तीसरे दिन भी देश के कोने-कोने से तोड़-फोड़, आगजनी, चक्काजाम, पुलिस फायरिंग, लाठी चार्ज आदि की खबरें आ रही हैं.

जम्मू
गुरुवार को जम्मू के कई इलाकों में प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन कर रहे आकांक्षी युवाओं में से अधिकतर ने पिछले साल सेना में भर्ती के लिए मेडिकल परीक्षण और शारीरिक परीक्षा उत्तीर्ण की थी और लिखित परीक्षा की प्रतीक्षा कर रहे थे, लेकिन अब यह रद्द हो गया है.

सेना में भर्ती के आकांक्षी युवा मुनीश शर्मा ने कहा, ‘हमने फरवरी 2020 में सेना में भर्ती के लिए अपने फॉर्म जमा किए थे लेकिन प्रक्रिया कोविड-19 के प्रकोप के कारण एक साल बाद शुरू हुई. लिखित परीक्षा शुरू में पिछले साल 25 अप्रैल के लिए निर्धारित की गई थी, लेकिन कई बार स्थगित की गई.’

शर्मा उन युवाओं में शामिल थे जो नई भर्ती योजना के विरोध में यहां प्रेस क्लब के बाहर जमा हुए थे.

उन्होंने कहा, ‘आज, हमें पता चला कि हमारी भर्ती की प्रक्रिया रद्द कर दी गई है और हमें अग्निपथ के अनुसार फिर से आवेदन करना होगा. यह हमारे साथ बहुत बड़ा अन्याय है.’

उन्होंने कहा कि नई योजना ने युवाओं को निराश किया है. उन्होंने कहा कि विरोध करने वाले आकांक्षी युवाओं ने सेना में अपना चयन सुनिश्चित करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कड़ी मेहनत की है.

एक अन्य आकांक्षी सौरव गंगोत्रा ने कहा कि सांसदों और विधायकों के पेंशन बिल बढ़ रहे हैं लेकिन सरकार इच्छुक सैनिकों को पेंशन देने को तैयार नहीं है. उन्होंने मांग की कि नई योजना को वापस लिया जाए और पूर्व में घोषित रिक्तियों के लिए लिखित परीक्षा जल्द से जल्द आयोजित की जाए.

जम्मू के बाहरी इलाके में आरएस पुरा सेक्टर के अरनिया में युवाओं के एक अन्य समूह ने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने मुख्य मार्ग को जाम कर दिया और टायर भी जलाए. बाद में पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर होने के लिए मना लिया गया.

एक प्रदर्शनकारी गौरव मन्हास ने कहा, ‘यह सरकार हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. हम चाहते हैं कि हमारा चयन पुरानी भर्ती योजना के अनुसार हो क्योंकि हमने पिछले साल ही शारीरिक और मेडिकल परीक्षण पास किया है.’

बिहार
वर्षों से सेना भर्ती के इंतजार में बैठे युवाओं के आक्रोश का प्रत्यक्ष सामना अब केंद्र सरकार में बैठे सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को भी करना पड़ रहा है.

बिहार में उप मुख्यमंत्री रेणु देवी के घर पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया. साथ ही, बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल के घर पर भी हमला हुआ है.
हिंदुस्तान ने अपनी खबर में एक समाचार चैनल के हवाले से बताया है कि संजय जायसवाल के घर को जलाने की कोशिश की गई.

रेणु देवी के बेटे ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘बेतिया में हमारे आवास पर हमला हुआ था. हमें बहुत नुकसान हुआ है. वे (रेणु देवी) पटना में हैं
न्यूज 18 के मुताबिक, हमले के दौरान संजय जायसवाल अपने घर में ही थे. इस दौरान घर के कांच टूट गए और एक पुलिसकर्मी घायल हुआ है.

बता दें कि बिहार में गुरुवार को भी भाजपा नेताओं को निशाना बनाया गया था. भाजपा विधायक सीएन गुप्ता के छपरा स्थित घर में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की, जबकि नवादा में पार्टी कार्यालय को ही आग के हवाले कर दिया गया है.

नवादा के जिला भाजपा अध्यक्ष संजय कुमार मुन्ना ने बताया कि पार्टी कार्यालय शहर से कुछ दूरी पर स्थित है. भीड़ द्वारा परिसर पर हमला निश्चित रूप से पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा है. गनीमत रही कि इमारत में ताला लगा हुआ था और अंदर कोई नहीं था.

