भारत में खत्म हो चुका है न्यायपालिका अब बीजेपी के छुटभैया नेता करेंगे न्याय ?
मध्य प्रदेश : बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद बीजेपी विधायक घर तोड़ने पहुंचे !
दिल्ली (राजकुमार अग्रवाल )
कैसा सुप्रीम कोर्ट कैसी अदालत भारत में खत्म हो चूका है न्याय पालिका और उसका दबदबा अब जब भारत की न्यायपालिका ही राजनेताओ के चरणों की दासी बन गई हो तो भला आम जनता अब न्याय मांगने कहाँ जाये किस का दरवाजा खटखटाये या फिर कथित धर्म के ठेकेदारों और उनको सरंक्षण देने वाली बीजेपी का उत्पीड़न यूँ ही सहन करते रहें जैसे राजा महाराजों के समय में होता था।
जी हाँ 2014 के बाद भारत में न्याय पालिका लगभग खत्म होने के कगार पर है जिसके चलते अब भारत की जनता का विश्वास न्याय पालिका से उठता जा रहा है और आम जन मानस या समुदाय उन नेताओ का उत्पीड़न सहने को मजबूर हो गया है। यही कारण है की आज छूट भये नेता भी देश की सर्वोच्च अदालत को ठेंगा दिखाने में लगे है और देखिये भारत की अदालते भी खुद का तमाशा बनते खुली आँख से देख रही है।
मामला मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में एक मंदिर के पास की कथित अतिक्रमण की दीवार गिराने के लिए भाजपा विधायक प्रदीप पटेल के बुलडोजर के साथ पहुंचे थे. पथराव की घटना के बाद उन्हें एहतियातन हिरासत में लेने के दो दिन बाद पुलिस ने गुरुवार को इलाके की घेराबंदी की और इलाके पर कब्जा करने की कवायद शुरू की.
रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, पटेल ने कहा कि जैसे ही वह रिहा होंगे, वह उस ढांचे को ध्वस्त कर देंगे, जो स्थानीय मंदिर की भूमि पर कथित अतिक्रमण का हिस्सा है.ज्ञात हो कि देवरा गांव के महादेवन मंदिर से जुड़ी करीब 9 एकड़ जमीन को लेकर विवाद है, जहां मुस्लिम समुदाय और दलित परिवारों के करीब 70 से 75 घर हैं. मुस्लिम समुदाय के लोगों का दावा है कि यहां उनके पुश्तैनी घर हैं. बताया गया है कि उनकी तरफ से भी जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.ग्रामीणों ने दावा किया कि मंगलवार को 25-30 लोगों की भीड़ ने उनके घरों पर हमला किया, जिसमें मुसलमानों और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया।मध्य प्रदेश के मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर न्याय या विध्वंस के निर्देशों की अवहेलना करते हुए 19 नवंबर, 2024 को कानून अपने हाथ में ले लिया।
पटेल ने खटकरी गांव में एक भूखंड से लोगों को बेदखल करने का प्रयास किया, जहां 7 आदिवासी और 13 हिंदू सहित 43 परिवार पीढ़ियों से रह रहे हैं।इस बीच, ग्रामीणों ने दावा किया कि मंगलवार को 25-30 लोगों की भीड़ ने उनके घरों पर हमला किया, जिसमें मुसलमानों और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया।पुलिस ने घटना में शामिल 30 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।मऊगंज के जिला मजिस्ट्रेट अजय श्रीवास्तव ने बताया कि राजस्व न्यायालय के आदेश के बाद सभी परिवारों को बेदखली के नोटिस दिए गए थे। प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया है और उसके अनुसार कार्रवाई की है।
पटेल ने कहा, ‘मुझे खुद ही अतिक्रमण हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा. जैसे ही मैं यहां से रिहा होऊंगा, मैं 500 लोगों को साथ लेकर सीधे अतिक्रमण हटाने जाऊंगा.’
मऊगंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुराग पांडे ने अखबार को बताया, ‘विधायक को एहतियातन हिरासत में लिया गया है. मैं पिछले दो दिनों से मौके पर हूं और शांति बनाए रखने के लिए करीब 180 पुलिसकर्मियों की तैनाती की है. इस इलाके में अतिक्रमण है और यहां हिंदू और मुस्लिम समुदाय के परिवार रहते हैं. मामले की सुनवाई स्थानीय अदालत में चल रही है.’
विधायक से बात करने के लिए भेजे गए भाजपा नेता और राज्य मंत्री लखन पटेल ने कहा, ‘मैंने उनसे मुलाकात की. हमने करीब तीन घंटे तक बात की. उनकी एकमात्र मांग अतिक्रमण हटाना है.’ उन्होंने यह भी कहा कि अगर विधायक के इस दावे के लिए कोई सबूत है कि जमीन पर रहने वाले लोगों ने ‘देश विरोधी नारे’ लगाए, तो इसकी जांच की जाएगी.
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