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कैथल एसपी ने दो एएसआई सुदेश तथा एएसआई राजकुमार को किया सस्पेंड कर  केस दर्ज करवाया

कैथल एसपी ने दो एएसआई सुदेश तथा एएसआई राजकुमार को किया सस्पेंड कर  केस दर्ज करवाया

कैथल पुलिस थाने में न्याय की मांग करने गई दुष्कर्म पीड़िता की शिकायत न दर्ज कर दुष्कर्म के आरोपी के साथ मिलीभगत कर मामले में 10 लाख हड़पने तथा पीड़िता की दूसरी शिकायत लिखवाकर समझौता करवाने के आरोप में पुलिस अधीक्षक कैथल ने कैथल की एक महिला एएसआई सुदेश, एक पुरुष एएसआई राजकुमार व एक हैड कांस्टेबल दलबीर सिंह को संस्पेड कर दिया। एसपी ने दोनों एएसआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं।

कैथल (अटल हिन्द /राजकुमार अग्रवाल )
हनीट्रैप से जुड़़ा हो सकता है मामला
मामले में भले ही एसपी द्वारा तीन पुलिस कर्मचारियों को संस्पेंड कर दिया हो लेकिन मामले में एक महिला एएसआई, एक पुरुष एएसआई, पूंडरी पुलिस थाने का हैड कांस्टेबल, एक महिला एएसआई का पति तथा समझौते में दो अन्य भी शामिल बताए गए हैं। इससे मामला सीधे तौर से हनीट्रैप की ओर इशारा कर रहा है। जब मामले की शिकायत थाना शहर पुलिस को दी दी गई थी तथा जांच का जिम्मा महिला एएसआई सहित दो एएसआई को सौपा गया था तो इसमे पूंडरी थाना के हैड कांस्टेबल दलबीर सिंह की क्या जरूरत थी। यही नहीं मामले के समझौता करवाने में एक महिला एएसआई सुमन के पति धर्मबीर सिंह निवासी पट्टी अफगान कैथल के माध्यम से हुआ तो इससे स्पष्ट है कि दाल में काला ही नहीं बल्कि पूरी दाल काली है।
कैथल पुलिस थाने में न्याय की मांग करने गई दुष्कर्म पीड़िता की शिकायत न दर्ज कर दुष्कर्म के आरोपी के साथ मिलीभगत कर मामले में 10 लाख हड़पने तथा पीड़िता की दूसरी शिकायत लिखवाकर समझौता करवाने के आरोप में पुलिस अधीक्षक कैथल ने कैथल की एक महिला एएसआई सुदेश, एक पुरुष एएसआई राजकुमार व एक हैड कांस्टेबल दलबीर सिंह को संस्पेड कर दिया। एसपी ने दोनों एएसआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं।
शिकायत मिलते ही एसपी ने मामले की जांच का जिम्मा डीएसपी दलीप सिंह को सौपा। डीएसपी की जांच में दोनों पुलिस कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई। इस पर एसपी के आदेश पर दोनों पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 166ए व 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया।
हालांकि इससे पूर्व भी कैथल में पुलिस कर्मचारियों द्वारा मामला दर्ज न करने को लेकर एक इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर पर न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए थे। मामले के अनुसार उक्त पुलिस कर्मचारियों ने एक डॉक्टर दंपति पर जजों के फर्जी हस्ताक्षर कर टीए व डीए लेने के आरोपों को गलत करार देते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया था।
जैसे ही मामला एसपी लोकेंद्र सिंह के पास पहुंचा तो उन्होंने जांच करवाई और  दो एएसआई दोषी पाए गए। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले में लिप्त एक महिला व एक पुरुष एएसआई को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ ही मामला दर्ज करने के आदेश दिए।
कैथल की एक महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि वह काम की तलाश में थी। एक दिन शहर की एक ब्लाक फैक्टरी के सुशील कुमार ने उसे काम करने के लिए वहां बुलाया। वहां पर आरोपी ने उसके साथ छेड़छाड़ की तथा उसके गलत काम करने का भी प्रयास किया। वह बड़ी मुश्किल से आरोपी से बचकर निकली तथा 27 अगस्त को मामले की शिकायत शहर थाने में दी।
डीएसपी दलीप सिंह ने बताया कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक के आदेश पर मामले की जांच की थी। जांच में एएसआई राजकुमार और एएसआई सुदेश दोषी पाए गए । एसपी के आदेशानुसार दोनों को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।
गौरतलब है कि कानून के आदेश महिला के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत पर तुरंत केस दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं लेकिन इस मामले में एएसआई सुदेश व एएसआई राजकुमार ने केस दर्ज करने की बजाए समझौता करवा दिया।
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