चैरिटी अस्पताल” को बना दिया “ट्रेनिंग सेंटर” कौन है “मास्टरमाइंड” !
इस पूरे षडयंत्र और खेल का खुलासा करने के लिए न्यायिक जांच की मांग
महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरी की शिकायत पर बिलासपुर थाना में मामला दर्ज
आरोपियों पर संपत्ति का मालिक बन अवैध कब्जा करवाने का आरोप
अस्पताल परिसर से विभिन्न प्रकार के कीमती मेडिकल उपकरण नदारत
दिसंबर 2015 में तत्कालीन गवर्नर कप्तान सिंह सोलंकी द्वारा हुआ उद्घाटन
फतह सिंह उजाला
बोहड़ाकला / पटौदी। लाचार, मजबूर, जरूर मंद, गरीब लोगों सहित विशेष रूप से साधु समाज की मदद के लिए बनाए गए चैरिटी अस्पताल को ट्रेनिंग सेंटर में तब्दील किया जाने की न्यायिक जांच समय की जरूरत और मांग बन गई है। इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं की पिछले एक दशक के दौरान इस चैरिटी अस्पताल को मौजूदा समय में कथित रूप से (आर्मी बेस्ट ट्रेंनिंग) खूंगा अकैडमी बनाने के खेल में बेहद प्रभावशाली और बड़े लोगों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। यह अस्पताल परिसर मौजूदा समय में जिला के सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला के ही प्राचीन हनुमान मंदिर के निकट और मंदिर परिसर के पीछे मौजूद है। जो कि अब खूंगा अकैडमी के नाम से व्यावसायिक ट्रेनिंग सेंटर बना है(Bohdakala Charity Hospital became a “training center” due to conspiracy and game, who is the “mastermind”!)। मौजूदा समय में बेहद कीमती जमीन और यहां बने हुई अस्पताल बिल्डिंग पर अवैध कब्जे सहित अस्पताल के उपकरण चोरी अथवा खुर्द करने के संदर्भ में महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के अधिष्ठाता स्वामी ज्योति गिरी के द्वारा सात आरोपियों को नामदज करते हुए बिलासपुर थाना में शिकायत दी है। स्वामी ज्योति गिरी के द्वारा दी गई शिकायत की आरंभिक जांच के बाद थाना बिलासपुर के द्वारा आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी गई है। इस चैरिटी परिसर का उद्घाटन तत्कालीन राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी द्वारा द्वारा 9 दिसंबर 2015 को किया गया था।
निवासी प्राचीन हनुमान मंदिर बोहड़ाकला स्वामी ज्योति गिरी, मौजूदा निवासी हरियाणा सेवा आश्रम नरसिंह घाट उज्जैन के द्वारा पुलिस में दी गई शिकायत में बताया गया है केवट नंबर 174, किला नंबर 13 (8-0 ) 14 (8-0) की भूमि पर स्थित उनके अस्पताल और अस्पताल के बने सह आवासीय परिसर बिल्डिंग भवन पर कब्जा कर लिया गया है। इसी भूमि क्षेत्र में ही चैरिटी अस्पताल के साथ-साथ गौ सेवा सदन तथा विशाल आवासीय परिसर भी मौजूद है । पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक इस प्रकार कब्जा किए जाने की जानकारी मृत्युंजय गिरी मुकेश कुमार मदगंजन प्रसाद चित्रकूट उत्तर प्रदेश के द्वारा दी गई। जब वह यहां पर अस्पताल परिसर और गौ सेवा सदन परिसर का दौरा करने के लिए पहुंचे । यहां परिसर का दौरा करने के बाद सारे हालात और घटनाक्रम की जानकारी उपलब्ध करवाई गई।
कौन-कौन आरोपी , स्वयं को बताया प्रॉपर्टी मलिक
इस पूरे प्रकरण में बिलासपुर थाना पुलिस में दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक क्रमानुसार हरपाल, महेश, नेपाल,, सुशील, गुरदयाल, सतीश, कुलदीप ( पश्चिमी दिल्ली निवासी ) को आरोपी बनाया गया है ।आरोप लगाया गया है कि पहले तीन आरोपियों ने और बाद के तीन आरोपियों ने अपने आप को इस जमीन का अपने आप फर्जी दस्तावेज तैयार करके मालिक बना लिया। जमीन जायदाद का अपने आप को मलिक बताते हुए लिखित में एग्रीमेंट करके आरोपी नंबर चार को यह पूरा परिसर लाखों रुपए के किराए के एग्रीमेंट के रूप में लंबे समय के इस्तेमाल के लिए किराए पर दे दिया गया। इस प्रकार का कृत्य पूरी तरीके से गैरकानूनी और जमीन जायदाद पर कब्जा करने की नीयत से ही किया गया। इसी कड़ी में पुलिस के दर्ज मामले में लिखा है आरोपी ने संबंधित परिसर को खाली करने से इनकार कर दिया और शिकायतकर्ता को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी गई।
अस्पताल से कीमती मेडिकल उपकरण गायब
स्वामी ज्योति गिरी के द्वारा पुलिस को बताया गया उनके जाने के समय अस्पताल बिल्डिंग और आवासीय परिसर में चिकित्सा उपकरणों में 40 संपूर्ण बेड, 10 ऑक्सीजन सिलेंडर, एक सी-आर्म मशीन, एक एक-रे मशीन, विभिन्न उपकरणों से सुसज्जित ऑपरेशन थिएटर ( ओटी ) 25 एयर कंडीशनर, 10 एलसीडी टीवी, अस्पताल के साथ बने आवासीय परिसर (शिव सदन डॉक्टर आवास) में 30 सिंगल बेड के अलावा मेडिकल स्टोर में विभिन्न प्रकार की दावओ का स्टॉक, ओपीडी डायग्नोस्टिक अनुभाग, फिजियोथैरेपी उपकरण, बैटरी बैकअप, सोलर पैनल , स्ट्रक्चर, व्हीलचेयर अन्य सामान भी यहां पर मौजूद था । आरोपियों ने योजना बद और साजिश के तहत जाली अथवा फर्जी पट्टानामा या एग्रीमेंट में अपने आप को मलिक बताया है । उन्होंने पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया है कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की आवश्यक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर कबजाए गए परिसर को खाली करवाने के साथ-साथ जो भी यहां सामान मौजूद था उसकी बरामद की की जाए।
Add A Comment