नवादा के वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र भाजपा विधायक अरुणा देवी एक मामले के सिलसिले में जिला अदालत परिसर जा रही थीं. उनकी कार को प्रदर्शनकारियों ने रेलवे क्रॉसिंग के पास घेर लिया और पथराव किया जिससे उन्हें, उनके वाहन चालक, दो सुरक्षा कर्मियों और कई निजी कर्मचारियों को चोटें आईं.

अरुणा ने कहा, ‘प्रदर्शनकारी मेरी गाड़ी पर लगे पार्टी के झंडे को देखकर भड़क गए, उन्होंने झंडे को भी निकाल दिया.’

बहरहाल, बिहार में तीसरे दिन यानी शुक्रवार को भी जारी रहे ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में आक्रोशित युवाओं ने तीन ट्र्रेन की 28 बोगियों में आग लगा दी.
समस्तीपुर जिले में प्रदर्शनकारियों ने नई दिल्ली से दरभंगा जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन के 10 डब्बों को आग के हवाले कर दिया.

आरपीएफ अवर निरीक्षक निरंजन कुमार सिन्हा ने बताया कि दिल्ली से जयनगर जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन के लगभग 10 डिब्बों को काफी नुकसान पहुंचाया गया है.

प्रदर्शकारियों ने समस्तीपुर में रेल गुमटी संख्या 54 पर भी रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचाया और शहर में सड़कों पर खड़ी एक दर्जन से अधिक गाड़ियों में तोड़फोड़ की.
मुहद्दिनगर थाना प्रभारी उमेश पासवान ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मुहद्दिनगर स्टेशन पर जम्मू से गुवाहाटी जाने वाली लोहित एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगा दी जिससे उक्त ट्रेन के छह डिब्बे जलकर राख हो गएय

लखीसराय में प्रदर्शनकारियों ने नई दिल्ली से भागलपुर जाने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगा दी. इस ट्रेन की 12 बोगी आग लगने से क्षतिग्रस्त हो गईं. घटना की सूचना मिलने पर आरपीएफ और स्थानीय पुलिस द्वारा स्थिति पर नियंत्रण पाने का प्रयास किया जा रहा है.
भागलपुर में आक्रोशित युवाओं ने कहलगांव रेल स्टेशन पर जयनगर हावड़ा डाउन ट्रेन को रोके रखा और रेल पटरी पर खड़े होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

कहलगांव रेल स्टेशन प्रबंधक वीरेंद्र मंडल ने बताया कि कहलगांव के अनुमंडल पदाधिकारी और स्थानीय पुलिस को मामले की सूचना दे दी गई है. रेल पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है तथा आंदोलनकारी छात्रों को समझाने बुझाने के प्रयास में जुटी है.
बक्सर में प्रदर्शनकारियों ने डुमरांव तथा बिहिया रेलवे स्टेशनों के पास रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है जिससे हावड़ा-दिल्ली मुख्य रेल मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन बाधित है.

प्रदर्शनकारियों ने डुमरांव रेलवे क्रॉसिंग के समीप टायर जलाकर रेल पथ को जाम कर दिया और जमकर सरकार विरोधी नारेबाजी की.

वैशाली जिला के हाजीपुर स्थित पूर्व मध्य रेल के मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक युवाओं के जारी विरोध-प्रदर्शन के कारण लगभग बीस ट्रेन को रद्द कर दिया गया है, जबकि कई अन्य को वैकल्पिक मार्गों से चलाया गया.
उत्तर प्रदेश
‘अग्निपथ’ के विरुद्ध प्रदर्शन के बीच शुक्रवार को बलिया में पुलिस ने करीब 100 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया .

यहां युवाओं ने एक ट्रेन के खाली डिब्बे में आग लगा दी और कुछ बसों में तोड़फोड़ की. इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.अलीगढ़ में एक बस के टायरों में आग लगाई गई है.

युवकों द्वारा धरना प्रदर्शन की खबरें प्रदेश के बलिया, अलीगढ़, फिरोजाबाद, अमेठी, वाराणसी, उन्नाव व देवरिया जनपदों से आई हैं.

