भाजपा किसान मोर्चा की बैठक में बोले मुख्यमंत्री- समूह बनाएं, जैसे के लिए तैसा करें
खट्टर ने कहा, ‘चिंता मत करो…जब आप वहां (जेल में) एक महीने, तीन महीना या छह महीना रहोगे तो बड़े नेता बन जाओगे. इतिहास में नाम दर्ज होगा.’
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को यहां भाजपा किसान मोर्चा की एक बैठक के दौरान ‘जैसे के लिए तैसा’ की बात कही, जब उन्होंने वहां मौजूद लोगों से 500 से 1000 लोगों का समूह बनाने और जेल जाने के लिए भी तैयार रहने को कहा.वहीं, विपक्षी दलों का आरोप है कि वह भाजपा के समर्थकों से केंद्र के तीन कृषि कानूनों को विरोध कर रहे किसानों पर हमले के लिए कह रहे थे.सोशल मीडिया पर खट्टर की टिप्पणी वाली एक वीडियो क्लिप तेजी से प्रसारित हो रही है और विपक्ष का आरोप है कि वह कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों से प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ लाठी उठाने के लिए कह रहे हैं.कार्यक्रम में संभवत: किसानों के जारी आंदोलन से पड़ने वाले प्रभाव के संदर्भ में खट्टर ने कहा कि दक्षिण हरियाणा में ज्यादा समस्या नहीं है और यह राज्य के उत्तरी और पश्चिमी जिलों तक सीमित है.
उन्होंने कहा, ‘500, 700, 1000 लोगों का समूह बनाओ, उन्हें स्वयंसेवक बनाओ और उसके बाद हर जगह ‘शठे शाठ्यं समाचरेत’. इसका क्या अर्थ है – ‘जैसे को तैसा.’
खट्टर ने कहा, ‘चिंता मत करो…जब आप वहां (जेल में) एक महीने, तीन महीना या छह महीना रहोगे तो बड़े नेता बन जाओगे. इतिहास में नाम दर्ज होगा.’
#WATCH | "In each district of north & west Haryana, you should raise volunteer groups of 700-1000 farmers at different places & use tit for tat action against them (protesting farmers). Pick up sticks…," says Haryana CM ML Khattar while addressing state unit of BJP Kisan Morcha pic.twitter.com/UC3ukBiUAK
— ANI (@ANI) October 3, 2021
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक खट्टर ने रविवार को अपने आवास पर भाजपा के किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी. इस मीटिंग के वीडियो का एक हिस्सा जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. खट्टर सभा को संबोधित कर रहे थे, जिसका लिंक यूट्यूब पर लाइव था. हालांकि, उनकी विवादित टिप्पणी का हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वीडियो को हटा लिया गया.
सूत्रों ने खुलासा किया कि पिछले कुछ दिनों से खट्टर पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं और उनसे सोशल मीडिया पर सक्रिय होने और केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही कथित ‘अफवाहों’ का जोरदार खंडन करने के लिए कह रहे हैं. उन्होंने शनिवार को पार्टी के युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की थी.
इस टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने भी खट्टर की टिप्पणी की आलोचना की है.
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘भाजपा समर्थक लोगों को आंदोलनकारी किसानों पर लट्ठों से हमला करने, जेल जाने और वहां से नेता बनकर निकलने का आपका (खट्टर का) ये गुरूमंत्र कभी कामयाब नहीं होगा.’
उन्होंने कहा, ‘संविधान की शपथ लेकर खुले कार्यक्रम में अराजकता फैलाने का ये आह्वान देशद्रोह है. मोदी -नड्डा जी की भी सहमति लगती है.’
अगर प्रदेश का मुख्य मंत्री ही हिंसा फैलाने, समाज को तुड़वाने और क़ानून व्यवस्था को ख़त्म करने की बात करेंगे, तो प्रदेश में क़ानून और सविंधान का शासन चल ही नही सकता।
आज भाजपा के किसान विरोधी षड्यंत्र का भंडाफोड़ हो ही गया।
ऐसी अराजक सरकार को चलता करने का समय आ गया है। pic.twitter.com/kSgk8kiCUx
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 3, 2021
उन्होंने कहा, ‘अगर प्रदेश का मुख्यमंत्री ही हिंसा फैलाने, समाज को तोड़ने और क़ानून व्यवस्था को ख़त्म करने की बात करेंगे, तो प्रदेश में क़ानून और सविंधान का शासन चल ही नहीं सकता.’
सुरजेवाला ने आगे कहा, ‘आज भाजपा के किसान विरोधी षड्यंत्र का भंडाफोड़ हो ही गया. ऐसी अराजक सरकार को चलता करने का समय आ गया है.’
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां तक कि मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘हम मांग करते हैं कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को तुरंत बर्खास्त किया जाए. ऐसा मुख्यमंत्री जो संवैधानिक पद पर रहते हुए भी भाजपा कार्यकर्ताओं को किसानों के खिलाफ भड़का रहा है, वह इस पद पर काबिज होने योग्य नहीं है.’
उन्होंने यह भी कहा कि वह खट्टर की टिप्पणी और उसके बाद की जाने वाली कार्रवाई पर संज्ञान लेने के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर देख रहे हैं.
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने खट्टर के इस्तीफे की मांग का समर्थन करते हुए दावा किया कि सरकार ‘हत्या के इरादे’ से काम कर रही है, जबकि किसान आंदोलन ने स्पष्ट रूप से शांति और अहिंसा के मूल्यों को बनाए रखा है.
किसान मोर्चा ने उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आयुष सिन्हा का भी संदर्भ दिया, जो सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो में पुलिस अधिकारियों को विरोध करने वाले किसानों के ‘सिर फोड़ देने’ का निर्देश देते हुए सुने गए थे. मोर्चा ने कहा कि खट्टर के शब्द बताते हैं कि सिन्हा जैसे अधिकारियों को दंड से मुक्ति क्यों मिलती है उनके कार्यों के लिए.
वहीं, खट्टर के मीडिया सलाहकार, अमित आर्य ने मुख्यमंत्री के खिलाफ सामने आ रही आलोचना का विरोध किया है और एक बयान जारी कर कहा है कि क्लिप के विशेष हिस्से को गलत धारणा बनाने के लिए प्रसारित किया जा रहा है.
केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन के नेताओं के खिलाफ अपना विरोध तेज कर दिया है. वे उन स्थानों के पास इकट्ठा होते हैं, जहां भाजपा या जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेताओं के कार्यक्रम होते हैं और जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हैं.