भूपेंद्र हुड्डा ने उदय भान के कंधे पर “बंदूक” रख चला दी ,हरियाणा कांग्रेस के स्वयंभू जिला प्रभारी नियुक्त किये
भूपेंद्र हुड्डा ने हाईकमान को फिर “दिखाया” ठेंगा
हरियाणा कांग्रेस में हाईकमान को “अंधेरे” में रखते हुए बना दिए स्वयंभू जिला प्रभारी
=अटल हिन्द ब्यूरो =
चंडीगढ़। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने एक बार फिर कांग्रेस हाईकमान को “ठेंगा’ दिखाने का काम किया है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस पर अघोषित वर्चस्व कायम कर चुके भूपेंद्र हुड्डा ने हाईकमान की “परमिशन” लिए बिना ही जिला प्रभारियों की नियुक्ति करने का “फरमान” जारी कर दिया है।
खास बात यह है कि जिला प्रभारी जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्तियों से पहले भूपेंद्र हुड्डा ने हाईकमान से ने तो मंजूरी लेना “जरूरी” समझा और ना ही “सूचित” करना जरूरी समझा।
सबसे खास बात यह है कि इन स्वयंभू जिला प्रभारियों की नियुक्ति के लिए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान के लेटर हेड को भी इस्तेमाल नहीं किया गया।
यह भी कहा जा रहा है कि उदय भान ने अपना लेटर हेड इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया। यानी बिना किसी लेटरहेड के और “”बिना” किसी हस्ताक्षर के हरियाणा में पहली बार जिला प्रभारियों की नियुक्ति कर दी गई।
जिला प्रभारियों की नियुक्ति में भूपेंद्र हुड्डा के “विश्वासपात्र” नेताओं को ही जिम्मेदारी दी गई है। दूसरे बड़े नेताओं के एक भी समर्थक विधायक को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है।
सूची देखने से साफ साफ पता चलता है कि उदय भान के कंधे पर “बंदूक” रखकर चलाने का काम किया गया है। उदय भान ने भी अपने “बचाव” के लिए अपने लेटर हैड का इस्तेमाल नहीं किया सिर्फ हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया अकाउंट से यह प्रेस नोट जारी कर दिया गया है।
बात यह कि हरियाणा कांग्रेस पर दबदबा कायम करने के बावजूद भूपेंद्र सिंह हुड्डा अभी तक संगठन बनवाने में नाकाम रहे हैं।
हाईकमान के साथ इस मसले पर पूरी ट्यूनिंग नहीं बैठने और प्रदेश के दूसरे बड़े नेताओं को विश्वास में नहीं लेने के चलते अभी तक हरियाणा में कांग्रेस का संगठन खड़ा करने का काम अधर में लटका हुआ है।
भूपेंद्र हुड्डा ने इस मसले के काट के लिए हाईकमान की मंजूरी के बिना ही जिला प्रभारियों की नियुक्ति करने का काम कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले भी इसी तरह प्रवक्ताओं की नियुक्ति की एक सूची जारी की गई थी जिसे हाईकमान ने रद्द कर दिया था।
जिला प्रभारियों की नियुक्ति में भी ऐसा ही होने की संभावना है क्योंकि बगैर हाईकमान को सूचित लिए और बिना मंजूरी के बिना जारी की गई सूची के ऊपर बवाल मचना लाजमी है। लेकिन इन नियुक्तियों के जरिए भूपेंद्र हुड्डा ने एक बार फिर कांग्रेस हाईकमान को ठेंगा दिखाने का काम जरूर कर दिया है।
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