उत्तर प्रदेश अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने संवाददाताओं को बताया, ‘इस संबंध में कुछ आक्रोश व्यक्त किया गया है. 17 जगहों से धरना प्रदर्शन की सूचना आई हैं, जिसमें से दो स्थानों- बलिया और अलीगढ़ में आगजनी की घटनाएं हुई हैं. बलिया में वाशिंग पिट में खड़े एक डिब्बे को आग लगा दी गई. अलीगढ़ के टप्पल के पास एक रोडवेज बस के टायर में आग लगा दी गई. इसके अतिरिक्त अन्य जगहों पर छिटपुट वारदात हुई हैं. पुलिस द्वारा मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाया गया. जनप्रतिनिधियों व प्रधान के जरिए बच्चों को विश्वास में ले रहे हैं.’

बलिया की जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल सौ लोगों को हिरासत में लिया गया है तथा सीसीटीवी के जरिये आरोपियों को चिह्नित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जांच के बाद आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को तड़के अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं की भीड़ जिला मुख्यालय पर स्थित वीर लोरिक स्टेडियम में एकत्रित हुई. अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि युवाओं के प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए तैयारी कर ली गई थी तथा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे. जिले में दस मजिस्ट्रेट की तैनाती भी की गई थी.

उन्होंने बताया कि भारी संख्या में बाहर से लोग आ गए तथा वीर लोरिक स्टेडियम से युवाओं की भीड़ बलिया रेलवे स्टेशन पहुंच गई और उसने बवाल शुरू कर दिया. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के अनुसार युवाओं ने रेल पटरी उखाड़ने का प्रयास किया तथा रेल संपत्ति को निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ की. वायरल वीडियो के अनुसार बलिया-वाराणसी मेमू एवं बलिया-शाहगंज ट्रेन में भी तोड़फोड़ की गई तथा प्लेटफार्म पर दुकानों को भी निशाना बनाया गया. रोडवेज से अनुबंधित दो बस में भी तोड़फोड़ की गई.
अपर पुलिस अधीक्षक तिवारी ने बताया कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया तथा आंसू गैस के गोले छोड़े.

उन्होंने बताया कि उपद्रवी तत्व लाठी डंडे लिए हुए थे तथा उन्होंने पथराव किया.

वायरल वीडियो के अनुसार उपद्रवी तत्व ‘भारत माता की जय’ व ‘अग्निपथ कानून वापस लो’ के नारे लगा रहे थे.

उपद्रवी तत्वों ने जिला मुख्यालय पर बैरिया मार्ग पर स्थित चित्तू पांडेय चौराहा से भृगु मंदिर मार्ग तक जमकर उपद्रव किया. परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह के छोटे भाई धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि उपद्रवी तत्वों ने परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह के शिविर कार्यालय पर भी पथराव किया तथा कार्यालय गेट पर लगे होर्डिंग के साथ तोड़-फोड़ किया.

जिलाधिकारी अग्रवाल ने संवाददाताओं को बताया कि युवाओं के प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए शुक्रवार सुबह से ही पुलिस की तैनाती की गई थी. कुछ उपद्रवी लड़के आए तथा उन्होंने पत्थरबाजी का प्रयास किया. प्रशासन ने इसे विफल कर दिया.

जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि जनपद के सभी बोर्ड के सभी माध्यमिक विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश है और अब ऐसी स्थिति में किसी भी दशा में कोई भी विद्यालय बिना पूर्वानुमति के नहीं खोले जाएंगे. कुमार ने कहा कि इसके साथ ही मुख्यालय और आस-पास के विद्यालयों के कार्यालय व सभी प्रकार के कोचिंग संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे.

पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि, ‘बलिया रेलवे स्टेशन के बाहर यार्ड में खड़ी एक ट्रेन के खाली डिब्बे में कुछ लोंगो ने आग लगा दी, लेकिन आग पर तुरंत काबू पा लिया गया और ज्यादा नुकसान नहीं हुआ.’

सूत्रों ने कहा कि बाहर से आने वाली बसों को भी निशाना बनाया गया है. जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कहा, ‘युवाओं के विरोध की आशंका को देखते हुए सुबह से ही पुलिस तैनात कर दी गई. कुछ अनियंत्रित युवकों ने आकर पथराव करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया. बलिया रेलवे स्टेशन के एक हिस्से में तोड़फोड़ की गई. उपद्रवी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.’

