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बीते 10 वर्षों में स्विस बैंक में जमा काले धन का कोई अनुमान नही: केंद्र सरकार

बीते 10 वर्षों में स्विस बैंक में जमा काले धन का कोई अनुमान नही: केंद्र सरकार
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि बीते 10 वर्षों में स्विस बैंक में जमा किए गए काले धन का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है.

दरअसल बीते 10 वर्षों में स्विस बैंक में जमा की गई धनराशि और इसे वापस लाने के बारे में केंद्र सरकार से सवाल पूछा गया था, जिसके लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने यह बयान दिया.

चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने विदेश में जमा काले धन को वापस लाने के लिए हाल के वर्षों में कई कदम उठाए हैं. उन्होंने इन उपायों में से कुछ को सूचीबद्ध किया है:

1. विदेशों में जमा काले धन के मामले से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम 2015 को लागू करना, जो दरअसल एक जुलाई 2015 को प्रभावी हुआ.

2. दंड के अधिक सख्त प्रावधान को निर्धारित करने के अलावा इस कानून में धनशोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) के तहत अघोषित विदेशी आय/संपत्तियों के सबंध में जान-बूझकर कर से बचने के प्रयास अपराध घोषित किया गया है

3. सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व जजों की अध्यक्षता और उपाध्यक्षता में काले धन पर विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करना.

4. दोहरे कराधान से बचाव समझौतों (डीटीएए) /कर सूचना विनिमय समझौते (टीआईईए) /बहुपक्षीय संधियों के तहत जानकारी के आदान-प्रदान की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए विदेशी सरकारों के साथ सक्रियता से जुड़ना.

5. भारत ने विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम के तहत अमेरिका के साथ सूचना साझा समझौता किया है.

विदेश में काला धन जमा करने या कर चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए और आरोपी ठहराए गए लोगों की संख्या के संबध में भी एक सवाल पूछा गया था, जिसके जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया कि आयकर विभाग ने कर चोरी करने वालों के खिलाफ संबंधित धाराओं में उचित कार्यवाही की है, जिसमें तलाशी, सर्वे, जांच, आय का आकलन, कर वसूली, ब्याज, जुर्माना और आपराधिक अदालतों में शिकायतें दर्ज करना शामिल हैं.

आयकर अधिनियम, 1961 के तहत आयकर विभाग द्वारा पिछले पांच वर्ष में दायर अभियोजन शिकायतों का विवरण भी वित्त मंत्रालय की ओर से दिया गया है
वित्त मंत्रालय ने इसके अलावा अपने जवाब में बताया काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम 2015 के तहत 107 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं.

वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 31 मई 2021 तक काला धन अधिनियम 2015 की धारा 10(3)/10(4) के तहत आकलन आदेश 166 मामलों में पारित किए गए, जिनमें 8,216 करोड़ रुपये की मांग की गई थी.

लगभग 8,465 करोड़ रुपये की अघोषित आय को आयकर के दायरे में लाया गया और एचएसबीसी मामलों के संबंध में उस पर 1,294 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया.

खोजी पत्रकारों का अंतरराष्ट्रीय संघ (आईसीआईजे) मामलों में लगभग 11,010 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला.

पनामा पेपर्स के मामले में लगभग 20,078 करोड़ रुपये की अघोषित धनराशि का पता चला. पैराडाइज पेपर्स लीक मामले में लगभग 246 करोड़ रुपये की अघोषित धनराशि का पता चला.

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