स्टेरिंग थामे बेवड़ा चालक, आफत में बच्चों की जान, स्कूल प्रबंधन ने झाड़ा पल्ला !
यह गंभीर मामला पटौदी क्षेत्र में गुड़गांव वर्ल्ड स्कूल पहाड़ी का
संपर्क करने पर स्कूल प्रबंधन ने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया
बड़ा सवाल नशे में बेसुध चालक स्कूल बस किसकी शह पर स्कूल से बाहर आया
बच्चों को ले जाते समय बस में महिला और पुरुष सहायक की मौजूदगी पर सवाल
अटल हिन्द ब्यूरो /फतह सिंह उजाला
पटौदी । यह मामला ही ऐसा है स्कूल प्रबंधन ने कुछ भी कहने से इनकार कर अपने आप को सवालों के कटघरे में खड़ा कर लिया है। यह सवाल ऐसे हैं, स्कूल प्रबंधन को जवाब तो इनके शासन प्रशासन के साथ-साथ अभिभावकों को भी देने ही पड़ सकते हैं। स्टेरिंग को दाएं – बाएं घूमाते और कंट्रोल करते हुए नशेड़ी चालक स्कूल बस को कई किलोमीटर तक दौड़ाता हुआ जाटोली के होली चौक पर ऐसा फंसा की, बस बैक नहीं हो सकी । इसके बाद स्कूल बस चालक स्कूल प्रबंधन की पोल पट्टी अभिभावकों ने खोल दी। मौके पर ही शराब के नशे में धुत चालक को ग्रामीण अभिभावकों ने दबोच लिया और पुलिस कंट्रोल रूम सहित स्कूल प्रबंधन को इसके विषय में जानकारी दी गई। यह मामला पटौदी क्षेत्र के ही गुड़गांव वर्ल्ड स्कूल से जुड़ा हुआ है । संबंधित घटना के विषय में स्कूल प्रबंधन से बात करने और पक्ष लेने के लिए फोन किया जाने पर स्कूल प्रबंधन ने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया। इतना कहने मात्र से स्कूल प्रबंधन की जवाब देही और जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाती है । सवाल के आगे सवाल खड़े होकर जवाब मांगते ही रहेंगे।

संपर्क करने पर स्कूल प्रबंधन ने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया
ग्रामीण और अभिभावकों के आरोप के मुताबिक नशे में डूबा चालक अपने पैरों पर भी खड़ा नहीं हो पा रहा था। चालक का कहना है कि सोमवार बीती रात उसकी बेटी की शादी थी और उसने शराब पी ली । मंगलवार सुबह वह स्कूल बस कई किलोमीटर तक सड़कों पर दौड़ आता हुआ बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए रवाना हो लिया । जाटोली में नशे की हालत में बेसुध चालक को देखकर ग्रामीणों और अभिभावकों का गुस्सा फूट गया । मौके पर पुलिस प्रशासन भी पहुंचा । इसी दौरान सूचना के बाद स्कूल प्रबंधन की तरफ से पहुंची एक महिला के द्वारा दावा किया गया कि संबंधित ड्राइवर की शिकायत पुलिस से की जा चुकी है। दूसरा चालाक 10 मिनट में ही बुला लिया गया । क्या इतना कहने मात्र से स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी और जवाब देही पूरी हो गई ?
सूत्रों के मुताबिक नशे में बेसुध पाए गए बस चालक की मौके पर पहुंची पुलिस के द्वारा नशे की मात्रा की पैमाइश किया जाने पर निर्धारित सीमा से ढाई गुना अधिक तक बताई गई है। इस प्रकार के हालात में पुलिस प्रशासन को मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कठोरतम करवाई की जानी चाहिए। बताया गया है कि चालक का ड्रिंक एंड ड्राइव का चालान किया गया , लेकिन स्कूल बस को छोड़ दिया गया। चालक के द्वारा बस स्कूल का स्टेरिंग घूमाते हुए कई किलोमीटर तक दौड़ाया गया। अभिभावक को सहित ग्रामीणों में हैरानी है कि पुलिस प्रशासन के द्वारा स्कूल बस को इंपाउंड क्यों नहीं किया गया? क्या स्कूल बस चालक वास्तव ड्यूटी के समय क्या की गई चालक यूनिफॉर्म पहने हुए था? इसी कड़ी में बस में अकेला चालक था या फिर साथ में महिला और पुरुष सहायक भी मौजूद थे । नहीं मौजूद थे तो इसका भी जवाब स्कूल प्रबंधन को देना होगा ? यदि मौजूद थे तो फिर चालक के द्वारा नशा करने या फिर नशे में होने की सूचना स्कूल प्रबंधन को क्यों नहीं दी गई ?
मंगलवार सुबह घटना के बाद मौके पर ही पहुंची स्कूल प्रबंधन की महिला प्रतिनिधि पर भी अभिभावकों के द्वारा सवालों की बौछार करते हुए कहा गया यदि कोई हादसा हो जाता तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता? स्कूल के कर्मचारियों की बेटी की शादी और स्कूल प्रबंधन को मालूम ही ना हो? ऐसा संभव ही नहीं । इससे और एक कड़ी आगे बेटी की शादी और पिता ने बारात सहित रिश्ते नातेदारों की आवभगत के बाद ही बेटी को विदा किया होगा। क्या स्कूल प्रबंधन इतना अनजान बन रहा की बेटी को विदा करने तक रात भर जागने वाला पिता बिना पलक झपके ड्यूटी पर पहुंचा ? या फिर उसको छुट्टी नहीं दी गई ? दूसरे शब्दों में ड्यूटी पर आने के लिए मजबूर किया तो यह किसके द्वारा किया गया क्या स्कूल प्रबंधन एक दिन की छुट्टी भी बेटी की शादी के लिए अपने स्कूल कर्मचारियों को नहीं दे सकता ? आखिरकार नशे में धुत चालक जिसको अपना ही होश नहीं वह स्कूल की बस किस प्रकार ले आया या किसके द्वारा बस और बच्चों को लेकर आने की इजाजत दी गई ? स्कूल प्रतिनिधि की तरफ से सफाई देते हुए कहा गया कि भविष्य में स्कूल परिसर से वाहनों के निकलने के समय पर जांच की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले में 10000 का चालान स्थानीय पुलिस के द्वारा किया गया। बहरहाल कुछ सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब नहीं आने तक वह सवाल ही बने रहेंगे।
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