जिलाधिकारी अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल सौ लोगों को हिरासत में लिया गया है और अब सीसीटीवी के जरिये आरोपियों को चिह्नित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने स्थिति नियंत्रण में होने का दावा करते हुए कहा कि स्थिति के मद्देनजर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.

अलीगढ़ से मिली खबर के अनुसार अलीगढ़ में ‘अग्निपथ’ के खिलाफ व्यापक विरोध के बाद शुक्रवार सुबह से अलीगढ़ और नोएडा में सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ.

शुक्रवार को टप्पल के पास यमुना एक्सप्रेसवे पर पथराव में एक यात्री बस के टायरों में आग लगा दी गई, जिससे बस को नुकसान हुआ है. इसके अलावा कम से कम दो अन्य बसें क्षतिग्रस्त हो गईं.

अलीगढ़ में एक पुलिस थाने और पुलिस वाहन को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया.
पुलिस की टीमें विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर पहुंच गई हैं और अंतिम रिपोर्ट आने पर स्थिति को शांत कर रही हैं.

पुलिस अधिकारियों ने यहां बताया कि चल रहे ‘अग्निपथ’ विरोध प्रदर्शन और आज की जुमे की नमाज के मद्देनजर पूरे जिले में आज सुबह से पुलिस गश्त और अन्य सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और जो कोई भी अफवाहें फैलाता हुआ पाया जाएगा, उसे दंडित किया जाएगा.

फिरोजाबाद से मिली रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर बसों में तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों ने बसों को रोकने के लिए बैरियर लगाकर उनमें तोड़फोड़ की.

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अखिलेश नारायण ने बताया,’सुबह करीब सात बजे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के थाना मटसेना इलाके में कुछ उपद्रवी राजमार्ग पर आ गए और उन्होंने बैरियर लगाकर चार बसों में तोड़फोड़ की. इस दौरान बस में बैठे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई. बाद में सभी यात्रियों को दूसरी बसों से रवाना किया गया.’

उन्होंने बताया कि जिन बसों में तोड़फोड़ की गई है उनमें गोरखपुर से दिल्ली, बस्ती से गाजियाबाद, गोरखपुर से दिल्ली और दिल्ली से गोरखपुर जा रही बस शामिल हैं.

तोड़फोड़ करने वाले लोग आसपास के ही गांव के बताए गए हैं जिन्हें चिह्नित करने की कार्रवाई की जा रही है.

अमेठी से मिली खबर के अनुसार, केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर शुक्रवार को यहां युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया जानकारी के मुताबिक युवाओं ने योजना का विरोध करते हुए विकासखंड भादर मुख्यालय पर दुर्गापुर-अमेठी मार्ग को जाम कर दिया जिसे खाली कराने के लिए पुलिस प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ी.

वाराणसी से मिली खबर के अनुसार, केंद्र सरकार की इस योजना के विरोध में वाराणसी में युवाओं ने प्रदर्शन करने के साथ ही कई जगहों पर तोड़फोड़ की. कैंट स्टेशन पर सैकड़ों युवाओं ने सरकार विरोधी नारे लगाए और स्टेशन के सामने कई रोडवेज की बसों और ठेलों को क्षतिग्रस्त कर दिया.

पुलिस बल के खदेड़ने पर उपद्रवी युवाओं की टोली महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की तरफ भागी और फिर पथराव करने लगी. युवाओं ने लहरतारा स्थित डीआरएम कार्यालय के सामने भी बसों में तोड़फोड़ की.

मौके पर पहुंचे पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने कहा कि कानून व्यवस्था को हाथ में लेने वालों से हमने शांति की अपील की है. जो लोग नहीं मानेंगे उनके साथ कानूनी कार्यवाही की जाएगी.

वहीं, गौतमबुद्ध नगर के जेवर क्षेत्र में कड़ों प्रदर्शनकारी युवाओं ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर जाम लगा दिया. इस वजह से नोएडा से आगरा तथा आगरा से नोएडा की तरफ आने वाले वाहन काफी देर तक जाम में फंसे रहे.

