– राहुल कंबोज यमुनानगर ( फर्जी विदेशी सांसद ) की मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्री, सांसदों से चल रही गलबहियां
– हरियाणा के बड़े अफसरों से ऐसे मेल-मुलाकात, जैसे बरसों का रिश्ता
– फर्जी विदेशी सांसद की पड़ताल करने की राज्य व केंद्र की किसी एजेंसी ने नहीं उठाई जहमत
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चंडीगढ़ /राजकुमार अग्रवाल /अटल हिन्द
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पिछले कुछ अरसे से एक फर्जी विदेशी सांसद की देश-प्रदेश में मौजूद सत्ता के बड़े ठिकानों पर बिना रोक-टोक एंट्री चल रही है। दो प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्री व सांसदों के साथ इनकी गलबहियां डाले फोटो सोशल मीडिया पर खूब पोस्ट हो रही हैं। हरियाणा के बड़े अफसरों से तो ऐसे मेल-मुलाकात हुई हैं, जैसे आपस में बरसों का रिश्ता हो। इतना सब चलता रहा, लेकिन खुद को विदेशी सांसद बताने के इनके दावे की पड़ताल करने की राज्य का केंद्र की किसी भी एजेंसी ने जहमत नहीं उठाई।
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यहां जिक्र हो रहा है राहुल कुमार कंबोज (Rahul Kamboj)का, जो खुद को फ्रैंकफर्ट, जर्मनी से मेंबर ऑफ पार्लियामेंट (Member of Parliament)बताते हुए हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली का लगातार दौरा कर रहे हैं। कई धर्म गुरुओं के अलावा वे हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल, हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ पिछले 3-4 महीने के दौरान लगातार मुलाकात कर रहे हैं। बाकायदा खुद के फेसबुक पेज पर फोटो भी डालते हैं, जबकि इन तमाम बड़े नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट से भी राहुल कंबोज को मेंबर ऑफ पार्लियामेंट जर्मनी बताते हुए बड़े ही शौक से फोटो शेयर किए गए हैं। हरियाणा व उत्तराखंड में तो राहुल कंबोज जर्मनी के मेंबर ऑफ पार्लियामेंट के तौर पर सरकारी मीटिंगों का हिस्सा भी बन चुके हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर व केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी उमाशंकर के साथ हुई मुलाकातों के अलावा एनआईए चीफ दिनकर गुप्ता के साथ हुई मुलाकात को भी राहुल कंबोज ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर फोटो के साथ शेयर किया हुआ है।
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कौन है राहुल कंबोज?
राहुल कंबोज को यमुनानगर (Rahul Kamboj Yamunanagar)जिले का मूल निवासी बताया जा रहा है, जो बाद में फ्रैंकफर्ट, जर्मनी में चले गए। लेकिन, वे खुद को वहां का मैंबर ऑफ पार्लियामेंट बताते हुए देश-प्रदेश में सत्ता के बड़े केंद्रों में घुसपैठ करने में जुट गए। पिछले कुछ महीनों में भारत में इनकी सक्रियता तेजी से बढ़ती दिखाई दी, जबकि जर्मनी में नवंबर 2024 की शुरुआत से ही वहां की सरकार पर राजनीतिक संकट मंडराने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में एक सांसद किस तरह से राजनीतिक अस्थिरता के माहौल में देश छोड़ कर हरियाणा और उत्तराखंड के चक्कर काट रहा है? यह बात जहन में आने के बाद राहुल कंबोज के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की, तो चौंकाने वाले खुलासे होने लगे। जबकि, अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर राहुल कंबोज खुद को 2021 से पार्लियामेंट मेंबर ऑफ फ्रैंकफर्ट, जर्मनी बता रहे हैं।
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जर्मन संसद की वेबसाइट पर राहुल का नाम तक नहीं
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जर्मनी की संसद को बुंडेस्टाग कहा जाता है, जिसमें फिलहाल 736 सदस्य हैं, लेकिन इनकी अधिकारिक वेबसाइट पर इनमें से कोई भी राहुल या राहुल कंबोज नाम से नहीं है। सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि आज तक कोई भी भारतीय मूल का मेंबर ऑफ पार्लियामेंट, जर्मन चुना ही नहीं गया है। अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी WION के अनुसार जयपुर निवासी सिद्धार्थ मोदगिल जर्मन संसद पहुंचने के लिए मुकाबले में हैं और वे जीतते हैं तो जर्मनी में मैंबर ऑफ पार्लियामेंट बनने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति होंगे।
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तो फिर फ्रैंकफर्ट में क्या हैं राहुल कंबोज?
राहुल कंबोज के बारे में चली पड़ताल में पता चला कि उन्होंने 14 मार्च 2021 को फ्रैंकफर्ट सिटी काउंसिल का चुनाव लड़ा था और इसमें विजयी रहे। ये एक तरह से सिटी काउंसलर हैं, यानी जैसे हरियाणा में नगर पालिका, नगर परिषद या नगर निगम के पार्षद होते हैं। फ्रैंकफर्ट की सिटी काउंसिल में 93 सदस्य हैं, जिनमें से 1 राहुल कंबोज भी हैं। लेकिन, इन्होंने किन कारणों से खुद को मेंबर ऑफ पार्लियामेंट, फ्रैंकफर्ट-जर्मनी बताते हुए यहां सत्ता के प्रमुख केंद्रों में आना-जाना शुरू किया, यह जांच का विषय है। जो व्यक्ति खुद को विदेशी सांसद बताते हुए सत्ता के बड़े गलियारों में घूम रहा हो, उसके बारे में प्रदेश व देश की एजेंसियों को सतर्क हो जाना चाहिए। बाकायदा उसके मकसद, मंसूबों को बारे में जानकारी जुटानी चाहिए।
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राहुल ने नहीं दिया किसी भी सवाल का जवाब
राहुल कंबोज का वर्जन लेने के लिए उन्हें 1 जनवरी व 2 जनवरी को 3 व्हाट्सऐप मैसेज भेजे गए। लेकिन, इन्होंने इनमें से किसी का भी जवाब नहीं दिया। पूछने के बावजूद उन्होंने खुद के मेंबर ऑफ पार्लियामेंट होने को लेकर कोई सबूत भी नहीं दिया। ऐसे में राहुल कंबोज द्वारा खुद को पार्लियामेंट मेंबर ऑफ फ्रैंकफर्ट, जर्मनी बताने के दावे की जांच के साथ हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में हुई उनकी मुलाकातों की विस्तृत जांच जरूर होनी चाहिए और ऐसे किसी फर्जी विदेशी सांसद को सरकारी बैठकों में पहुंचाने के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
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( अजय दीप लाठर, लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं यह समाचार उनकी फेसबुक वॉल से लिया है ।)
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