हरियाणा बीजेपी सरकार ने हरियाणवी गायक मासूम शर्मा को लपेटा ?
चंडीगढ़ /राजकुमार अग्रवाल /अटल हिन्द ब्यूरो)
गुरुग्राम: हरियाणा सरकार ने सिंगर मासूम शर्मा के तीन गानों को यूट्यूब से हटा दिया है. उनका दावा है कि ये गन कल्चर को बढ़ावा देते हैं. इस घटना के बाद इस मामले पर खुद सिंगर मासूम शर्मा ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने फेसबुक पर लाइव आकर इस मामले के बारे में चुप्पी तोड़ी है और राज्य सरकार के पब्लिसिटी सेल के एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मासूम के मुताबिक, उस आदमी के साथ उनका छत्तीस का आंकड़ा चल रह है. मासूम के साथ नरेंद्र भगाना और अंकित बालियान के भी एक-एक गाने को सरकार ने बैन किया है
हरियाणवी गायक मासूम शर्मा, जिनके गाने कथित तौर पर बंदूक संस्कृति (गन कल्चर) और गुंडागर्दी को बढ़ावा देने के लिए यूट्यूब से हटा दिए गए थे, ने सवाल उठाया है कि क्यों उनके गाने ‘ताड़के पावेगी लाश नहर में’ को छोड़ दिया गया.
हरियाणा सरकार द्वारा शर्मा के तीन गानों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से विवाद खड़ा हो गया है, कई हरियाणवी गायक उनके पीछे खड़े हो गए हैं, उन्होंने सवाल उठाया है कि उनके गाने क्यों हटाए गए जबकि इसी तरह की थीम वाले अन्य गानों को ऑनलाइन रहने दिया गया है.
मासूम शर्मा कई बार विवादों में भी रहे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2021 मासूम शर्मा और तीन अन्य लोगों के खिलाफ एक महिला को कथित तौर पर ब्लैकमेल करने के कारण केस दर्ज किया गया था. महिला ने जुलाना पुलिस थाने में मासूम शर्मा के भाइयों पर रेप का आरोप लगाया था. साल 2022 मासूम शर्मा फिर सुर्खियों में तब आए, जब हरियाणा के कॉमेडियन विश्वास चौहान ने सिंगर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और आरोप लगाया कि सिंगर ने उनके घर उन पर रिवॉल्वर से गोली चलाई थी, लेकिन गोली उन्हें लग नहीं पाई. विश्वास का आरोप था कि मासूम शर्मा ने पहले उनके साथ झगड़ा किया और बात बढ़ी तो गोली चला दी.
प्रतिबंधित किए गए तीन ट्रैक- ‘ट्यूशन बदमाशी का’, ’60 मुकद्दमे’ और ‘खतोआ’ को पिछले सप्ताह यूट्यूब से कथित तौर पर बंदूक संस्कृति का महिमामंडन करने के लिए हटा दिया गया था, यह एक ऐसा मुद्दा है जो विशेष रूप से पड़ोसी पंजाब में चिंता का विषय रहा है, जहां संगीत कलाकारों के बीच इसी तरह के रुझान देखे गए हैं.
इसके अलावा, राज्य सरकार ने हरियाणवी गायक अंकित बालियान और नरेंद्र भगाना के दो अन्य गानों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें बंदूक संस्कृति और गुंडागर्दी को बढ़ावा देने की चिंताओं का हवाला दिया गया है.
हालांकि, मासूम शर्मा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, उनके तीन गानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. 15 मार्च को फेसबुक लाइव सेशन में गायक ने राज्य प्रचार विभाग के एक सरकारी अधिकारी पर “व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते” उन्हें निशाना बनाने का आरोप लगाया था, हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर उस अधिकारी का नाम नहीं लिया.
बुधवार को मीडिया से बात करते हुए शर्मा ने इस बारे में कोई संदेह नहीं छोड़ा कि वह किसकी बात कर रहे थे. उन्होंने खास तौर पर गजेंद्र फोगट द्वारा गाए गए गाने ‘ताड़के पावेगी लाश नहर में’ की ओर इशारा किया- जो वर्तमान में हरियाणा के सीएम नायब सैनी के प्रचार विंग में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के रूप में कार्यरत हैं.
जवाब में फोगाट ने मीडियाकर्मियों से कहा, “वह (शर्मा) सस्ती पब्लिसिटी के लिए ऐसा कर रहे हैं. मैं कलाकारों के लिए आसान निशाना हूं. मैंने किसी का गाना नहीं हटवाया है. गाने साइबर सेल द्वारा हटाए जा रहे हैं, और इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है. केवल वे गाने हटाए गए हैं जिन पर पुलिस विभाग के साइबर सेल को आपत्ति है.”
