मुस्लिमों को कुंभ में एंट्री से, सनातन धर्म के लोगो की आस्था को ठेस – जगदगुरू नरेंद्रानंद
जो नेता मुस्लिमों की एंट्री की मांग कर रहे है, उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई
पहले मस्जिदों-मक्का में हिंदुओं की दुकान खुलवाए, फिर कुंभ में एंट्री पर बात करें
धर्म की रक्षा के लिए कुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर पूर्णत रोक लगे
सरकारी नियंत्रण से मंदिरों को मुक्त करने पर गंभीरता से चर्चा की जाएगी
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । भारतीय सनातन संस्कृति में अनेक पर्व उत्सव और त्योहार पूरी तरह से सनातन आस्था से ओत-प्रोत रहे हैं रहे हैं । कुंभ और महाकुंभ मेला और इस मौके पर पवित्र नदियों में स्नान करने के साथ-साथ साधु संतों ऋषि मुनियों के द्वारा कठोर साधना किया जाने का भी अपना ही एक पौराणिक इतिहास चला आ रहा है सनातन के ध्वजवाहक और प्रकांड विद्वान साधु संत उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में मुस्लिम समाज के एंट्री पर रोक लगाए जाने की मांग कर रहे है। यह जानकारी काशी सुमेरु पीठ के शंकराचार्य के सचिव स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती के द्वारा मीडिया से सांझा की गई।
धर्म की नगरी काशी में सुमेरू पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने धर्म की रक्षा के लिए कुंभ में मुस्लिम समाज की एंट्री को पूरी तरह प्रतिबंधित किए जाने की मांग का समर्थन करते हुए इस मांग को जायज बताया है। उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिमों को कुंभ में एंट्री मिलती है, तो सनातन धर्म के लोगो की आस्था को ठेस पहुंचेगी। विपक्ष के नेताओं के द्वारा कुंभ में सभी लोगों को एंट्री दिए जाने की वकालत किए जाने पर स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा कि जो नेता मुस्लिमों की एंट्री की मांग कर रहे है, उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। उन नेताओं को पहले मस्जिदों और मक्का में हिंदुओं की दुकान खुलवाना चाहिए,फिर कुंभ में किसी के एंट्री पर बात करनी चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करते , तो वह समाज के माहौल को खराब करना चाहते है। ऐसे लोगों को सरकार जेल में डाल दें, क्योंकि इनकी भाषा देशहित के बजाए आतंकवाद और उग्रवाद वाली है। कुंभ के दौरान विभिन्न प्रकांड संतों के द्वारा वक्फ़ बोर्ड समाप्त करने और सरकारी नियंत्रण से मंदिरों को मुक्त करने पर गंभीरता से चर्चा की जाएगी।
सनातन हिंदू महासंघ के गठन की मांग की
जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि कुंभ के मेले में वक्फ़ बोर्ड को देश से समाप्त करने और सनातन मंदिरों से सरकारी नियंत्रण को हटाने सहित सनातन के कई मुद्दों पर चर्चा कर समाधान के लिए संतो के द्वारा रणनीति तैयार की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग किया कि यदि वक्फ बोर्ड समाप्त नहीं होता है, तो देश में सनातन के लिए भी एक बोर्ड निर्माण करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने आर एस एस के तर्ज पर सनातन हिंदू महासंघ के निर्माण करने की मांग की। सनातन हिंदू महासंघ में संतो के साथ देश के बुद्धजीवी, समाजसेवी और पत्रकारों के साथ नेताओं को रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि सनातन हिंदू महासंघ देश में सनातन धर्म पर आ रहे संकट और समस्याओं का नियंत्रण और निर्देशन सनातन धर्म को दिया जाए।
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