जाम में फंसे लोगों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने वाहन चालकों के साथ बदसलूकी की है तथा वाहनों में तोड़फोड़ की है.

शुक्रवार सुबह यमुना एक्सप्रेसवे के जेवर टोल के पास सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने यमुना एक्सप्रेस वे की दोनों तरफ आने जाने वाले मार्ग पर जाम लगा दिया. युवाओं ने यमुना एक्सप्रेसवे पर कूड़ा, पेड़ की डाल डालकर यातायात को जाम कर दिया. हाथ में लाठी-डंडे तथा भारत का झंडा लिए हुए युवा ‘इंकलाब जिंदाबाद’ सहित कई तरह के नारे लगा रहे थे.

मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. संयुक्त पुलिस आयुक्त लव कुमार तथा जेवर से भाजपा विधायक धीरेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंच गए. दोनों लोग प्रदर्शनकारियों को समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे हैं.

उन्नाव से मिली खबर के अनुसार, जिले के सफीपुर इलाके में महात्मा गांधी इंटर कॉलेज के पास युवकों ने धरना दिया. बाद में उन्होंने उप-जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसे रक्षा मंत्री को संबोधित किया गया था.

युवकों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए बाइक रैली भी निकाली और ‘अग्निपथ’ के खिलाफ नारेबाजी की.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि शेखर ने कहा, ‘शांति है, कुछ युवकों ने विरोध प्रदर्शन किया था, और उन्हें समझाने के बाद वापस भेज दिया गया.’ देवरिया में भी ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में युवकों ने धरना दिया.

वहीं, आंदोलन को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे ने कई ट्रेन को रद्द कर दिया है तथा कुछ को रोकना पड़ा है.

पूर्वोत्तर रेलवे एनईआर के जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने ,’ आंदोलन को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे ने 12 रेलगाड़ियां निरस्त की हैं. इसमें वाराणसी-छपरा, छपरा-औरिहार, बलिया-वाराणसी, आजमगढ़-वाराणसी, प्रयागराज-रामबाग-मऊ, छपरा-वाराणसी, थावे- मसरख, मसरख-थावे, वाराणसी-बलिया और बनारस-पटना एक्सप्रेस ट्रेन शामिल हैं .

उन्होंने बताया कि इसके अलावा 15 ट्रेन को फिलहाल रेलवे स्टेशनों पर रोका गया है और हालात सही होने पर उन्हें एक-एक करके गंतव्य की ओर रवाना किया जा रहा है.

उत्तर मध्य रेलवे एनसीआर के जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि एनसीआर क्षेत्र में किसी भी ट्रेन के साथ तोड़फोड़ की अभी तक कोई सूचना नही हैं. उन्होंने बताया कि आधा दर्जन से अधिक ट्रेन को जगह-जगह रोका गया है और स्थिति सामन्य होने पर उन्हें गंतव्य की ओर रवाना किया जा रहा है.

 

हरियाणा
वहीं, ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ हरियाणा में शुक्रवार को दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा.

अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं ने सड़कों पर पहिए जलाए और कुछ युवा नरवाना में रेल पटरियों पर बैठ गए और जींद-बठिंडा रेल मार्ग को अवरुद्ध किया.

रोहतक में प्रदर्शनकारी युवाओं ने पहिए जलाए, जबकि बल्लभगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर वाहनों पर पथराव करने के आरोप में 40 से अधिक युवाओं को गिरफ्तार किया गया.

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पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से कॉलेज के छात्र शामिल थे. युवाओं ने ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ नारेबाजी की और अनाज मंडी के पास पथराव किया और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया गया.

पुलिस ने कहा कि कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए रेवाड़ी से भारतीय रिजर्व बटालियन की एक टुकड़ी बुलाई गई है.
इस बीच, पुलिस ने पलवल जिले में गुरुवार को हुई हिंसा को लेकर एक हज़ार से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

उन्होंने कहा कि हिंसा के सिलसिले में तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. उन्होंने बताया कि दो प्राथमिकी पलवल अनुमंडल में और एक होडल अनुमंडल में दर्ज की गई है.

पुलिस विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि 80 नामज़द युवाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जबकि अन्य 950 की पहचान अभी नहीं की गई है.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वीडियो क्लिप और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से सभी आरोपियों का सत्यापन और पहचान की जा रही है.

