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ये कैथल एसडीएम मनीष कुमार लोहान का दफ्तर है ,साहब व्यस्त  है ,,,,,,,,,इंतज़ार करो ,,,,,,,,,

ये कैथल एसडीएम मनीष कुमार लोहान का दफ्तर है ,साहब व्यस्त  है ,,,,,,,,,इंतज़ार करो ,,,,,,,,,

कैथल (अटल हिन्द/राजकुमार अग्रवाल ) कैथल एसडीएम  जी हाँ आजकल कैथल जिला सचिवालय में बंद कमरे के अंदर बैठते है उनके दफ्तर के बाहर जनता जनार्दन नीचे जमीन पर उनसे मिलने के इंतज़ार में घंटों कुछ इस तरह बैठी रहती है जैसे एसडीएम जनता के नौकर नहीं मालिक है। और एसडीएम मालिक से पहले उनके दफ्तर के बाहर मौजूद चपड़ासी भाई ,को बताना पड़ता है की भाई साहब एसडीएम साहब से मिलना है क्या मिल सकते है।

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तब बंद कमरे के बाहर पहरा दे रहा चपड़ासी भाई कहता है की साहब व्यस्त है कब फ्री होंगे कह नहीं सकता। चपड़ासी भाई भी कैसे बताएगा की आखिर बंद कमरे में बैठे एसडीएम साहब व्यस्त  है या आराम फरमा रहे है या फिर किसी दूसरे अफसर  बैठ के चाय पर मन की बात करने में व्यस्त है।

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वो चपड़ासी तो इस एसडीएम मनीष कुमार लोहान के आदेश का पालन कर रहा है करना भी चाहिए लेकिन कोई अफसर अपने दफ्तर का दरवाजा बंद करके कैसे बैठ सकता है और वह भी रोजाना हमें नहीं लगाता की भारतीय कानून या हरियाणा के कानून में अफसरों को यह अधिकार मिला हुआ है की वो अपने दफ्तर के दरवाजे को बंद करके बैठ सकते है।

This is Kaithal SDM Manish Kumar Lohan’s office, sir he is busy,,,,,,,, wait,,,,,,,,,,

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क्योंकि अफसर का काम आम जनता से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनना और हल करवाना या करना है लेकिन जनता मिले तो मिले किससे कैथल जिले के सचिवालय में तो हर छोटा -बड़ा अधिकारी अपने दफ्तर के दरवाजे को बंद करके बाहर चपड़ासी को आदेश दे कर बैठ जाता है की जब तक साहब अंदर से घंटी ना बजाये किसी को मिलने मत भेजना।

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ताकि आम जनता को यह ना पता चल सके की वे जिस अधिकारी से मिलने आये है वह कर क्या रहा है ,क्यों नहीं मिल रहा ,अपना समय कहा और कैसे काम में लगा रहा है ,जनता इसी इंतज़ार में घंटों बाहर बैठी रहती है आखिर एक एसडीएम का पद जनता जनार्दन से बड़ा कैसे हो सकता है।

कैसे कोई अधिकारी खुद एयरकंडिशंर दफ्तर में बैठ घंटों जनता को मिलने से परहेज कर सकता है ? लेकिन अटल हिन्द ने जब कैथल एसडीएम के दफ्तर में जाकर देखा तो उपरोक्त सब बातें ज्यों की त्यों कैमरे में फोटो के रूप के कैद की ताकि कैथल एसडीएम के दफ्तर के बहार की असलियत को झुठलाया ना जा सके।

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खैर कैथल एसडीएम खुद को जनता से कितना बड़ा अफसर मानते है ये तो वह जाने या फिर जिला के उच्चाधिकारी साहब जो खुद भी बंद कमरों में बैठे रहते है उन्हें भी बाहर  क्या हो रहा है खुद नहीं मालूम होता। जबकि हरियाणा सरकार के अनुसार हर अफसर से कोई भी आम जन जब चाहे तब मिल सकता है लेकिन कैथल जिले के अफसर सरकार को क्या समझेंगे जो  जनता को ही नजर अंदाज कर सकते है !देखते है आने वाले दिनों में की कोई भी अफसर अपने दफ्तर के दरवाजे को बंद रख सकता है या नहीं इस संबंध में क्या जबाब देते है और हरियाणा सरकार क्या जबाब देती है ?

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