G 23 में शामिल होना पड़ेगा भूपेंद्र हुड्डा को भारी ??
“छब्बे” जी बनने चले हुड्डा जी “दूबे” जी बनकर लौटे
राहुल गांधी के सख्त जवाब के बाद भूपेंद्र हुड्डा बैरंग वापस लौटे
राहुल गांधी से मिलने के बाद मीडिया से नहीं मिले भूपेंद्र हुड्डा ?
नई दिल्ली। G 23 के संदेशवाहक बनकर आज राहुल गांधी के दिल्ली स्थित 12 तुगलक रोड पर गए हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की मुलाकात खासी चर्चा में आ गई है। राहुल गांधी से भूपेंद्र हुड्डा की मुलाकात खास मायने रखती है क्योंकि कल रात को गांधी परिवार के विरोध में खड़े G 23 के 18 नेताओं के रात्रि भोज के बाद कांग्रे समें बड़ी हलचल मच गई थी।
भूपेंद्र हुड्डा G 23 ग्रुप के संदेशवाहक के रूप में आज जब राहुल गांधी के 12 तुगलक रोड पर पहुंचे तो सबके कान खड़े हो गए। कांग्रेस में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद मचे अंदरुनी घमासान के बाद भूपेंद्र हुड्डा का राहुल गांधी के आवास पर पहुंचना बड़े मायने रखता है।
Bhupendra Hooda will have to join G 23??
Hooda ji went to become “Chhabbe” ji and returned as “Dubey” ji.
राहुल गांधी की मुलाकात को दो एंगल से देखना बेहद जरूरी है
पहला- राहुल गांधी ने भूपेंद्र हुड्डा के साथ सिर्फ 5 मिनट बात की। कांग्रेस में छिड़े घमासान के बीच राहुल गांधी का भूपेंद्र हुड्डा को सिर्फ 5 मिनट का समय देना यह इशारा कर गया है कि वे G 23 के प्रेशर में आने वाले नहीं हैं।
राहुल गांधी ने भूपेंद्र हुड्डा के जरिए आए G-23 के संदेश ज्यादा तवज्जो नहीं दी जिससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि G-23 की गतिविधियों को लेकर गांधी परिवार सख्त नाराज है।
भूपेंद्र हुड्डा के बैरंग वापस लौटने की बात को बल इस बात से भी मिलता है कि राहुल गांधी से मुलाकात के बाद भूपेंद्र हुड्डा मीडिया से बातचीत किए बिना गाड़ी को सरपट भगा ले गए।
भूपेंद्र हुड्डा छोटी-छोटी बातों को लेकर मीडिया में सामने आते रहते हैं लेकिन राहुल गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत नहीं करना यह साबित है कि आज की मुलाकात में राहुल गांधी ने उनको टका सा जवाब दे दिया।
भूपेंद्र हुड्डा आज G23 के संदेशवाहक बनकर अपना बड़ा रुतबा दिखाना चाहते थे लेकिन राहुल गांधी के दो टूक जवाब ने उन्हें तगड़ा झटका दे दिया।
यह भी कह सकते हैं भूपेंद्र हुड्डा पर वह कहावत लागू हो गई कि चौबे जी छब्बे जी बनने चले थे लेकिन दुबे जी बनकर लौटे।
राहुल गांधी का आज भूपेंद्र हुड्डा को सिर्फ 5 मिनट देना यह साबित करता है कि गांधी परिवार को G23 की गतिविधियां नागवार गुजर रही हैं और इसका भारी खामियाजा भूपेंद्र हुड्डा परिवार को भुगतना पड़ेगा।