उन्होंने इस बारे में अतिरिक्त जानकारी नहीं दी.

पलवल में हिंसक विरोध के बाद, हरियाणा सरकार ने एहतियात के तौर पर फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ इलाके में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को 24 घंटे के लिए अस्थायी रूप से निलंबित किया है.

उधर, हरियाणा में गुड़गांव जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू कर दी है, हालांकि सैनिकों की भर्ती के लिए केंद्र की अग्निपथ योजना के खिलाफ शुक्रवार को यहां कोई ताजा विरोध नहीं हुआ.

उपायुक्त निशांत यादव ने कहा कि यह आदेश इसलिए जारी किया गया, क्योंकि दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहने की संभावना है और प्रशासन ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजारों, राष्ट्रीय राजमार्गों और बिजली ग्रिड सहित जिले के विभिन्न स्थानों पर गुस्साई भीड़ के जुटने की आशंका जताई है.

उन्होंने कहा, ‘इससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में रुकावट, गड़बड़ी या हस्तक्षेप हो सकता है.’ आदेश में कहा गया है, ‘आपराधिक प्रक्रिया (संहिता)-1973 के तहत, मैं निशांत कुमार यादव, गुड़गांव जिलाधिकारी, गुड़गांव के भीतर व्यक्तियों की मुक्त आवाजाही और चार से अधिक व्यक्तियों को इकट्ठा करने पर रोक लगाता हूं.’

आदेश में कहा गया है कि उल्लंघन का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा और कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा.

अधिकारियों ने बताया कि कुछ युवकों ने कथित तौर पर हेली मंडी के पास रेल सेवा बाधित करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रेलवे ट्रैक पर पहुंचने से पहले ही रोक दिया.

इससे पहले दिन में राजीव चौक पर प्रदर्शन का आह्वान किया गया था, जिसके बाद पुलिस बल तैनात किया गया था. पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों को देखकर वापस चले गए.

सदर सहायक पुलिस आयुक्त अमन यादव ने कहा, ‘राजीव चौक पर 200 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. जिले के अन्य मुख्य चौक पर भी पुलिसकर्मी तैनात हैं. हम युवाओं से अपील करते हैं कि यदि वे योजना से सहमत नहीं हैं, तो वे प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन जिम्मेदारी के साथ.’

उधर, पलवल में उपायुक्त के आवास पर बृहस्पतिवार को हुए पथराव के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

थल सेना, नौसेना और वायु सेना में चार साल की अवधि के लिए जवानों की भर्ती और ज्यादातर को ग्रेच्युटी तथा पेंशन लाभ के बगैर अनिवार्य सेवानिवृत्ति से संबंधित अग्निपथ योजना के खिलाफ बुधवार से कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.

तेलंगाना
योजना के खिलाफ शुक्रवार को दक्षिणी राज्य तेलंगाना में भी जमकर प्रदर्शन हुआ. इस दौरान हैदराबाद के सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ करने वाले प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गालियां चलाईं.
दक्षिण-मध्य रेलवे (एससीआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने तीन ट्रेन के कुछ डिब्बों में आग लगा दी. हालांकि, इन घटनाओं में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ.

अधिकारी ने कहा, ‘वहां एक घटना (गोलीबारी की) हुई, उन्हें नियंत्रित करने के लिए गोलियां भी चलानी पड़ी.’

सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन और आसपास के इलाकों में तनाव व्याप्त हो गया, क्योंकि कार्रवाई के बाद लोग इधर-उधर भागने लगे. रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित दुकानें बंद हैं. गोलीबारी में किसी के हताहत होने की तत्काल कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, टीवी पर दिख रहे वीडियो फुटेज में स्टेशन पर घायल कुछ प्रदर्शनकारियों को अस्पताल ले जाने के संकेत जरूर मिले हैं.
प्रदर्शनकारियों ने एक मालवाहक (पार्सल) डिब्बे से सामान निकाल कर पटरियों पर फेंक दिया और उनमें आग लगा दी, जिससे ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं.

एससीआर सूत्रों ने बताया कि सेना में सामान्य भर्ती की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की. करीब 300 से 350 प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और एक यात्री ट्रेन के पार्सल डिब्बे में आग लगा दी. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है.