राज्य प्रचार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर दिप्रिंट से बात करते हुए मासूम शर्मा के आरोपों का खंडन किया है. गायक और रैपर कुलबीर दनौदा (केडी) ने 16 मार्च को एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “सामाजिक सुधार के लिए सरकार और प्रशासन द्वारा की गई हर पहल का स्वागत है, जब तक कि यह किसी साजिश का हिस्सा न हो. क्योंकि इसका उद्देश्य समाज में सुधार लाना था, न कि व्यक्तिगत दुश्मनी को दूर करना.”
यह कार्रवाई दो महीने पहले करनाल में आयोजित कानून-व्यवस्था समीक्षा बैठक के बाद की गई है, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हरियाणवी गायकों द्वारा बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने और युवाओं को अपराध की ओर प्रेरित करने पर चिंता व्यक्त की थी. उस समय, सीएम सैनी ने पुलिस को हथियारों और नशीली दवाओं के दुरुपयोग का महिमामंडन करने वाले गीतों पर नज़र रखने का निर्देश दिया था.
‘प्रतिबंध सिर्फ हरियाणवी कलाकारों पर ?
कौन हैं मासूम शर्मा?
मासूम शर्मा 33 साल के यंग हरियाणवी सिंगर हैं. वह हरियाणवी पॉप गाने बनाते हैं. वह सिंगर के अलावा म्यूजिक कंपोजर और गीतकार भी हैं. उन्होंने साल 2009 में म्यूजिक एल्बम ‘जलवा हरियाणा’ से डेब्यू किया था. उन्होंने ‘जप नाम भोले का’ (2021), ‘2 नंबरी’ (2021), ‘गुंडे ते प्यार’ (2021), ‘ट्यूशन बदमाशी का’ (2022), ‘भगत आदमी’ (2022), ‘एक खटोला जेल के भीतर’ (2023), ‘बदमाशा का ब्याह ‘(2024) और ‘लोफर’ (2024) जैसे गानों को अपनी आवाज से सजाया है.
शर्मा ने अपने गानों पर प्रतिबंध का कड़ा विरोध किया है और अपने फेसबुक लाइव सेशन में दावा किया है कि उन्हें एक अधिकारी ने निशाना बनाया है—जो अब एक उच्च पद पर आसीन हैं—जिन्होंने उनके साथ एक पुराने विवाद को निपटाने के लिए अपने अधिकार का दुरुपयोग किया.
“मेरे गानों पर गुंडागर्दी को बढ़ावा देने के आरोप में प्रतिबंध लगाया जा रहा है, लेकिन कुछ कलाकार अश्लीलता को लोक संगीत के रूप में पेश कर रहे हैं. उन्हें भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. कई गायक विवाहित महिलाओं, बहुओं और लड़कियों के बारे में गाने बनाते हैं, जो समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. कई दोहरे अर्थ वाले गाने हैं, फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है,” उन्होंने कहा. “अगर हरियाणवी गानों पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो युवा पंजाबी गाने सुनना शुरू कर देंगे. सरकार को पंजाबी गानों सहित बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले सभी गानों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. इसे केवल हरियाणवी कलाकारों को निशाना नहीं बनाना चाहिए और हमारी आजीविका नहीं छीननी चाहिए.”singer Masoom Sharma?
उन्होंने आगे कहा, “एक गाने की शूटिंग के दौरान 100 से ज़्यादा लोगों को रोजगार मिलता है, जिससे उन्हें प्रतिदिन 800-1,000 रुपये मिलते हैं. अगर उनका काम बंद हो जाता है, तो क्या सरकार उन्हें रोजगार देगी? अगर सरकार पक्षपात रहित तरीके से काम करती है, तो मैं गुंडागर्दी वाले गाने गाना बंद कर दूंगा और भजन गाना शुरू कर दूंगा.”
सोशल मीडिया पर लोग सरकार की चुनिंदा कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं, अमित रोहतकिया, अजय हुड्डा और हेमंत फौजदार जैसे गायकों का नाम लेकर पूछ रहे हैं कि गुंडागर्दी और बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले उनके गानों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया. इस बीच, हैशटैग #ISupportMasoomSharma ट्रेंड कर रहा है, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
मासूम ने तोड़ी चुप्पी, कही ये बात
मासूम ने गानों के बैन का विरोध करते हुए दावा किया है कि उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है. फेसबुक लाइव में उन्होंने हरियाणा सरकार के पब्लिसिटी सेल के एक अधिकारी पर उनके साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी, जो अब सरकार में एक ऊंचे पद पर है, उन्होंने पुराने लड़ाई के कारण ये कार्रवाई की है. मासूम ने कहा कि उनके साथी हरियाणवी कलाकारों नरेंद्र भगाना और अंकित बालियान का एक गाना भी यूट्यूब से हटा दिया गया. ताकि यह दिखाया जा सके कि उनके साथ ये अकेले नहीं किया जा रहा है. सिंगर ने आरोप लगाया कि उक्त अधिकारी ने सूरजकुंड मेले में एक दूसरे हरियाणवी गायक केडी दानोदा का शो भी रद्द कर दिया.
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