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मुख्यमंत्री  खटटर  जी सुनो, हमारी 1810 एकड़ जमीन छोड़ दो, हमारी 1810 एकड़ जमीन छोड़, जमीन छोड़ दो

1810 एकड़ जमीन  गठबंधन सरकार के लिए जी बनी  जंजाल  

मुख्यमंत्री खटटर जी सुनो, मुख्यमंत्री  खटटर  जी सुनो, मुख्यमंत्री  खटटर  जी सुनो,

हमारी 1810 एकड़ जमीन छोड़ दो, हमारी 1810 एकड़ जमीन छोड़, जमीन छोड़ दो

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मुख्यमंत्री जी आपसे झोली फैला मांग रहे हैं अपनी जमीन

फतह सिंह उजाला
मानेसर /पटौदी ।
 हरियाणा राज्य के 11वें और जिला गुरुग्राम के दूसरे मानेसर नगर निगम क्षेत्र में 1810 एकड़ जमीन का मामला कथित रूप से हरियाणा में गठबंधन सरकार के लिए जी का जंजाल बनता दिखाई दे रहा है । जमीन बचाओ-किसा नबचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में बीते कई दिनों से मानेसर नगर निगम इलाके के 3 बड़े गांवों की अधिग्रहित की गई जमीन को छोड़ने के लिए ग्रामीणों के द्वारा धरना प्रदर्शन लगातार जारी है।

मंगलवार को एक बार फिर से दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे पर मौजूद मानेसर औद्योगिक क्षेत्र में ही मानेसर चौक पर बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष धरना स्थल पर एकत्रित हुए। गर्मी और उमस की परवाह किए बिना अपनी रोजी-रोटी सहित बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए छोटे बच्चों को साथ लेकर सैकड़ों की संख्या में महिलाएं विशेष रुप से धरना स्थल पर पहुंची । गौरतलब है कि बीते संडे को भी सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पुरुष और प्रभावित किसान अथवा नागरिक अचानक पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के मानेसर स्थित आवास पर पहुंच गए और करीब ढाई घंटे तक कथित रूप से एमएलए जरावता का घेराव करके वही मौके पर ही धरना देकर लंगर डाल दिया । जैसे ही एमएलए के घेराव की सूचना प्रशासन तक पहुंची, बड़ी संख्या में पुलिस बल भी किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए मौके पर पहुंच लिया ।

यहां एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने प्रभावित लोगों और किसानों को बताया कि गांव कासन सहारावन और कुकडौला की जमीन को एचएचआईआईडीसी के द्वारा अधिग्रहण से मुक्त करवाने के संदर्भ में विधानसभा में भी जन भावना को देखते हुए सरकार के संज्ञान में यह बात लाई जा चुकी है । उन्होंने आरोप लगाया कि हुड्डा और कांग्रेसी शासन काल के दौरान मानेसर और आसपास के गांवों के साथ में कथित रूप से तत्कालीन कांग्रेस सरकार के द्वारा धोखा किया गया। फिर भी हरियाणा में सीएम मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार संबंधित अट्ठारह सौ एकड़ जमीन के मामले को लेकर बेहद गंभीरता से इसका समाधान करने के लिए अपने स्तर पर काम कर रही है । जो भाव जमीनों का किसानों को दिया जा रहा है , मौजूदा समय में बाजार भाव को देखते हुए जमीनों के दाम ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है ।

मंगलवार को जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष समिति के प्रधान रोहताश यादव के अलावा कासन सरपंच सत्यदेव, विनोद चौहान एडवोकेट, प्रदीप यादव, महेंद्र पटवारी, सुबे यादव, जागा राम, रमेश जांगड़ा पूर्व सरपंच कासन, नरसिंह चौहान, बिट्टू सोनी, मनोज यादव मोकलवास, तेज प्रताप प्रजापत, सुखपाल फौजी, तिलकधारी, हेमचंद यादव, मोती फौजी, कृष्ण यादव सहित बड़ी संख्या में महिलाएं अपनी मांगों के समर्थन में धरना स्थल पर लंगर डाले बैठी रही । इसी मौके पर प्रभावित किसानों और अन्य ग्रामीणों के द्वारा हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से पुरजोर अपील सहित अनुरोध किया कि संबंधित अट्ठारह सौ 10 एकड़ जमीन को जल्द से जल्द अधिग्रहण की प्रक्रिया से पूरी तरह मुक्त किया जाए। जिससे कि प्रभावित किसानों और लोगों को राहत प्राप्त हो सके ।

इसी मौके पर नारे लगाए गए मुख्यमंत्री जी सुनो, मुख्यमंत्री जी सुनो, मुख्यमंत्री जी सुनो, अट्ठारह सौ एकड़ जमीन छोड़ दो, छोड़ दो, छोड़ दो । मुख्यमंत्री जी आपसे झोली फैला कर जमीन मांग रहे हैं । इसके साथ ही इस मौके पर मौजूद विभिन्न वक्ताओं के द्वारा कहा गया कि जमीन छोड़ने का उपकार भाजपा सरकार के द्वारा कर दिया जाएगा तो सभी ग्रामीण और आसपास के लोग भरोसा दिलाते हैं कि आने वाले समय में इस उपकार का बदला चुनाव के दौरान कई गुना अधिक बढ़ाकर चुकाया जाएगा । पहले भी कई बार यहां पर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। अब अट्ठारह सौ 10 एकड़ जमीन का मामला हरियाणा सरकार के पाले में प्रभावित ग्रामीणों और किसानों के द्वारा डाला जा चुका है। सबसे खास बात यह है कि संभवत बड़ी संख्या में पहली बार किसानों और ग्रामीणों के द्वारा अपनी झोलीया फैलाकर हरियाणा के मुख्यमंत्री से बेहद मार्मिक तरीके से फरियाद भी की गई है। विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि जो भी गांव की जमीन अधिग्रहण के दायरे में आ रही है, उन गांव के रहने वाले लोगों के पास जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े ही बचे हुए हैं और इन्हीं जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों को अधिकरण से मुक्त करवाने के लिए सरकार से फरियाद की गई है।

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