पटोदी जिला की जिद
राव इंद्रजीत समर्थकों के लिए पटौदी को जिला बनाना बन गया चैलेंज
शनिवार को बुलाई गई बैठक लोगों की हाजिरी के मुताबिक फ्लाफ रही
बैठक में घोषणा सीएम हाउस का घेराव और आमरण अनशन-कर्मिक धरना
गोपी कृष्ण वाटिका /अटल हिन्द ब्यूरो /फतह सिंह उजाला
हरियाणा प्रदेश में नए जिले बनाए जाने की चर्चाओं के बीच एक बार फिर से पटौदी को जिला बनाए जाने का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है। पटौदी को जिला बनाने के लिए विभिन्न पंचायत के मंच पर बनाई गई जिला निर्माण कमेटी इस विषय में अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन एवं डिमांड लेटर सौंप चुकी है। आश्वासन भी मिले हैं ,लेकिन जब बात परिणाम की आती है तो पटौदी के नाम का कहीं कोई नाम ही नहीं आता है । एक बार फिर से शनिवार को पटौदी को जिला बनाए जाने की मुद्दे को लेकर गोपी गोपी कृष्ण वाटिका हेली मंडी में विशाल बैठक अथवा पंचायत बुलाने का आह्वान किया गया। लेकिन हैरानी उसे वक्त हुई जब इस बैठक में गिनती के ही लोग शामिल हुए । दूसरे शब्दों में शनिवार की है बैठक संख्या बल के हिसाब से पूरी तरह फ्लाफ कहीं जा सकती है।

एक दिन पहले ही मोबाइल अथवा सोशल मीडिया पर 1000 से अधिक लोगों के ग्रुप में एक के बाद एक सुझाव दिए गए, मांग की गई और रिकॉर्ड तोड़ संख्या में पहुंचने का ढोल पीटा गया। लेकिन आयोजन स्थल पर संख्या बल को देखकर हैरानी भी हुई। इस बैठक की अध्यक्षता सरपंच एसोसिएशन जिला अध्यक्ष अजीत यादव सरपंच के द्वारा की गई। इस बैठक में मुख्य रूप से पूर्व विधायक रामवीर सिंह, पंचायत समिति के सदस्य राजेंद्र यादव, विष्णु यादव, भूपेंद्र यादव पारसोली, कर्मवीर यादव, राजेंद्र गुप्ता, विजयपाल चौहान, विनोद शर्मा, दिलीप पहलवान छिल्लर, सुखबीर तंवर, मामचंद यादव, यशपाल फरीदपुर, श्रीपाल चौहान, सतबीर पहलवान, राजेश चौहान बब्बू बावनी प्रधान, मनवीर चौहान, संजीव जनौला, राधेश्याम मक्कड़, मास्टर आजाद सिंह, कैप्टन कंवर सिंह, नरेंद्र पहाड़ी सहित अन्य प्रबुद्ध व्यक्ति मौजूद रहे। विभिन्न वक्ताओं के द्वारा बैठक में पिछली पंचायत के मुकाबले कम उपस्थिति पर भी गहरी चिंता जाहिर की।
जिस प्रकार से बैठक में पाटोदी जिला निर्माण कमेटी के और अन्य सदस्यों के द्वारा बात रखी गई । उसके मुताबिक अभी तक के संघर्ष की दौड़ जहां से आरंभ हुई थी, वहीं पर ही दिखाई दे रही है। सीधे और सरल शब्दों में ढाक के वही तीन पात रहे । बैठक में विभिन्न वक्ताओं ने एक बार फिर से अपने सुझाव रखें । जबकि होना यह चाहिए था कि अनुभवी प्रबुद्ध व्यक्तियों द्वारा सुझाव नहीं समाधान बताया जाना चाहिए था। बैठक में यह बात भी साफ निकल कर आई की जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि शायद खुलकर पटौदी को जिला बनाने का समर्थन नहीं कर सकेंगे । इसका मुख्य कारण यह कहा जा सकता है कोई भी पॉलीटिकल पार्टी हो । उस पार्टी का कोई भी नेता हो, वोट मानेसर और पटौदी दोनों ही स्थान के जरूरी है और इन वोटो की जरूरत भी है। जिला को बनवाना और जिले की मांग को मजबूती के साथ सरकार के सामने रखना जिले का संकल्प लेने वालों की सबसे पहले और बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। इस प्रकार की मांगों को पूरा करवाने के लिए क्षेत्र के सभी वर्गों का समर्थन और एकता का परिचय सहित एहसास भी सरकार और सिस्टम को करवाना जरूरी है।
महामंडलेश्वर धर्मदेव को भी निशाने पर लिया
इसी बैठक में वक्ताओं के द्वारा सीधे-सीधे महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज को भी निशाने पर लिया गया। उनके द्वारा आश्रम हरी मंदिर में ही जनवरी महीने में पाटोदी जिला का समर्थन करते हुए आमरण अनशन की घोषणा की गई । बैठक में सुझाव रखे गए मुख्यमंत्री आवास का घेराव चंडीगढ़ में किया जाए। सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर सरकारी सिस्टम को जगाया जाए। अभी तक जहां-जहां भी पाटोदी जिला निर्माण कमेटी के द्वारा अपने मांग पत्र और डिमांड लेटर दिए गए, उस पर लिए गए एक्शन की जानकारी भी प्राप्त की जाए। शनिवार को पटौदी जिला निर्माण कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करने वाले अजीत यादव ने कहा सर्वसम्मति से फैसला किया गया है कि 4 जून बुधवार को पाटोदी जिला सीमा क्षेत्र में शामिल पटौदी, हेली मंडी, जाटोली, बोहडाकला, बिलासपुर, जमालपुर, फरुखनगर क्षेत्र में पूरी तरह से बंद रखा जाएगा ।
आमरण अनशन-भूख हड़ताल का भी विकल्प
इसके साथ ही वक्ताओं ने यह भी कहा इसी मौके पर पटौदी को जिला बनवाने के लिए आमरण अनशन और साथ में कर्मिक भूख हड़ताल भी आरंभ की जानी चाहिए। बैठक के अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा यह क्षेत्र का दुर्भाग्य है कि पटौदी को जिला बनाने का संबंधित कमेटी जनप्रतिनिधियों और सिस्टम के द्वारा आश्वासन दिया जाने के बाद भी पटौदी को जिला बनाने की लिस्ट में प्राथमिकता नहीं दी जा रही है । जबकि पटौदी जिला बनाने की सभी प्रकार की तकनीकी और कानूनी कसौटी खरा उतारते हुए शब्दों को पूरा भी कर रहा है। अब देखना यह है 4 जून को बंद के आह्वान को कितना समर्थन आम जनता के द्वारा दिया जाता है। जिला निर्माण कमेटी जिन जिलों के नाम पर विचार कर रही है उसमें कुछ जिले तो नॉर्म्स और कंडीशन पर ही खरे नहीं उतर रहे । इस प्रकार पटौदी की अनदेखी को सहन नहीं किया जाएगा।
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