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करोना फिर उफान पर,चीन,फ्रांस, इटली और यूके ‘कोरोना बी2’के नए हॉटस्पॉट।

करोना फिर उफान पर,चीन,फ्रांस, इटली और यूके ‘कोरोना बी2’के नए हॉटस्पॉट।

कोविड-19 का ऐसा संक्रमण है कि यह जरा से भी असावधानी से फिर लौटकर चला आता हैl

कोविड-19 का ओमीक्रोन संस्करण का बी2 वैरीअंट चीन के शंघाई शहर में बहुत तेजी से फैल रहा है।

वहां एक ही दिन में 6400 मरीज पाए गए हैं,

इसी तरह चीन के अन्य शहरों में भी यह वेरिएंट ने धावा बोल दिया है। उल्लेखनीय है कि चीन को कोरोना संक्रमण के विषाणु फैलाने का आरोपी माना जाता है। चीन के योहान शहर से कोविड-19 के संक्रमण की लहर निकली थी जो पूरे विश्व में फैल कर मौत का तांडव मचा चुकी है।

इसके बाद अब चीन में फिर चौथी लहर का भयानक प्रकोप दिखाई देने लगा है। चीन के अलावा स्वास्थ्य विज्ञान की दृष्टि से अत्यंत आधुनिक फ्रांस, इटली, यूके और जर्मनी मैं भी करोना का बी2 वर्शन फिर से आक्रमण कर रहा है।

कोविड-19 के नए वर्शन के मामले में फ्रांस की स्थिति बड़ी खराब है वहां 90 हजार से लेकर 1,10 हजार तक के मरीज संक्रमित पाए गए है।

फ्रांस में पेरिस के अस्पताल पूरे पूरे भर चुके हैं, फ्रांस का भी आधुनिक एवं समृद्ध राष्ट्र है एवं चिकित्सा सुविधा वहां पर्याप्त होने के कारण आम जनता को तकलीफ तो नहीं हो रही है, पर जिंदगी और मौत का खतरा बना हुआ है।

इसी तरह इटली में 40 हजार मरीज संक्रमित पाए गए हैं इसके पूर्व वहां 70 हजार मरीज पाए गए थे। कोरोना के इस बी2 वेरिएंट से उतनी ज्यादा मृत्यु नहीं हो रही है क्योंकि इन सभी देशों में दो दो वैक्सीन लगाई जा चुकी है। बुजुर्गों को बूस्टर डोज दिया जा चुका है।

चीन के हांगकांग तथा शंघाई शहर में फिर करोना से हाहाकार मचा हुआ है उल्लेखनीय है कि चीन ने सारे बाजार तथा बार रेस्टोरेंट आदि खोल दिए थे एवं पशु पक्षियों के मांस की बिक्री भी पूरी तरह से प्रतिबंध से बाहर कर दी गई थी।

अब चीन में स्थिति यह है कि शंघाई शहर को लॉकडाउन से गुजरना पड़ रहा है और वहां के उद्योगों का उत्पादन गिरने लगा है, आर्थिक स्थिति भी डावाडोल हो रही है ।

हांगकांग शहर में एहतियात के तौर पर नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। यूरोपीय शहरों में कोविड-19 के वैरीअंट के फैलने का कारण वहां की जनता का होटल प्रेम बताया जा रहा है, क्योंकि सप्ताह के अंत में पूरा का पूरा परिवार होटल, बार ,रेस्टोरेंट तथा पर्यटन स्थलों पर घूमने फिरने के लिए एकत्र हो जाता है, ऐसे में यदि एक व्यक्ति भी कोविड-19 का संक्रमित है तो वह यह संक्रमण सभी व्यक्तियों को फैलाने में सक्षम होता है।

ऐसे भीड़ वाले इलाके में जाने से विशेष तौर पर यूरोपीय देशों में कोविड-19 की लहर जोर पकड़ चुकी है। भारत को भी इस संदर्भ में विशेष सावधानी रखी जानी चाहिए क्योंकि भारत उतना आधुनिक ना होकर एक विकासशील देश है और भारत की कमजोरी स्वास्थ्य के मामले में उसकी इतनी बड़ी जनसंख्या ही है एवं लोगों को शिक्षित करने एवं जागरूक करने में शासन प्रशासन को काफी मेहनत मशक्कत करनी पड़ती है।

इसके अलावा वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में b2 वैरीअंट पहले से फैल चुका है एवं भारतवासी इसकी वैक्सीन लेकर इसका इलाज करवा चुके हैं अतः भारतीयों में इसकी प्रतिरोधक क्षमता पहले से मौजूद है और इस वजह से लड़ने की ताकत भारतीय जनमानस को पहले से अंदर है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक कोई नया वैरीअंट नहीं आता भारत की जनसंख्या कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त रह सकती है। भारत में अब कोविड-19 के पुराने वैरीअंट से प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण हो गया है जिससे वह इस वैरीअंट से अंदरूनी तौर पर अपनी सुरक्षा कर सकते हैंl

भारत में वैक्सीनेशन के कारण सुपर इम्यूनिटी लोगों में व्याप्त है जिसके कारण इस वैरीअंट का असर भारत वासियों पर नहीं हो रहा है पर ईश्वर ना करें कि कोई दूसरा वैरीअंट आता है तो हमें विशेष सावधानी रखकर कोविड प्रोटोकाल का पालन करना ही होगा वरना इतनी बड़ी जनसंख्या में करोना के फैलने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।


संजीव ठाकुर ,संयोजक, लेखक, चिंतक, रायपुर छत्तीसगढ़,

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