हरियाणा की मनोहर सरकार ने स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को दिया तोहफा ,कोरोना योद्धा से नवाजे गए 2212 से ज्यादा स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी नौकरी से हटाए,
चंडीगढ़(अटल हिन्द ब्यूरो ) कोरोना संक्रमण में लोगों की जान बचाने और कोरोना योद्धा की उपाधि से नवाजे गए 2212 से ज्यादा स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को दिया तोहफा । इनमे 1584 स्टाफ नर्स, 307 लेब्रोटरी टेक्निशयन, 197 रेडियोग्राफर, 92 फार्मासिस्ट, 20 नर्सिंग सिस्टर, 5 ओटीए, 5 मेडिकल ऑफिसर, एक-एक कौंसलर व इंटेंसविस्ट शामिल हैं। उक्त कर्मचारी कोरोनाकाल में मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी को पूरा करने के लिए जिला जरनल अस्पताल ले कोविड अस्पताल में आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट दो में लगाए हुए थे। जिसको पहली अप्रैल को बिना किसी सूचना एवं पूर्व नोटिस के नौकरी से निकाल दिया गया है। जिसके कारण इन बर्खास्त कर्मियों में भारी आक्रोश है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा और महासचिव सतीश सेठी ने सरकार व स्वास्थ्य विभाग के इस निर्णय को शर्मनाक बताते हुए इसकी घोर निन्दा की और नौकरी से निकाले गए सभी कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लेने की मांग की है। उन्होंने सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को कौशल रोजगार निगम की बजाए विभाग के पे-रोल पर लेकर पक्का करने और पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने कोरोना योद्धा स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को पक्का करने की बजाए नौकरी से हटाने पर भाजपा जजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नौकरी बहाली की मांग को लेकर 7 अप्रैल को स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन का मास डेपुटेशन महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं के पंचकूला कार्यालय पर प्रदर्शन कर स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगा। इसके बावजूद नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
Haryana’s Manohar Government removed more than 2212 health contract employees who were awarded Corona Warriors, a big gift
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान सुभाष लाम्बा, महासचिव सतीश सेठी व स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन के कन्वीनर मंगत राम व राज्य कमेटी सदस्य सुमित ऋषि ने कहा कि प्रदेश में जब कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा था और सरकार कर्मचारियों के अभाव में संक्रमित मरीजो की देखभाल करने में विफल हो रही थी। इस गंभीर संकट के समय ठेका पर भर्ती किए गए मेडिकल, पैरा मेडिकल व स्पोर्टिंग स्टाफ ने अपनी जान को हथेली पर रखकर जनता की दिन-रात सेवा की। इनमे से कई कर्मी खुद भी संक्रमित हुए। आज जब कोरोना से कुछ राहत मिली है तो सरकार का नैतिक फर्ज बनता था कि संकट के समय जनता की सेवा करने वाले विभाग के सभी कच्चे कर्मचारियों की सम्मानपूर्वक नौकरी को पक्का करने का एलान करती। परंतुसरकार एक सोची समझी साजिश के तहत धीरे धीरे सभी 15 हज़ार ठेका कर्मचारियों को नौकरी से एक-एक कर हटाती जा रही है। पहले वर्ष 2021 में आउटसोर्सिंग पॉलसी-1 के 500 से ज्यादा स्पोर्टिंग स्टाफ को नौकरी से हटा दिया गया। उसके बाद 1472 सिक्योरटी गार्ड की जगह होमगार्ड के जवान लगाने का सैद्धान्तिक फैसला किया गया। अब पहली अप्रैल 2022 से प्रदेश भर से कोरोनकाल में आउटसोर्सिंग पॉलसी-2 में भर्ती किए गए 2212 से ज्यादा कोरोना योद्धा कर्मचारियों की नोकरी समाप्त कर दी गई है।
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