पाकिस्तान में सातवें आसमान पर पहुंची महंगाई, पेट्रोल ₹233 डीजल ₹263 पहुंचा।
पाकिस्तान में इमरान सरकार के अपदस्थ होने के बाद शाहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनते ही 24 दिनों में पेट्रोल डीजल की कीमत ₹84 बढ़कर आंकी गई है। अब पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत ₹233 और डीजल ₹263 तथा केरोसिन मैं ₹29 की वृद्धि कर उसकी कीमत ₹211 हो गई है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इस्माइल ने 15 जून की रात्रि में बढ़ी हुई कीमतों की घोषणा कर दी है,जनता त्राहि-त्राहि कर रही है इसके अलावा पाकिस्तान की योजना मंत्री एहसान इकबाल ने आवाम को कम चाय पीने की सलाह भी दे दी है जिससे पाकिस्तानी मीडिया और आम जनता नए शहबाज शरीफ मंत्रिमंडल के पूरी तरह खिलाफ हो गई है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में चाय की खपत बहुत ज्यादा है एवं पाकिस्तान में चाय को आयात करना पड़ता है पाकिस्तान हर साल $50 करोड़ डॉलर की चाय आयात करता है। यदि चाय काम आएगी तो आयात पर बोझ कम होने की गुंजाइश बनती है। पाकिस्तान की सरकार का कहना है की पेट्रोल डीजल पर 120 अरब रुपए की की सब्सिडी दी जा रही है और इसका सरकार घाटा उठा रही है। पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ने से जो राजस्व सरकार को प्राप्त होगा वह इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड से लिए गए कर्ज की अदायगी के काम आने वाला है। इसी तरह बिजली के बिलों में प्रति यूनिट ₹13 की वृद्धि की गई जिससे आम जनता की कमर ही टूट गई है।
पाकिस्तान में पिछले 24 माह से सबसे ज्यादा महंगाई 13% आंकी गई है पर वास्तव में यह महंगाई 44% हो गई है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में तेल की बढ़ी कीमतों की वजह से महंगाई जबरदस्त तरीके से विस्फोट कर रही हैl पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई के लिए शहबाज शरीफ और उनकी कैबिनेट के तमाम मंत्री जिम्मेदार हैं।
पाकिस्तान में महंगाई एक बार फिर सातवें आसमान पर पहुंच गई है, और इसके कारण वहां की जनता को अपने रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने में काफी परेशानी हो रही हैl पाकिस्तानी ब्यूरो ऑफ स्टैटिसटिक्स के ताजा आंकड़ों के अनुसार महंगाई दर 13फीसद से बढ़कर44 % हो गई है जो पिछले 24 माह में सर्वाधिक ऊंचाई पर हैl पाकिस्तान के प्रमुख अखबार द डॉन की खबर के अनुसार आंकड़ों से पता चलता है कि देश में महंगाई की दर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के हिसाब से महंगाई की दर पिछले 25 सालों में सबसे ज्यादा आंकी गई हैl माना जाता है कि यह महंगाई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमत बढ़ने से हुई है पर पाकिस्तान की मुद्रा स्फीति अत्यंत खराब स्तर पर आ गई है। रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं में इतनी भारी तेजी आई है कि लोग एक समय खाना खाकर अपना दिन गुजार रहे हैं। महंगाई में वृद्धि केवल खाने पीने की चीज में ही नहीं है बल्कि बिजली ,घर का किराया ,ट्रांसपोर्टेशन समेत दूसरी अन्य आवश्यक वस्तुओं पर लोगों को बेतहाशा पैसा खर्च करना पड़ रहा है और रोजगार के अवसर एकदम निचले स्तर पर हैं।
इसी बीच पाकिस्तान के तमाम वर्तमान के विपक्षी नेताओं ने सरकार की जमकर आलोचना की है उनका कहना है कि महंगाई कम करने निर्यात बढ़ाने और आयात कम करने की कोई कोशिश नहीं की और मुद्रास्फीति बहुत बड़े स्तर पर बढ़ गई है। सरकार तथा उनके मंत्री ऐसो आराम में डूबे हुए हैं। उनकी और अदूरदर्शी नीतियों के कारण महंगाई अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई है और आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। वर्तमान सरकार केवल लोगों से उधार मांगने का काम ही कर रही हैं इससे एनपीए एकदम कम हो गया और मुद्रास्फीति एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई है। इमरान खान ने कहा था कि 2021 जनता के लिए खुशियों से भरा होगा पर 22 आ जाने के बाद भी देश त्राहि-त्राहि कर रहा है। नई शरीफ सरकार के आने के बाद से पाकिस्तान की जनता बेतहाशा महंगाई से अब अत्यंत दुखी हो चुकी है और अब देश इस सरकार को बर्दाश्त करने के कतई हालात में नहीं है। महंगाई ने अब तक के 25 साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। पेट्रोल अब ₹233 लीटर कर दिया गया है इसी तरह हाई स्पीड डीजल तथा केरोसिन के रेट भी बढ़ा दिए गए हैं, जिसके कारण रोजमर्रा की चीजें एक नए रिकॉर्ड की महंगाई पर पहुंच गई हैं। अब नई सरकार के खिलाफ भी आम जनता ,मीडिया तथा विपक्ष ने इस्तीफा देने के लिए दबाव पुरजोर डालना शुरू कर दिया है।
संजीव ठाकुर, स्तंभकार, चिंतक, लेखक, रायपुर
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