दिल्ली
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने बताया कि सशस्त्र बलों में भर्ती की केंद्र की नई ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्यों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली के आईटीओ मेट्रो स्टेशन के सभी द्वार शुक्रवार को बंद कर दिए गए.

आइसा के सदस्यों ने ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ पुलिस के रवैये के खिलाफ भी प्रदर्शन किया.

डीएमआरसी ने दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर ट्वीट किया, ‘आईटीओ मेट्रो स्टेशन के सभी द्वार बंद हैं.’

डीएमआरसी ने कहा कि दिल्ली गेट और जामा मस्जिद सहित कुछ अन्य मेट्रो स्टेशन के प्रवेश एवं निकास द्वार भी कुछ समय के लिए बंद किए गए हैं.

प्रदर्शनकारी हाथ में तख्ती लिए नजर आए, जिस पर ‘सशस्त्र बलों में रिक्त सभी पदों पर तत्काल स्थायी आधार पर भर्ती हो’, ‘अग्निपथ योजना वापस लें’ और ‘(प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी सरकार जाग जाओ’ लिखा था.

आईटीओ पर नारेबाजी भी की गई. प्रदर्शनकारियों ने,  ‘अग्निपथ वापस लो, तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाए.

छात्र समूह ने दावा किया कि उसके कई सदस्यों को विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया. हालांकि, पुलिस ने इस संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है.

आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन. साई बालाजी ने कहा, ‘हम अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि इससे रक्षा क्षेत्र में नौकरियां संविदा आधारित हो जाएंगी. मोदी सरकार को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए शर्म आनी चाहिए.’

मध्य प्रदेश
इंदौर में रेल पटरियों पर जुटे करीब 600 युवाओं ने शुक्रवार को कई ट्रेन रोककर पथराव किया. हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ आंसू गैस छोड़ी. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि करीब 600 युवा अलग-अलग समूहों में आकर शहर के लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन के पास पटरियों पर एकत्र हो गए जिससे कुछ ट्रेन रोकनी पड़ीं.

मिश्रा ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के पथराव शुरू करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़कर उन्हें खदेड़ा और हालात पर काबू पाया.

पुलिस आयुक्त के मुताबिक प्रदर्शनकारियों के पथराव में दो पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आई हैं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों के पथराव में ट्रेन में सवार किसी यात्री के घायल होने की फिलहाल कोई सूचना नहीं है.

उन्होंने बताया कि करीब 15 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

इस बीच, पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीना ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन के पास दौंड-इंदौर एक्सप्रेस (22943) और वाराणसी-इंदौर महाकाल एक्सप्रेस (20413) को करीब 45 मिनट तक रोके रखा.

उन्होंने बताया कि प्रदर्शन की सूचना पर पश्चिम रेलवे ने दो स्थानीय डेमू ट्रेन को निरस्त कर दिया. मीना ने बताया कि प्रदर्शन के बाद इंदौर जिले के अलग-अलग रेलवे स्टेशन पर पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को तैनात किया गया है.

झारखंड
वहीं, गुरुवार को सेना में भर्ती के अकांक्षी सैकड़ों अभ्यार्थियों ने रांची के मेन रोड स्थित सेना भर्ती कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सैकड़ों युवाओं ने आज यहां सेना भर्ती कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी युवाओं ने सेना की नई भर्ती प्रक्रिया को तुरंत बंद करने की मांग की. उन्होंने इसे युवाओं की जिंदगी से खिलवाड़ करार दिया. प्रदर्शनकारी युवाओं ने काफी देर तक सेना भर्ती कार्यालय के सामने नारेबाजी की.

युवकों ने भर्ती कार्यालय के सामने की सड़क को जाम कर दिया.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि झारखंड के कई जिलों से अभ्यर्थी प्रदर्शन के लिए रांची पहुंचे थे. सेना भर्ती कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे एक युवक ने बताया कि वे तीन साल से सेना में भर्ती के लिए तैयारी कर रहे थे, उन्हें इंतजार था कि कब उनकी चिकित्सा और दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया पूरी होगी, लेकिन अचानक पूरी प्रक्रिया ही रद्द कर दी गई है.

उन्होंने पुरानी व्यवस्था से ही सेना में नौजवानों की भर्ती की वकालत की है.

