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किसानों  का करनाल में सिर  फुड़वाने वाले  एसडीएम को जेल भेजने की बजाये छूटी पर भेजा 

किसानों  का करनाल में सिर  फुड़वाने वाले  एसडीएम को जेल भेजने की बजाये छूटी पर भेजा ,10 प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे.इतना ही नहीं सिन्हा के सिर फोड़े देने के बयान का बचाव करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तत्कालीन करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा का बचाव करते हुए कहा था कि आईएएस अधिकारी का शब्द चयन सही नहीं था, लेकिन वहां कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्ती की जरूरत थी.किसानों का धरना ख़त्म, लाठीचार्ज मामले के जांच के आदेश
चंडीगढ़:(अटल हिन्द ब्यूरो )
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हरियाणा सरकार ने पिछले महीने (28 अगस्त) करनाल में किसानों के प्रदर्शन के दौरान उन पर हुए लाठीचार्ज के मामले में शनिवार को जांच के आदेश दिए और दोनों पक्षों के बीच विवाद के केंद्र में रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी आयुष सिन्हा को अवकाश पर भेज दिया. इसके बाद किसानों ने कहा कि वह करनाल जिला मुख्यालय के बाहर जारी अपने प्रदर्शन को वापस ले लेंगे.
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आयुष सिन्हा पर कार्रवाई की मांग को लेकर किसान पिछले कुछ दिनों से यहां धरना दे रहे थे.क्योंकि  गौरतलब है की निःहथे किसानो का सिर फुड़वाने वाले इस सरकारी एसडीएम की तरफदारी करनाल के विधायक और हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज भी कर चुके है।
एक तरफ हरियाणा सरकार कहती है की कानून सबके लिए बराबर है किसी को भी कानून की धज्जीयां उड़ाने नहीं दी जाएगी दूसरी तरफ हरियाणा सरकार का अपना एक एसडीएम आयुष सिन्हा सरे आम आदेश दे रहा है की किसानों  फोड़ देना क्या किसी अफसर का यह आदेश कानून की रक्षा करने वाला है क्या। लगता तो ऐसा ही था क्योंकि कानून की धज्जियां उड़ाने वाले इस एसडीएम को बचाने के लिए पूरी हरियाणा सरकार समर्थन में उतर आई थी खास कर हरियाणा के सबसे दबंग मंत्री अनिल विज जो हमेशा इन्साफ  जाने जाते है पता नहीं इस बार इस लाठी कांड में इस दबंग मंत्री ने किसने दबाब में गुन्हेगार  दिया ?
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जहाँ तक इस एसडीएम के ब्यान की बात है अगर ऐसा कोई व्यक्त्व कोई आम जन या किसान दे देता तो उस पर ना जाने कितनी आईपीसी की धाराएं लगा कर जेल भेज दिया जाता फिर ऐसे भड़काने वाला ब्यान देने वाले एसडीएम खिलाफ क्यों एफआईआर दर्ज नहीं की गई क्यों उसे जेल नहीं भेजा गया ?
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खैर  देर से सही किसानों ने हरियाणा सरकार की किरकिरी तो कर ही दी इसलिए  अब  हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने करनाल में मीडिया को बताया कि जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे. उन्होंने बताया कि जांच एक महीने के भीतर पूरी होगी और करनाल के तत्कालीन उप संभागीय जिलाधिकारी (एसडीएम) आयुष सिन्हा इस दौरान अवकाश पर रहेंगे.
किसान सिन्हा के निलंबन की मांग कर रहे थे, जो एक वीडियो में पुलिसकर्मियों को किसानों का ‘सिर फोड़ देने’ के लिए कथित तौर पर आदेश देते सुने गए पर भेजा थे.करनाल में 28 अगस्त को भाजपा के बैठक स्थल की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था, जिस दौरान लगभग 10 प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे.
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इतना ही नहीं सिन्हा के सिर फोड़े देने के बयान का बचाव करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तत्कालीन करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा का बचाव करते हुए कहा था कि आईएएस अधिकारी का शब्द चयन सही नहीं था, लेकिन वहां कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्ती की जरूरत थी.
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