याक़ूत अल/अटल हिन्द
मणिपुर: मई 2023 से मणिपुर भीषण जातीय हिंसा की चपेट में है, जहां मेईतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जारी संघर्ष ने अब तक 260 से ज़्यादा जानें ले ली हैं. इस हिंसा के चलते 60,000 से अधिक लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं, और हज़ारों मकान जलकर खाक हो गए हैं.


रिपोर्ट ज़मीनी हालात की भयावहता को उजागर करती है. तबाही के निशान हर दिशा में दिखते हैं, और समुदायों के बीच अविश्वास की खाई और गहरी होती जा रही है. राज्य सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ जनता का गुस्सा अब उबाल पर है, जो हालात को और अस्थिर बना रहा है.


मणिपुर में लोगों ने लंबे समय से मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग हो रही थी, जो अंततः 9 फरवरी 2025 को पूरी हुई. बड़ी संख्या में लोगों का मानना है कि राज्य में फैली हिंसा के लिए वही ज़िम्मेदार हैं.

हत्याओं के अलावा, मणिपुर में अब भी 30 से अधिक लोग लापता हैं. सरकार अब तक उनका पता लगाने में नाकाम रही है, और उनके परिजन अब सबसे बुरा होने का डर झेल रहे हैं.
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