करनाल में किसानों के सिर फोड़े गए, उनकी टांगे, बांहे, और नाक की हड्डी तक तोड़ दी गई
वहीं इस मामले में एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो में करनाल के SDM (Karnal SDM) आयुष सिन्हा हैं और वह किसानों के सर फोड़ने का आदेश दे रहे हैं. वीडियो में SDM पूरी ताकत के साथ उन्हें टोल प्लाजा से हटाने की बात कहते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं किसानों ने रोष में पूरे हरियाणा में जगह-जगह पर टोल प्लाजा और हाईवे पर जाम लगा दिया है और जगह-जगह हंगामा जारी है.
हरियाणा सरकार का नहीं भाजपा की बैठक का विरोध कर रहे थे
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करनाल (अटल हिन्द/राजकुमार अग्रवाल )भाजपा की बैठक का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया है। इस लाठीचार्ज में कई किसानों के घायल होने की सूचना है। वहीं बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज के बाद तनाव की स्थिति कायम है। टोल से पुलिस ने किसानों को पूरी तरह से तितर-बितर कर दिया है। वहीं तनाव को देखते हुए आईजी ममता सिंह, एसडीएम आयुष सिन्हा सहित भारी पुलिस बल तैनात है।
रेलवे रोड पर स्थित होटल प्रेम प्लाजा में हो रही इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल,पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ समेत सभी विधायक (MLA) व सांसद (MP) पहुंचे है।हरियाणा में तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर आज पुलिस ने बसताड़ा टोल प्लाला पर लाठीचार्ज कर दिया है। किसान करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रम का विरोध करने जुटे थे।
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जानकारी के मुताबिक करनाल में घरौंडा के पास बसताड़ा टोल प्लाजा पर पुलिस ने किसानों पर लाठियां भांजी। क्योंकि किसानों ने भाजपा नेताओं को रोकने की योजना बनाते हुए टोल की दो-दो क्रॉसिंग छोड़कर बाकी को बंद कर दिया था।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने, जिसके बाद ये हालात बने। लाठीचार्ज में कई किसानों के सिर फूटे और खून बहा। वहीं पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए किसान खेतों में भाग गए।
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किसानों पर लाठीचार्ज से भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी भड़क गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि पुलिस ने करनाल में किसानों का प्रवेश बंद कर दिया। बसताड़ा टोल पर किसानों पर लाठीचार्ज करके उन्हें घायल कर दिया है, जो सरासर गलत है। मेरी किसानों से अपील है कि लाठीचार्ज के विरोध में वे जहां-जहां भी संभव हो सके सड़कों पर जाम लगा दो। आगे के आदेश तक जाम रखो। टोल पर भी जाम लगाया जाना चाहिए।
वहीं चढ़ूनी के आह्वान पर हिसार-दिल्ली हाईवे पर किसानों ने रामायण टोल जाम कर दिया। इससे हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। पुलिस ने वाहनों को खरड़ व रामायण की तरफ डाइवर्ट करना शुरू किया है। करनाल में जींद चौक, बसताड़ा टोल, निसिंग व जलमाना गांव में जाम लगा दिया गया है। रोहतक में मकड़ौली टोल पर किसानों ने जाम लगाया। नरवाना में बदोवाल टोल प्लाजा भी किसानों ने जाम कर दिया है।
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आपको बता दें कि करनाल शहर में भाजपा की संगठनात्मक बैठक थी, लेकिन करनाल पुलिस और प्रशासन ने शहर में एंट्री के सभी प्वॉइंट बंद कर रखे हैं। इसलिए किसान शहर के अंदर नहीं घुस पाए। किसानों ने शहर में कूच करना चाहा, लेकिन पुलिस ने उन्हें घुसने ही नहीं करने दिया। इसके बाद किसानों ने नेताओं को वहीं पर रोकने की तैयार करते हुए टोल की दो-दो क्रॉसिंग छोड़कर बाकी को बंद कर दिया।
किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर ओपी धनखड़ का बड़ा बयान, कही ये बात
किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर ओमप्रकाश धनखड़ का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज किन परिस्थितियों में किया गया है, मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि इसकी जांच करवाई जाए।उन्होंने कहा कि लाठी चार्ज नहीं होना चाहिए था लेकिन किसानों को भी लोकतंत्र के दायरे में रहकर प्रदर्शन करना चाहिए किसी पार्टी के कार्यक्रम को प्रभावित नहीं करना चाहिए।हरियाणा में तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर आज पुलिस ने बसताड़ा टोल प्लाला पर लाठीचार्ज कर दिया है। किसान करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रम का विरोध करने जुटे थे। अब प्रदेश के कई हिस्सों में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं और कई जगहों पर जाम लगा दिये गए हैं।
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लाठीचार्ज करना बेहद निंदनीय और कायरतापूर्ण भरा कदम : अभय सिंह चौटाला
इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने करनाल के बसताड़ा टोल पर किसानों पर किए लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं न कि देश के दुश्मन। किसान शांतिपूर्वक ढंग से अपनी मांगों को लेकर टोल पर प्रदर्शन कर रहे थे, ऐसे में उन पर भाजपा की खट्टर सरकार द्वारा लाठीचार्ज करना बेहद निंदनीय और कायरता पूर्ण भरा कदम है। लाठीचार्ज की घटना की जितनी भतर्सना की जाए उतनी कम है। धारा 144 की आड़ में भाजपा सरकार ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी हैं। इस कुकत्र्य के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसानों और प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। किसानों पर हुए लाठीचार्ज में 70 साल के बुजुर्गों को भी नहीं छोड़ा गया और निर्दयता से खेतों में भगा-भगा कर पीटा गया। निर्दोष किसानों के सिर फोड़े गए, उनकी टांगे, बांहे, और नाक की हड्डी तक तोड़ दी गई जिस कारण से किसान बुरी तरह से जख्मी हुए हैं। खट्टर की गूंगी-बहरी और तानाशाह सरकार आज हरियाणा प्रदेश में भाई से भाई को लड़वा रही है।उन्होंने कहा कि आज ही नवींकरण के बाद जलियांवाला बाग खुला है जहां अंग्रेज शासकों ने क्रूरता की सभी हदों को पार करने वाले जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था और आज ही खट्टर सरकार ने किसानों पर लाठीचार्ज कर उस खौफनाक मंजर को दोहरा दिया है। किसानों पर किए गए लाठीचार्ज ने तानाशाही सोच वाले अंग्रेजों के शासन की याद ताजा कर दी हैं।
भाजपा-जजपा सरकार किसानों का खून बहा रही है-रणदीप सिंह सुरजेवाला
आज भाजपा-जजपा की ‘कायर सरकार’ ने करनाल में अन्नदाता किसान पर बेरहमी और बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज कर एक बार फिर ‘‘जनरल डायर’’ की याद दिला दी। शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे किसानों को जानवरों की तरह दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। दर्जनों लहुलुहान हो गए और सैकड़ों को चोटें आईं। एक बार फिर यह साबित हो गया कि अन्नदाता किसान के असली ‘दुश-मन’ हैं – दुष्यंत चौटाला और मनोहर लाल खट्टर। भाजपा-जजपा सरकार ने मिलकर पिछले नौ महीनों से किसानों के हिस्से में लाठीचार्ज, पानी की बौछारें, आंसू गैस के गोले तथा कीलें व नश्तरों की प्रताड़ना लिख दी है।
25 नवंबर, 2020 से आज तक किसान-मजदूर के सीने पर मोदी व खट्टर सरकारों ने लगातार वार किया है और खून बहाया है। 25 नवंबर को जब किसानों ने गांधीवादी तरीके से दिल्ली की ओर कूच किया, तो अंबाला, सिरसा, पलवल और राजस्थान बॉर्डर से जगह-जगह सड़कें खोद, ठंडे पानी की बौछारें मार, अश्रुगैस के गोले चला तथा किसानों के सर पर लाठियां मार उनका रास्ता रोका गया। पिछले नौ महीने में अंबाला, कालका, पीपली, करनाल, जींद, पलवल, रेवाड़ी, रोहतक, हिसार, सिरसा और प्रदेश के हर कोने में भाजपा-जजपा सरकार ने किसानों की आवाज को कुचलने के लिए पुलिस से लाठियां बरसवाईं, पर न आवाज़ दबी, न सिर झुके और न संकल्प टूटा।
एक बात साफ है – ‘धरती के भगवान’ किसान पर ऐसी बर्बरता एक दानव रूपी सरकार ही कर सकती है। देश और हरियाणा की सत्ता अब दानवों के हाथ में आ गई है, जो भाग्यविधाता अन्नदाता किसान की आत्मा और शरीर को लहुलुहान कर रहे हैं। करनाल में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सार्वजनिक वीडियो से यह साफ है कि मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से किसानों के सिरों पर लाठियां बरसाकर कातिलाना हमला करने का आदेश दिया था।
वो किसान, जो खेत को खून पसीने से सींचकर देश की भूख मिटाता है, उसे बेरहमी और बर्बरता से पीट-पीट कर खून से नहला दिया गया है। कारण – तीन काले कानूनों के माध्यम से भाजपा-जजपा खेती को चंद पूंजीपतियों की दासी बनाना चाहती है और किसान की अगली फसल और अगली नस्ल को उन पूंजीपतियों का गुलाम। पर किसान को न कभी सत्ता और जुल्म झुका पाए हैं, और न कभी किसानों के भविष्य को रौंदकर भाजपा-जजपा यह कर पाएगी।
याद रहे कि मोदी-खट्टर सरकारों पर ‘‘क्रूरताओं और बर्बरताओं’’ का मुकदमा चलेगा। किसानों की राह में बिछाए गए ‘‘कील और कांटे’’ – उनकी ‘‘शहादतें’’ व नौ महीने से सड़कों पर पड़े किसान की ‘‘वेदनाएं’’ इसकी गवाह बनेंगी और प्रजातंत्र के देवता का फैसला एक नज़ीर बनेगा ताकि भविष्य के भारत में फिर कभी कोई तानाशाह अन्नदाता के खिलाफ ऐसा दुस्साहस न कर पाए।
श्री मनोहर लाल खट्टर – दुष्यंत चौटाला ने आज किसान नहीं, हमारे ‘भगवान’ को पीटा है…… सज़ा मिलेगी। सड़कों पर बहते और किसानों के शरीर से रिसते खून को आने वाली तमाम नस्लें याद रखेंगी। अब भी समय है – या किसान के साथ खड़े हो जाईये या गद्दी छोड़ दीजिए।
बसताड़ा टोल पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज सरकार का अहंकार : पूनम चौधरी
नारनौल, 28 अगस्त राष्ट्रीय लोकदल हरियाणा की नेत्री पूनम चौधरी ने शनिवार को करनाल में किसानों पर किए गए लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की, पूनम चौधरी ने कहा कि गठबंधन सरकार द्वारा किसानों पर किया गया लाठीचार्ज बेहद निंदनीय है और मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती हूं। पूनम चौधरी ने कहा कि किसान धरतीपुत्र हैं और किसानों पर सरकार ने जो लाठीचार्ज किया है ये सरकार की उल्टी गिनती शुरु हो गई है और गठबंधन सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा,
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