आंखों सुनी और कानों देखी
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… लो जी, समझ आए तो पढ़ लीजिए पटौदी का चुनाव परिणाम !
चुनाव परिणाम पर जनता ही अपनी मोहर लगाती दिखाई दे रही
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कहा भी गया है माहौल ही बता देता है हवा में किसकी महक
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फोटो की भाषा समझ में ना आए तो आठ तक इंतजार ही विकल्प
जनता बदलाव का मन बना अबकी बार हाथ को बेहद मजबूत किए बैठी
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फतह सिंह उजाला
पटौदी ग्राउंड रिपोर्ट । समय सबसे अधिक बलवान, कब कहां और किससे क्या कुछ करवा सकता है ? दावा नहीं किया जा सकता । लेकिन यह भी एक कटु सत्य है कि बहती हुई हवा भी साफ-साफ बता देती है कि माहौल में महक अथवा खुशबू किसकी अधिक फैली चली जा रही है। 2024 विधानसभा चुनाव के लिए काउंटडाउन शुरू हो चुका है। जब तक आप फोटो को देखकर इसमें छिपी हुई कहानी को समझने का प्रयास करेंगे या इसे केवल मात्र फोटो ही समझेंगे ? यह भी दावा नहीं किया जा सकता। लेकिन इतना इशारा ही पर्याप्त है कि समझ में आए तो फोटो में ही पटौदी का चुनाव परिणाम भी पढ़ा जा सकता है। जनता जनार्दन का उत्साह चेहरे पर मुस्कुराहट और एक नई उमंग और उम्मीद यह चुगली भी करती हुई दिखाई दे रही है कि जनता जनार्दन ने पटौदी के चुनाव परिणाम पर कहीं ना कहीं एक प्रकार से मोहर भी लगा छोड़ी है। इसके अलावा यदि फोटो की भाषा समझने में कुछ उलझन हो या फिर पूरी तरह से समझ नहीं आए तो फिर चुनाव परिणाम के लिए 8 अक्टूबर तक इंतजार करना ही अंतिम विकल्प लोगों के बीच में ठहराया गया है।election result of Pataudi!
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पटौदी विधानसभा क्षेत्र में 251000 से अधिक मतदाता संख्या बताई गई है । 132 गांव पटौदी विधानसभा क्षेत्र में मौजूद हैं । इसके अलावा पुराना पटौदी नगर पालिका और पुराना हेली मंडी नगर पालिका के साथ ही लगने वाले अलग-अलग नौ गांव मिलकर पटौदी मंडी जाटोली नगर परिषद का गठन भी हो चुका है । यह बात सही है कि जिस समय यह समाचार आपकी नजरों के सामने होगा, तब तक चुनाव प्रचार पर पूरी तरह से लगाम लग चुकी होगी। पटौदी ही नहीं पूरे हरियाणा प्रदेश में अभी तक के जो राजनीतिक रुझान और विशेषज्ञों की राय सामने आ रही है , उसके मुताबिक सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस सहित इन दोनों पॉलिटिकल पार्टियों के उम्मीदवारों के बीच में ही बना हुआ है। दोनों ही पॉलिटिकल पार्टियों के द्वारा अपने-अपने चुनावी वादा, संकल्प और घोषणा पत्र पूरे प्रदेश के लोगों के हाथ में थमाया जा चुके हैं।
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पटौदी का राजनीतिक इतिहास भी रोचक रहा है। पटौदी विधानसभा सीट पर कोई भी उम्मीदवार लगातार दो बार विधायक नहीं बन सका है। इसी कड़ी में कोई भी पॉलीटिकल पार्टी लगातार तीन बार ने तो चुनाव हारने वालों में शामिल है और नहीं चुनाव जीतने वालों में शामिल है । इस गणित को ध्यान में रखा जाए तो भाजपा लगातार दो चुनाव जीत चुकी है , लेकिन उम्मीदवार को बदल दिया गया है । इसी प्रकार से कांग्रेस भी दो बार चुनाव हारने के बाद नए उम्मीदवार के साथ पटौदी के चुनाव मैदान में मौजूद है । इस कड़ी में सबसे रोचक पहलू यह है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के द्वारा पहली बार आमने-सामने महिला उम्मीदवारों को जनता के बीच अपना जन प्रतिनिधि का चुनाव करने के लिए भेजा गया है । राजनीतिक मुद्दा और जीत के लिए दावे- प्रति दावे पर ध्यान दिया जाए तो भाजपा को लेकर लोगों में भाजपा की पोर्टल पॉलिसी को लेकर सबसे अधिक गुस्सा अथवा नाराजगी बनी हुई है । इसके अलावा बदलाव लाना या किया जाना मानव की स्वाभाविक मानसिक प्रवृत्ति भी बनी हुई है। कांग्रेस पार्टी के द्वारा भाजपा के पोर्टल पॉलिसी को काउंटर करते हुए सात गारंटी आम जनता के बीच 5 साल में पूरा किया जाने के मजबूत विश्वास की गारंटी दी जा रही है।
लगातार लोगों के बीच बैठने और उनकी चर्चाओं के साथ ही विचारों को सुनने के बाद साफ-साफ महसूस किया जा सकता है , जनता जनार्दन राजनीतिक बदलाव का मन बनाकर अबकी बार हाथ को बेहद मजबूत किए बैठी है । पटौदी विधानसभा क्षेत्र में समस्याओं से लेकर सुविधाओं को लेकर मुद्दे तो अनेक है। लेकिन इस बार सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण मुद्दा महिला उम्मीदवारों भाजपा की विमला चौधरी और कांग्रेस की पर्ल चौधरी की शिक्षा को लेकर बना हुआ है । पटौदी क्षेत्र में ही औद्योगिक क्षेत्र मानेसर, नगर निगम क्षेत्र मानेसर, और यहां की हाई राइज बिल्डिंग और सोसाइटी में रहने वाले भी हाई प्रोफाइल होने के साथ-साथ हायर एजुकेटेड लोगों में शामिल रहे हैं । कांग्रेस और भाजपा के जो भी बड़े नेता प्रचार के लिए आ रहे हैं, उनके प्रचार में भी अपने ही एजेंडे शामिल है । कांग्रेस पर वर्ग विशेष की अनदेखी भ्रष्टाचार लूट खसोट भाई भतीजाबाद जैसे आरोप उछलते हैं। इसके काउंटर में कांग्रेस के द्वारा महंगाई बेरोजगारी विभिन्न वर्गों के लिए सम्मान राशि पेंशन सहित 300 यूनिट बिजली और 500 में एलपीजी सिलेंडर की गारंटी आम जनता के बीच में सुपरहिट फिल्म की तरह सुपरहिट हो चुकी है । इससे भी बड़ा मुद्दा भाजपा उम्मीदवार और कांग्रेस उम्मीदवार की शिक्षा को लेकर युवा वर्ग से लेकर देहात के रहने वाले बुजुर्ग में भी अब राजनीतिक बदलाव के लिए उतावला दिखाई दे रहा है । बहरहाल जो कुछ आंखों से सुना गया और कानों से देख महसूस किया गया। वह फोटो के माध्यम से जनता जनार्दन के सामने परोस दिया गया । यह फोटो ही बता रही है कि पटौदी की जनता का चुनाव परिणाम यह भी हो सकता है।
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