AtalHind
क्राइम (crime)गुरुग्राम (Gurugram)टॉप न्यूज़हरियाणा

पटौदी नागरिक अस्पताल में गर्भपात, कहां-कहां दबें इसके राज ?

पटौदी नागरिक अस्पताल में गर्भपात, कहां-कहां दबें इसके राज ?
पहले दो सिजेरियन डिलीवरी अल्ट्रासाउंड की जरूरत भी नहीं समझी
लगभग दो घंटे के दौरान ही मरीज को कर दिया गया डिस्चार्ज
Advertisement
ब्लड ग्रुप, बॉडी टेंपरेचर, पल्स रेट, बीपी, आरआर कोई जांच नहीं
गायनोलॉजिस्ट मौजूद तो अन्य पुरुष डॉक्टर का दखल बड़ा सवाल
कम से कम 24 घंटे निगरानी में रखा जाना चाहिए था मरीज को
Advertisement

ATAL HIND/फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम/पटौदी । पटौदी मंडी नगर परिषद के पटौदी नागरिक अस्पताल में बीते कुछ दिनों से जो बवाल और हंगामा यहां पैरामेडिकल स्टाफ तथा आउटसोर्स कर्मचारियों के अलावा विशेषज्ञ डॉक्टर को लेकर मचा हुआ है। उसके पीछे की बहुत ही चौंकाने वाला और चिकित्सा जगत को सकते में डालने वाला ऐसा मामला है, जिसका खुलासा होने पर इस बात से इंकार नहीं स्वास्थ्य विभाग सहित हरियाणा सरकार, शासन-प्रशासन जिला के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य लोगों के लिए जवाब देना संभव न रहे ? हालांकि इस मामले में शिकायत की जाने पर जांच की खानापूर्ति कर मामले को कथित रूप से ठंडे बस्ते में डालने की जानकारी निकल कर आ रही है । वही जब इस मामले को लेकर बीते सोमवार सरप्राइज विजिट पर पटौदी नागरिक अस्पताल पहुंचे सीएमओ डॉ वीरेंद्र यादव से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने हाई लेवल कमेटी के द्वारा जांच की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया था।
इस संबंध में जो दस्तावेज उपलब्ध हुए हैं , उनके मुताबिक यह मामला 21 जुलाई 2022 का बताया गया । पटौदी नागरिक अस्पताल में एक महिला अबॉर्शन करवाने के लिए पहुंची । इसके बाद उक्त महिला उससेे पहले बच्चों के प्रसव के विषय में जानकारी प्राप्त की गई । बताया गया कि सिजेरियन ऑपरेशन से बच्चे हुए हैं । संबंिधत डॉक्टर के द्वारा जानकारी लेने पर लगभग 8 सप्ताह का गर्भवती होना आका गया । पूरी केस हिस्ट्री जानने के बाद उक्त महिला को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा गया, जिससे कि गर्भस्थ शिशु की सही स्थिति के विषय में पता लग सके।
Advertisement
इसी बीच में कुछ ऐसा नाटकीय घटनाक्रम हुआ कि मरीज को अस्पताल में एडमिट कर लिया गया । इसके बाद में यह पूरा मामला कथित रूप से एक पुरुष डॉक्टर के द्वारा टेकओवर कर लिए जाने की जबरदस्त तरीके से चर्चा बनी हुई है । इस संबंध में जो भी दस्तावेज उपलब्ध हैं , उनके मुताबिक पुरुष डॉक्टर के द्वारा लगाया गया 4 सप्ताह का गर्भ का अनुमान लगाया गया। दूसरी ओर गायनोलॉजिस्ट के द्वारा लगभग 8 सप्ताह का गर्भ का अनुमान लगाकर , अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए लिखित में कहा गया था । इसी बीच में दंपति के द्वारा लिखित में लिया गया कि मेरी पत्नी के पेट में 2 महीने का बच्चा है और मेरे पास पहले तीन बच्चे हैं, मैं यह बच्चा नहीं रखना चाहता । मैं अपनी मर्जी से इस बच्चे की सफाई करवाना चाहता हूं । इसके सारे नफे- नुकसान का हमें अच्छे से बता दिए हैं । अगर कुछ हुआ तो हम स्वयं जिम्मेदार हूं ,। इसके बाद में जो कुछ हुआ वह बेहद ही चौंकाने वाला है , दस्तावेज बताते हैं सारी प्रक्रिया लगभग 11 बजे आरंभ हुई और 12. 20 पर महिला मरीज को इसका अबॉर्शन करने वाले पुरुष डॉक्टर के द्वारा पटौदी नागरिक अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। वह भी उस स्थिति में जब महिला का अल्ट्रासाउंड तक नहीं हुआ था, न किसी प्रकार की अन्य कोई जांच जैसे बीपी , पल्स रेट, टेंपरेचर, आरआर इत्यादि दर्ज किया गया है । इस संबंध में उपलब्ध दस्तावेज चुगली कर रहे हैं कि जो इंजेक्शन इस पूरी प्रक्रिया से पहले दिए जाने थे, वह बाद में दिए गए ।
सबसे महत्वपूर्ण सवाल चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों के लिए यही है कि क्या यह प्रक्रिया मरीज को बेहोश करके पूरी की गई ? और उस समय आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल में क्या संबंधित महिला मरीज के बिना ब्लड ग्रुप जांच किए, उसके ब्लड ग्रुप से मैच करता ब्लड ग्रुप उपलब्ध था ? अल्ट्रासाउंड तक नहीं करवाया गया ? कथित रूप से मरीज को बेहोश किए बिना अबॉर्शन किया गया ? ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण इस प्रक्रिया के दौरान कौन स्टाफ नर्स या फिर लेेडी नर्सिंग स्टाफ, पुरुष डॉक्टर के साथ मौजूद था । फिर भी 11 बजे से लगभग 12.20 तक की प्रक्रिया को देखा जाए तो अबॉर्शन की प्रक्रिया पूरी कर 12. 20 पर डिस्चार्ज कर संबंधित डॉक्टर के द्वारा अपने हस्ताक्षर किए गए ।
यही वह मामला है जिसकी जांच हरियाणा के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों या फिर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के जिम्मे सौंपी गई है । लेकिन जो सूत्र बताते हैं कि इस मामले की जांच लगभग 10 दिन के अंदरएक चिकित्सक के द्वारा पूरी कर अपनी रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है । यह तो इस मामले का आधा हिस्सा है , इसके आगे का जो भी कुछ हुआ- जब उस बात का खुलासा होगा तो इस बात से इंकार नहीं हरियाणा के अलावा अन्य स्थानों पर भी चिकित्सा जगत में पूरे प्रकरण को लेकर एक ऐसी बहस छिड़ सकती है । जिसका शायद ही किसी के पास कोई जवाब उपलब्ध हो सकेगा।
Advertisement
Advertisement

Related posts

दक्षिणी हरियाणा से खत्म होती जा रही जेजेपी ?डिप्टी सीएम दुष्यंत के विशेष सहायक महेश चौहान का पार्टी से इस्तीफा

atalhind

शराब के लिए पैसे नही दिए तो पति ने पत्नी पर बोला कस्सी से हमला

editor

Gurugram News -प्रेमी की हत्या करके शव को नहर में फेंकने की वाला दम्पति गिरफ्तार

editor

Leave a Comment

URL