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पटौदी एमएलए जरावता का घेराव

जमीन अधिग्रहण मुद्दे को लेकर पटौदी एमएलए जरावता का घेराव

संडे को एमएलए जरावता के खुला दरबार में ही पहुंचे ग्रामीण

घेराव और धरना देने वालों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल

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ग्रामीणों अपने हाथ लिए हुए थे अपनी मांगों के समर्थन के फ्लेक्स

मानेसर क्षेत्र के कासन सहरावत कुकरोला की जमीनों का मामला

फतह सिंह उजाला
मानेसर । मानेसर नगर निगम क्षेत्र में एचएसआईआईडीसी के द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन का मामला शासन, प्रशासन सहित सत्ता पक्ष और सरकार के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है । संडे को मानेसर क्षेत्र के सबसे अधिक प्रभावित कासन , सहारावन, कुकड़ोला अन्य गांवों के लोगों के द्वारा अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक पंचायत का आयोजन किया गया। यह पंचायत जमीन बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष सरपंच रोहतास की अध्यक्षता में की गई। इस पंचायत में मुख्य रूप से सरपंच सत्यदेव शर्मा , सरपंच मनोज यादव, मास्टर बलबीर मानेसर, नंबरदार दया किशन, मानेसर नंबरदार राज, ईश्वर सिंह सरपंच, प्रदीप सहित बड़ी संख्या में प्रभावित किसान और ग्रामीण मौजूद रहे । पंचायत में विभिन्न वक्ताओं के द्वारा अधिग्रहण के दायरे में फंसी 1810 एकड़ जमीन को अधिग्रहण से मुक्त करने पर अपने अपने विचार रखें ।

इसके उपरांत सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जिनमें महिलाओं की संख्या अच्छी-खासी थी। मानेसर में पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के आवास पर पहुंचे और वहां घेराव करते हुए महिलाएं मोर्चा खोल कर बैठ गई । इस दौरान जैसे ही प्रशासन को एमएलए और निवास के घेराव की जानकारी मिली तो, बड़ी संख्या में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया । गौरतलब है कि ग्रामीण अधिग्रहित की गई जमीन का नई नीति के अनुसार मुआवजे की भुगतान की मांग कर रहे हैं या फिर जमीन को अधिग्रहण से मुक्त किया जाने की प्रमुख मांग है । मानेसर क्षेत्र जो कि औद्योगिक क्षेत्र भी है और अब नगर निगम भी बन चुका है । ऐसे में कथित रूप से ग्रामीणों को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है । जमीन का मुद्दा बीते कई वर्षों से समय-समय पर ग्रामीण उठाते आ रहे हैं । बीते कई दिनों से इसी मुद्दे को लेकर प्रभावित ग्रामीणों के द्वारा अपना विरोध प्रदर्शन सहित धरना भी किया जा रहा है । इस मामले में कथित रूप से करीब 2000 किसान और उनके परिवार बुरी तरह से प्रभावित होते दिखाई दे रहे हैं।

जमीने हाथ से निकल जाने के बाद रोजी-रोटी सहित रोजगार का भी संकट किसानों के लिए चिंता का कारण बना है । संडे को बड़ी संख्या में ग्रामीण जिनमें महिलाएं भी शामिल रही , पटौदी एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के मानेसर आवास पर पहुंचे । उस समय एमएलए जरावता जनता की समस्याओं को सुनने के लिए खुले दरबार में लोगों की समस्याओं की सुनवाई कर रहे थे । इसी दौरान सैकड़ों की संख्या में किसान और ग्रामीण पहुंच गए, पहुंचने के बाद में प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए कथित रूप से एम एल ए जरावता और हरियाणा की गठबंधन सरकार सहित शासन प्रशासन को भी खूब खरी-खोटी सुना डाली।

प्रदर्शनकारियों की एक ही मांग है एचएसआईआईडीसी के द्वारा सेक्शन 4-6 को लेकर पुराने एक्ट 1894 के तहत जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है । जबकि हरियाणा की गठबंधन सरकार और सीएम मनोहर लाल खट्टर बार-बार बयान देते आ रहे हैं कि किसानों की मर्जी के बिना जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा । हालांकि बीते दिनों गुरुग्राम में सीएम मनोहर लाल खट्टर के द्वारा उपरोक्त जमीन के मामले को लेकर कहा गया था कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने दिया जाएगा ।

विधानसभा में भी उठाया गया मामला
संडे को जमीन के मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन सहित घेराव करने के लिए पहुंचे प्रभावित गांवों के साथ-साथ अन्य ग्रामीणों को एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा जानकारी दी गई कि मानेसर नगर निगम क्षेत्र में एचएसआईआईडीसी के द्वारा अधिग्रहित की जा रही जमीन के मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया जा चुका है । संबंधित मामले में कई तकनीकी मामले में फंसे हुए हैं । उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस शासनकाल के दौरान मानेसर क्षेत्र और यहां के आसपास के गांव के लोगों के साथ जमीन के मामले को लेकर खिलवाड़ किया गया । वास्तव में जमीन अधिग्रहण कांग्रेस शासनकाल के दौरान ही किया गया था । भाजपा सरकार उपरोक्त समस्या का किसान और गांव के हित को प्राथमिकता देते हुए समाधान निकालने के लिए प्रयासरत है । उन्होंने आश्वासन दिलाया कि जमीन के संबंधित मामले में पूरा प्रयास किया जाएगा कि प्रभावित किसानों और ग्रामीणों के साथ किसी भी प्रकार से उनके अधिकार का हनन नहीं हो।

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