उत्तराखंड
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई यह योजना कई युवाओं को पूर्णकालिक नौकरी से वंचित करेगी.

विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले बिसबाजेर गांव के मनीष चंद नामक युवक ने कहा, ‘मोदी सरकार पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं के लिए उपलब्ध रोजगार के एकमात्र अवसर को ही छीन रही है. सेना में शामिल होने के अलावा, पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं के पास पूर्णकालिक रोजगार का कोई अन्य अवसर उपलब्ध नहीं था क्योंकि कृषि अब एक व्यवहारिक विकल्प नहीं है और न यहां उद्योग हैं.’

पिथौरागढ़ के उपजिलाधिकारी सुंदर सिंह ने कहा कि सिलथम चौक पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया, लेकिन इससे वड्डा, मुनस्यारी, धारचूला मार्गों पर कुछ देर के लिए जाम लग गया.

प्रदर्शन कर रहे युवकों ने मांग की कि सरकार पहले दो साल से लंबित सेना भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित करवाए और अग्निपथ योजना बंद करे.

ऋषेंद्र सिंह महार नामक एक छात्र नेता ने कहा, ‘भर्ती किए गए युवाओं में से पचहत्तर प्रतिशत चार साल बाद बेरोजगार हो जाएंगे. इससे पहाड़ी क्षेत्रों में बेरोजगारी कई गुना बढ़ जाएगी. इससे यहां अपराध दर भी बढ़ सकती है और शांति भंग हो सकती है.

इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र चम्पावत में भी अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट आउट के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के झंडे उखाड़कर जला डाले.

ओडिशा
‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ विरोध शुक्रवार को ओडिशा तक पहुंच गया. सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए बड़ी संख्या में आकांक्षी युवाओं ने कटक में मुख्य रिंग रोड को अवरुद्ध कर दिया और सिल्वर सिटी के छावनी क्षेत्र में होर्डिंग फाड़ दिए.

प्रदर्शनकारियों में से कई युवाओं ने दावा किया कि उन्होंने पिछले साल सेना में भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता और चिकित्सा परीक्षण पहले ही पास कर लिया था और वह सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईई) की प्रतीक्षा कर रहे थे.

विरोध प्रदर्शन के दौरान एक युवक ने आत्महत्या कर ली. युवक ने सेना द्वारा भर्ती अभियान के दौरान शारीरिक दक्षता और चिकित्सा परीक्षण पास कर लिया था और उसे आशंका थी कि ‘अग्निपथ’ की घोषणा के बाद इसे रद्द कर दिया जाएगा.

कटक के पुलिस उपायुक्त पिनाक मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और उनमें से कुछ को हिरासत में लिया.

उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

शुक्रवार सुबह छावनी क्षेत्र में सेना कार्यालय के सामने बड़ी संख्या में युवकों ने सशस्त्र बलों के लिए केंद्र की भर्ती योजना का विरोध किया. उन्होंने विरोध में सड़कों पर टायर जलाये और नारेबाजी कर अपना रोष ज़ाहिर किया.

एक प्रदर्शनकारी ने पूछा, ‘अग्निपथ योजना के तहत भर्ती केवल चार साल के लिए ही क्यों है? कोई व्यक्ति राष्ट्र की रक्षा कैसे कर सकता है जब उसकी सामाजिक सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है?’

बालासोर जिले से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार, सोरो थाना क्षेत्र के तेंतेई गांव निवासी धनजय मोहंती (27) ने डेढ़ साल पहले सेना द्वारा भर्ती अभियान के दौरान शारीरिक दक्षता परीक्षा पास की थी. बुधवार रात अग्निपथ योजना को लेकर उसने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली.

परिजनों ने बताया कि मोहंती को 30 अगस्त को होने वाली सीईई के लिए प्रवेश पत्र भी मिल गया था, लेकिन इस बात की आशंका थी कि ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा के बाद परीक्षा रद्द कर दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि मोहंती ने अपनी मेहनत बेकार जाने के डर से अपना मानसिक संतुलन खो दिया था और बुधवार देर रात घर पर रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों ने बताया कि इससे पहले मोहंती ने अपने भाई और दोस्तों को ‘अलविदा’ संदेश भेजकर अपने माता-पिता की देखभाल करने को कहा था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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